भगवानपुर आंदोलन के पीछे साजिश, डिनर डिप्लोमेसी पर राव इंद्रजीत सिंह का पलटवार

राजेश भारद्वाज स्टेट हेड हरियाणा

 

रेवाड़ी। केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने भगवानपुर में प्रस्तावित 200 बेड के अस्पताल और हाल ही में हुई डिनर डिप्लोमेसी को लेकर पहली बार मीडिया के सामने खुलकर बयान दिया। उन्होंने इन दोनों मामलों को लेकर चल रहे विरोध और चर्चाओं को एक राजनीतिक षड्यंत्र करार दिया।

 

राव इंद्रजीत सिंह ने कहा कि भगवानपुर में आंदोलन की आड़ में कुछ हारे हुए कांग्रेसी और विपक्षी नेता अपनी राजनीतिक भड़ास निकाल रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ लोग क्षेत्र की जनता को गुमराह कर रहे हैं और उनके साथ धोखा कर रहे हैं। साथ ही उन्होंने भगवानपुर के सरपंच प्रतिनिधि पर आरोप लगाया कि लोकसभा चुनाव में उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी का समर्थन किया था।

 

डिनर डिप्लोमेसी पर बोलते हुए केंद्रीय मंत्री ने स्पष्ट किया कि यह भाजपा की नीति रही है कि लोगों को जोड़ा जाए, और यह सिर्फ उनकी बेटी आरती के नए घर में शिफ्ट होने के उपलक्ष्य में आयोजित सामाजिक कार्यक्रम था। उन्होंने कहा कि इससे पहले भी उन्होंने कमल सखी कार्यक्रम के तहत ऐसे आयोजन किए हैं।

 

राव इंद्रजीत सिंह ने कुछ लोगों पर उनकी बेटी के खिलाफ अनर्गल बयानबाजी करने का आरोप लगाते हुए चेताया कि यदि ऐसी भाषा का प्रयोग जारी रहा, तो वे मानहानि का दावा ठोकेंगे। उन्होंने कहा, “मेरे खिलाफ बोलो, पर मेरी बेटी के खिलाफ अभद्र भाषा बर्दाश्त नहीं की जाएगी।”

 

*एम्स प्रकरण पर भी खोला मोर्चा*

राव इंद्रजीत सिंह ने एम्स निर्माण को लेकर भी तीखा प्रहार किया। उन्होंने बताया कि जब जेपी नड्डा केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री थे, तब सरकार की नीति के तहत हर राज्य में एम्स की योजना थी। बावल में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने उनके अनुरोध पर एम्स कीl घोषणा की थी, लेकिन बाद में मनेठी पंचायत की लापरवाही के कारण एम्स निर्माण में बाधा आई।

 

उन्होंने कहा कि मनेठी की पंचायत को यह जानकारी थी कि प्रस्तावित जमीन में 200 एकड़ क्षेत्र वन विभाग का है, बावजूद इसके उन्होंने गलत जानकारी के साथ फाइल दिल्ली भिजवा दी। जब केंद्रीय टीम ने निरीक्षण किया, तब यह तथ्य सामने आया और वहां एम्स नहीं बन पाया।

 

उन्होंने एम्स संघर्ष समिति को भी कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि यह समिति केवल छलावा थी, जिसने क्षेत्र के पांच साल बर्बाद कर दिए। वहीं, उन्होंने माजरा गांव की पंचायत का आभार जताते हुए कहा कि माजरा की जमीन मिलने से ही आज एम्स का निर्माण संभव हो सका।

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