अविमुक्तेश्वरानंद की वसीयत को अखाड़ा परिषद ने फर्जी बताया:रवींद्र पुरी बोले- इसकी जांच हो, योगी के इस्तीफे का परमादेश वह कैसे जारी कर सकते हैं

सौरभ चतुर्वेदी ब्यूरो अहमदाबाद

अविमुक्तेश्वरानंद की वसीयत को अखाड़ा परिषद ने फर्जी बताया:रवींद्र पुरी बोले- इसकी जांच हो, योगी के इस्तीफे का परमादेश वह कैसे जारी कर सकते है

 

 

महाकुंभ में भगदड़ के बाद ज्योतिष्पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने CM योगी को हटाने का परमधर्मादेश जारी किया। अब स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद की वसीयत को अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रवींद्र पुरी ने फर्जी करार दिया है।

 

रवींद्र पुरी ने महाकुंभ को लेकर सरकार की व्यवस्थाओं को सराहा। कहा- स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद का शंकराचार्य पद पर हुआ पट्टाभिषेक गलत है। इसकी उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए।

 

रवींद्र पुरी ने गुरुवार को निरंजनी अखाड़े की छावनी में कहा- CM योगी सनातन धर्म की रक्षा और संतों की सेवा के पर्याय बन गए हैं। महाकुंभ हादसा एक महज संयोग था। इसे लेकर CM के इस्तीफे का परमादेश स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद कैसे जारी कर सकते हैं।

 

रवींद्र पुरी बोले- 13 अखाड़ों के संत योगी के साथ रवींद्र पुरी ने कहा- अविमुक्तेश्वरानंद ने अपने गुरु की फर्जी वसीयत के आधार पर खुद को शंकराचार्य घोषित किया है। गुरु की समाधि से पहले ही उन्होंने अपना पट्टाभिषेक करा लिया था, जो विधि सम्मत नहीं है। इसकी जांच कराई जानी चाहिए। रवींद्र पुरी ने कहा- सभी 13 अखाड़ों के पदाधिकारी और शीर्ष संत CM योगी के साथ हैं।

 

बता दें कि स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने गुरुवार को CM योगी पर कई गंभीर आरोप लगाते हुए भाजपा से उन्हें हटाकर किसी और को मुख्यमंत्री बनाने का परमधर्मादेश जारी किया था।

 

रवींद्र पुरी बोले- नेताओं को गैर जिम्मेदाराना बयान नहीं देना चाहिए भगदड़ को लेकर नेताओं की सियासत पर अखाड़े के संतों में नाराजगी है। रविंद्र पुरी ने कहा- जिस तरह से शासन प्रशासन ने पूरी व्यवस्था को संभाला, वह प्रशंसनीय है। ऐसे मौके पर आने वाली श्रद्धालुओं की भीड़ की भी जिम्मेदारी है कि वह संयम बरतें। प्रशासन के निर्देशों का पूरी तरह पालन करें। नेताओं को ऐसे विषयों पर गैर जिम्मेदाराना बयान नहीं देना चाहिए।

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