संगम स्नान की जिद छोड़ें, किसी भी घाट पर नहा लीजिए’, महाकुंभ भगदड़ के बाद साधु-संतों की अपील

सौरभ चतुर्वेदी ब्यूरो अहमदाबाद

महाकुंभ मेला 2025 में मौनी अमावस्या के दिन भोर की भगदड़ के बाद अखाड़ों के संत भी व्यथित हो गए हैं। अखाड़ों ने आज का अमृत स्नान रद्द कर दिया है। वहीं स्वामी रामभद्राचार्य ने लोगों से अपील की है कि वो भीड़ और ऐसे हालात को देखते हुए संगम स्नान की जिद छोड़ें और नजदीकी घाटों पर स्नान करें।

अपनसंगम स्नान की जिद छोड़ें, किसी भी घाट पर नहा लीजिए’, महाकुंभ भगदड़ के बाद साधु-संतों की अपील

महाकुंभ मेला 2025 में मौनी अमावस्या के दिन हुई भगदड़ के बाद अखाड़ों ने अमृत स्नान रद्द कर दिया है। साध्वी निरंजना ज्योति और स्वामी रामभद्राचार्य ने भक्तों से अपील की है कि वे संगम घाट पर जाने की जिद छोड़कर नजदीकी घाटों पर स्नान करें। वहीं अपील की गई है कि श्रद्धालु ऐसे हालात को देखते हुए संगम स्नान की जिद छोड़ दें। अखाड़ों का बड़ा फैसला

साध्वी निरंजना ज्य

प्रयागराज: महाकुंभ मेला 2025 में मौनी अमावस्या के दिन भोर की भगदड़ के बाद अखाड़ों के संत भी व्यथित हो गए हैं। अखाड़ों ने आज का अमृत स्नान रद्द कर दिया है। वहीं स्वामी रामभद्राचार्य ने लोगों से अपील की है कि वो भीड़ और ऐसे हालात को देखते हुए संगम स्नान की जिद छोड़ें और नजदीकी घाटों पर स्नान करें।

 

 

क्या कहा साध्वी निरंजना ज्योति ने

महाकुंभ मेले में भगदड़ के बाद अखाड़ों ने आज यानी मौनी अमावस्या का अमृत स्नान रद्द कर दिया है। साध्वी निरंजना ज्योति ने कहा कि ‘यह एक दुखद घटना है. जो कुछ भी हुआ वह ठीक नहीं था। अखाड़ा परिषद ने जनहित को ध्यान में रखते हुए अपना अमृत स्नान रद्द करने का निर्णय लिया है। संगम पर एकत्रित श्रद्धालुओं की संख्या अनुमान से अधिक है। मैं लोगों से अपील करती हूं कि पूरा मेला क्षेत्र कुंभ है, इसलिए वे केवल त्रिवेणी घाट ही नहीं बल्कि किसी भी घाट पर स्नान कर सकते हैं।’

जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य ने महाकुंभ भगदड़ के बाद कहा कि ‘मैं सभी भक्तों से अपील करता हूं कि आज प्रयागराज में भारी भीड़ उमड़ी है, इसलिए वे केवल संगम घाट पर ही पवित्र स्नान करने की जिद न करें। अभी उन्हें अपना शिविर नहीं छोड़ना चाहिए और उनकी सुरक्षा की तलाश करें।’

 

आध्यातिक गुरु देवकी नंदन ठाकुर ने कहा कि ‘मैं संगम घाट पर नहीं गया क्योंकि वहां भीड़ बहुत ज्यादा होती है। मेरी लोगों से अपील है कि संगम घाट पर ही स्नान करने की जिद न करें। पूरी गंगा और यमुना नदियां इस समय ‘अमृत’ हैं।

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