पहाड़पुर गौशाला में भूख से तड़पकर मर रहे गोवंश

मनोज कुमार शर्मा ब्यूरो चीफ मैनपुरी

 

*मृत गोवंश को दफनाने की बजाय उठाकर मैदान में फेंक दिया जाता*

 

*गौ भक्त बुलडोजर बाबा की सरकार में जिम्मेदार नहीं निभा रहे जिम्मेदारी*

 

*रामबाबू रघुवंशी ब्यूरो चीफ जिला मैनपुरी*

 

मैनपुरी। कुरावली,क्षेत्र के गांव पहाड़पुर में संचालित गौशाला में भूख से तड़पकर गोवंश दम तोड़ रहे है। दम तोड़ने के बाद मृत गोवशों को धरती मां की गोद भी नसीब नहीं हो रहीं है। गोवंशों के शव को रेहड़ी पर लादकर गांव से बाहर मैदान में फेंक दिया जाता है। बताया जाता है कि पहाड़पुर में यह सिलसिला लंबे समय से चला आ रहा है। गौशाला देखरेख की जिनकी जिम्मेदारी है वे जिम्मेदार अपनी जिम्मेदारी से भाग रहे है। गौशाला के संबंध में पंचायत सचिव से कोई कुछ कहता है तो वह सीधे धमकी देने लगता है।

मिली जानकारी के अनुसार क्षेत्र के गांव पहाड़पुर स्थित गौशाला में सोमवार की रात्रि एक गोवंश की मौत हो गई। काफी देर तक गोवंश का शव गौशाला में ही पड़ा रहा, उसके बाद जिम्मेदार लोगो ने गोवंश के शव को रेहड़ी में डलवाया और गांव से बाहर मैदान में डलवा दिया गया, इसकी जानकारी मिलने पर ज्ञात हुआ कि पहाड़पुर गौशाला के अंदर आएदिन भूख प्यास से तड़पकर गोवंश दम तोड़ देते है। जो गोवंश दम तोड़ देते है उनके पार्थिव शरीर को धरती मां की गोद भी नसीब नहीं होती, उनके शव को गांव से बाहर मैदान में फेंक दिया जाता है। एक ग्रामीण ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि यहां तो यह लंबे समय से हो रहा है। गोवंश भूख प्यास से गौशाला के अंदर ही दम तोड़ देते है और उनके पार्थिव शरीर को रेहड़ी पर लादकर मैदान में फेंक दिया जाता है।

 

मुख्यमंत्री के आदेश कागजों में सिमटकर रह गए

एक तरफ जहां यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा बेसहारा गोवंशों को पकड़कर गौशाला भेजने के आदेश दिए जाते है। लेकिन उनके आदेश का असर धरातल पर केवल दो या तीन दिन देखने को मिलता है। उसके बाद मुख्यमंत्री के आदेश और बेसहारा घूम रहे गोवंशों को पकड़कर स्थानीय गौशाला भेजने का मामला केवल कागजों पर ही सिमटकर रह जाता है। ऐसा लगभग हर बार ही होता है। अगर सच्चाई की तरफ जाएं तो कुरावली क्षेत्र के गांवों में सैंकड़ो गोवशों बेसहारा घूम रहे है। जो चीख चीखकर कह रहे है कि जिम्मेदार अपनी जिम्मेदारी से भाग रहे है। कुरावली ब्लॉक क्षेत्र में शायद ही ऐसा गांव होगा जहां पर बेसहारा गोवंश घूमते हुए नहीं दिखे, लगभग सभी गांवों में बेसहारा गोवंश घूम रहे है।

 

आवारा कुत्तें बनाते है अपना निवाला

ग्रामीणों ने बताया कि जब किसी गोवंश की मौत हो जाती है तो उसके शव को गांव से बाहर मैदान में फेंक दिया जाता है। बाकी का काम गांव में घूमने वाले आवारा कुत्ते करते है। जो फेंके गए गोवंश के शव को अपना निवाला बनाते है। पहाड़पुर में यह वाक्या अक्सर ही देखने को मिल जाता है। ऐसा केवल जिम्मेदार अधिकारियों के जिम्मेदारी न निभाने की बजह से है। अगर जिम्मेदार अपनी जिम्मेदारी ठीक से निभाएं तो गौशाला के अंदर गोवंश की मौत ही न हो पाएं।

 

क्या बोलीं मुख्य विकास अधिकारी मैनपुरी

कुरावली के पहाड़पुर स्थित गौशाला में गोवंशों के मरने की जानकारी नहीं है। गौशाला में अगर गोवंश भूख प्यास से तड़पकर दम तोड़ रहे है तो इसके बारे में जानकारी की जाएगी, अगर जिम्मेदार अधिकारी अपनी जिम्मेदारी नहीं निभा रहे है तो उनके विरुद्ध कार्रवाई कराई जाएगी। मंगलवार की सुबह जिस गोवंश का शव मैदान में फेंका गया है संबंधित अधिकारी को निर्देश देकर शव को दफनाने के कहा जाएगा।- नेहा बंधु, मुख्य विकास अधिकारी मैनपुरी।

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