मतदान के दौरान मतदान केन्द्र, बूथ तथा इसके 100 मीटर के दायरे में मोबाईल, वायरलेस व कॉर्डलेस उपकरणों पर पाबंदी

शिव कुमार यादव स्वतंत्र प्रबोध पत्रिका

 

जिलाधीश अभिषेक मीणा ने भारतीय नागरिंक संहिता 2023 की धारा-163 के तहत जारी किए आदेश

 

रेवाड़ी, 04 अक्टूबर। जिलाधीश एवं जिला निर्वाचन अधिकारी अभिषेक मीणा ने भारतीय नागरिंक संहिता की धारा-163 के तहत प्रदत शक्तियो का प्रयोग करते हुए यह आदेश जारी किए है कि मतदान केंद्रों की 200 मीटर की परिधि में किसी भी राजनीतिक दल अथवा चुनाव प्रत्याशी द्वारा बूथ स्थापित नही किया जा सकता है। 200 मीटर के बाहर भी बूथ स्थापित करने के लिए उम्मीदवार या राजनैतिक दल द्वारा सम्बन्धित रिटर्निग अधिकारी की अनुमति लेना आवश्यक हैं। इसके इसके अलावा बूथ स्थापित करने से पहले सम्बन्धित नगर निकाय संस्था, जिला परिषद, कस्बा क्षेत्र समिति, पंचायत समिति, ग्राम पंचायत इत्यादि से स्थानीय कानून के तहत अनुमति ली जानी चाहिए। बूथ में भी दो कुर्सी और एक मेज लगाई जा सकती हैं। मौसम के मद्देनजर इनके ऊपर छाता या कपडे से बना आवरण लगाया जा सकता है। उम्मीदवार या राजनैतिक दल के नाम या निशान वाली अनाधिकृत वोटर पर्चियां भी नही दी जा सकती। बूथ पर किसी तरह की भीड़ इकट्ठी नहीं की जा सकती। वोट डालने के बाद मतदाता वहां इक्टठा नही हो सकते। बूथ के कारण से मतदान केन्द्र तक आने-जाने के रास्ते पर किसी भी तरह का व्यवधान पैदा नही किया जाना चाहिए, जिससे कि मतदाता को कोई दिक्क्त हो। बूथ को किसी मतदाता पर मतदान के सम्बन्ध में कोई दबाव नही बनाया जा सकता। विधानसभा चुनाव के दिन मतदान केन्द्र, बूथ तथा इसके 100 मीटर के दायरे में मोबाईल, सेल्यूलर, वायरलेस व कॉर्डलेस आदि उपकरण रखने पर भी पाबंदी रहेगी। प्रतिबधिंत क्षेत्र में अगर किसी भी व्यक्ति के पास मतदान केन्द्र में ऐसा उपकरण मिला, तो उसे जब्त कर कानूनी कार्यवाही की जायेगी। उक्त आदेश दिनांक 8 अक्टूबर के दिन मतगणना केन्द्रो तथा इसके 100 मीटर के दायरे मे लागू रहेंगे। चुनाव ड्यूटी व कानून व्यवस्था पर तैनात अधिकारियों को निर्वाचन आयोग की हिदायतों के अनुसार इन आदेशों से छूट दी गई है। इसके अलावा आयोग द्वारा लगाए गए पर्यवेक्षकों और अधिकृत व्यक्ति पर ये आदेश लागू नहीं होंगे। विस्तृत आदेश जिला प्रशासन की वेबसाइट डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यूडॉटरेवाड़ीडॉटजीओवीडॉटइन

(www.rewari.in) पर देखे जा सकते हैं। जिला, सबडिवीजन, तहसील सत्र के कार्यालय, न्यायिक परिसर, थाना/चौकियों इत्यादि के नोटिस बोर्ड पर भी इन्हें लगाया गया हैं।

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