मथुरा पार्टी कार्यालय पर प्रधानमन्त्री जी की मन की बात को सुना उसके उपरान्त श्यामा प्रसाद मुखर्जी जी के चित्र पर माल्यार्पण किया और एक पेड़ माँ के नाम के अंतर्गत नीम का पेड़ रोपित किया

निर्भय यादव मथुरा

आज मथुरा पार्टी कार्यालय पर प्रधानमन्त्री जी की मन की बात को सुना उसके उपरान्त श्यामा प्रसाद मुखर्जी जी के चित्र पर माल्यार्पण किया और एक पेड़ माँ के नाम के अंतर्गत नीम का पेड़ रोपित किया!

आज (29 जून, 2025) के 123वें ‘मन की बात’ कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी जी ने कुछ छोटे लेकिन महत्वपूर्ण विषयों पर विशेष ज़ोर दिया — आइए देखे कि उन्होंने क्या-क्या कहा और क्यों सतही नहीं बल्कि इन छोटे तत्वों को भी महत्ता देते हैं!

1. इमरजेंसी का ज़िक्र

पीएम ने उन परिप्रेक्षों पर प्रकाश डाला जब इमरजेंसी के दौरान लोकतंत्र की हत्या हुई और न्यायपालिका को ‘पपेट’ बनाने की कोशिश की गई — यह हमें छोटी-छोटी संवैधानिक खामियों से भी सतर्क रहने की याद दिलाता है ।

 

2. ट्रेकोमा-मुक्त भारत

उन्होंने देश को ट्रेकोमा (एक आंख की बीमारी) से मुक्त करने की बड़ी ये उपलब्धि साझा की — यह छोटी लेकिन सार्वजनिक स्वास्थ्य में बड़ी सफलता है ।

 

3. योग और स्वास्थ्य

इंटरनेशनल योग दिवस के संदर्भ में योग की अहमियत फिर से रेखांकित की — छोटे-छोटे योगाभ्यास भी मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण हैं ।

 

4. धार्मिक तीर्थयात्राएँ

धार्मिक यात्राओं और पारंपरिक पवित्रताओं पर चर्चा की, जो छोटे-छोटे संस्कृतिक रिवाज़ों में हमारी एकात्मता को स्पष्ट करती हैं ।

क्यों इन छोटी-छोटी बातों को देते हैं पीएम मोदी ज़्यादा महत्व?

 

सिस्टम में सुधार: छोटे-छोटे कार्य स्वास्थ्य, संस्कृति और लोकतंत्र के स्तंभों को मजबूत बनाते हैं।

 

हायर उद्देश्य: ये छोटे कदम देश के बड़े विज़न—‘आत्मनिर्भर भारत’, ‘स्वच्छ भारत’, ‘आयुष्मान भारत’—का आधार रखते हैं।

 

सांस्कृतिक संपर्क: छोटे-छोटे संस्कारों और परंपराओं की रक्षा, राष्ट्र की आत्मा को समृद्ध बनाती है।

 

पीएम मोदी का यह दृष्टिकोण बताता है कि “हर छोटा कदम, बड़ा बदलाव” ले आता है। स्वास्थ्य, संस्कृति व लोकतांत्रिक मूल्यों को सुदृढ़ करने वाले ये छोटे प्रयास देश के स्थायी विकास का आधार हैं

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