जनपद मथुरा में विश्व पर्यावरण दिवस पर जर्नलिस्ट काउंसिल ऑफ इंडिया (रजि) के पदाधिकारियों एवं सदस्यों ने किया वृक्षारोपण

गोपाल चतुर्वेदी ब्यूरो चीफ मथुरा

 

भयंकर गर्मी से बचने का सिर्फ़ एक उपाय, आइए हम सब मिलकर अपने आस – पास छायादार पेड़ लगाएं : राष्ट्रीय संयोजक आर सी श्रीवास्तव

 

बरगद एक लगाइये, पीपल रोपें पाँच, घर – घर नीम लगाइये, यही पुरातन साँच : राष्ट्रीय अध्यक्ष जेसीआई अनुराग सक्सैना

 

आओ पेड़ लगाये, साथ ही अपना और अपनो का वर्तमान और भविष्य तथा जीवन बचायें, प्रकृति को जीवंत बनाएं : नागेन्द्र पांडे प्रदेश सलाहकार समिति जेसीआई उत्तर प्रदेश

 

मथुरा। जनपद मथुरा में जर्नलिस्ट काउंसिल आफ इंडिया के पदाधिकारी एवं कार्यकर्ताओं द्वारा पर्यावरण दिवस के अवसर पर वृक्षारोपण कर प्रकृति को कुशल एवं हरा भरा बनाने की दिशा में वृक्षारोपण कार्यक्रम चलाया गया जिसमें अधिक से अधिक जगह पर वृक्ष लगाए गए जिसमें जर्नलिस्ट काउंसिल आफ इंडिया के वरिष्ठ पदाधिकारी का भरपूर सहयोग मथुरा जिला कार्यकारिणी को मिला तथा फोन पर वार्ता किए जाने पर उनके द्वारा अपने-अपने विचारों से जिला मथुरा की टीम को पर्यावरण के विषय में आवश्यक जानकारी एवं पर्यावरण के लाभों के बारे में समझाया व प्रोत्साहित किया गया

जेसीआई के राष्ट्रीय संयोजक आर सी श्रीवास्तव ने कहा कि हर वर्ष हमारी पृथ्वी का तापमान बढ़ रहा है, इसके तापमान का संतुलन बनाए रखने के लिए पृथ्वी का हरा-भरा होना अति आवश्यक है। हम चाहे कितनी भी तरक्की कर ले, यदि तापमान/गर्मी इसी तरह बढ़ती रहेगी तो आने वाले समय में इसका भयंकर परिणाम होगा। वहीं, इस बार की प्रचंड गर्मी ने सारे रिकार्ड ध्वस्त कर दिये हैं। पता नहीं अभी पारा और कितना ऊपर जायेगा। आज हर शख़्स गर्मी से परेशान है, हर तरफ़ हाय हाय मची हुई है। , आज पूरे भारत में करोड़ पेड़ों की जरूरत है। तापमान कुछ ही समय में 40°C से 47°तक पहुंच जाता है। 56°C में इंसानों का जीवित रहना मुश्किल होगा और अभी गर्मी ने तो अपना तेवर दिखाना शुरू ही किया है। 45 से 49 डिग्री को 56° होने में देर नहीं लगेगी। अभी से आगामी वर्षो में खरतनाक गर्मी का क्या सितम होगा? ये एक कुदरत की चेतावनी हैं अभी से सतर्क हो जाइये और पौधे लगाने की शुरु कर दीजिए क्योंकि एक पौधे को बड़ा होने मे कम से कम 5 साल लग जाएगे। इसलिए अभी भी समय हैं जागिये, दूसरों या सरकार के भरोसे मत रहिये। अपने आस पास अधिक से अधिक पौधे लगाएं,

 

हर साल बढ़ते तापमान और भीषण गर्मी को देखते हुए जेसीआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुराग सक्सैना ने सभी से हाथ जोड़कर विनम्र विनती करते हुये कहा कि हम अपने मन में यह विचार रखें कि पर्यावरण को बचाना है, सुरक्षित रखना है, तो आइए हम सब मिलकर अपने आस – पास अधिक से अधिक छायादार पेड़ लगाएं। वर्तमान और भविष्य बचाएं, साथ ही अपना और अपनो का जीवन बचायें तथा प्रकृति को जीवंत बनायें। आओ ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाए। यकीन जानिए अगर, हम 150 करोड़ लोग यदि एक – एक पेड़ लगा दे और उसकी देखभाल करे तो मजाल है इतनी गर्मी परेशान करे, चलो शुरुआत करे। क्योकि इस प्रचंड गर्मी से निजात पाने का अब बस एक ही परमानेंट तरीका हैं कि अपने आस – पास ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाए। अभी भी समय है, हर आदमी पेड़ लगाए और उसकी देखभाल करे, अगर पेड़ पौधे नही लगाए गए तो आने वाला समय इससे भी भयावह होगा। हम सब जानते हैं कि उत्तर प्रदेश की आबादी लगभग 22 करोड़ से ज्यादा हैं, अगर आज सिर्फ एक पेड़ लगाता है, तो सीधे 22 करोड़ पेड़ उगेंगे और अगली गर्मियों में तापमान 30 डिग्री होगा और बारिश भी अधिक होंगी। इसलिए आज थोड़ा अगली पीढ़ी के बारे में सोचो और एक पेड़ लगाएं। जैसे लोग अच्छे भविष्य कि सोचकर अपने बच्चों के लिए बीमा करते हैं, इसी तरह भविष्य में बच्चों को अच्छा पर्यावरण मिलें। इसके लिए पेड़ लगाना चाहिए और पौधों को बचाना चाहिए। पेड़ पौधे हैं, तो पृथ्वी पर जीवन है। जब पृथ्वी पर जीवन ही नहीं रहेगा तो इतनी टेक्नोलॉजी बनाकर क्या करोगे इंसान? इसलिए पेड़ों को ना काटा जाए तथा ज्यादा से ज्यादा वृक्ष लगाया जाए ताकि पर्यावरण और जीवन दोनों को बचाया जा सके। सोचिये 45° डिग्री टेंपरेचर की गर्मी में ऐसी कूलर पंखा बिल्कुल काम नही कर रहैं है और जिनके पास कुछ नहीं है वह किस तरह कैसे रहते होंगे? पेड़ पौधे एकदम बड़े नहीं होते उनको बड़े होने में कमसे कम 5 साल का लगता है, इसलिए हमें पेड़ का उचित स्थान का चयन करके अच्छे छायादार व फलदार वृक्ष लगाने चाहिए। पिछले 68 सालों में पीपल, बरगद और नीम के पेडों को लगाने का चलन कम हुआ हैं। जबकि पीपल कार्बन डाई ऑक्साइड का 100% एबजॉर्बर है, बरगद 80% और नीम 75 % हैं, लेकिन इसके बदले लोगों ने विदेशी यूकेलिप्टस को लगाना शुरू कर दिया, जो जमीन को जल विहीन कर देता है। आज हर जगह यूकेलिप्टस, गुलमोहर और अन्य सजावटी पेड़ो ने ले ली है। अब जब वायुमण्डल में रिफ्रेशर ही नहीं रहेगा तो गर्मी तो बढ़ेगी ही, और जब गर्मी बढ़ेगी तो जल भाप बनकर उड़ेगा ही इसलिए हर 500 मीटर की दूरी पर एक पीपल का पेड़ लगायें,तो आने वाले कुछ साल भर बाद प्रदूषण मुक्त भारत होगा।पीपल के पत्ते का फलक अधिक और डंठल पतला होता है, जिसकी वजह शांत मौसम में भी पत्ते हिलते रहते हैं और स्वच्छ ऑक्सीजन देते रहते हैं। वैसे भी पीपल को वृक्षों का राजा कहते है। इन जीवनदायी पेड़ों को ज्यादा से ज्यादा लगाने के लिए समाज में जागरूकता बढ़ायें, बाग बगीचे बनाइये, पेड़ पौधे लगाइये,जैसे मनुष्य को हवा के साथ पानी की जरूरत है, वैसे ही पेड़ पौधों को भी हवा के साथ पानी की जरूरत है।बरगद एक लगाइये, पीपल रोपें पाँच, घर – घर नीम लगाइये, यही पुरातन साँच। यही पुरातन साँच, आज सब मान रहे हैं। भाग जाय प्रदूषण सभी अब जान रहे हैं। विश्वताप मिट जाये, होय हर जन मन गदगद, धरती पर त्रिदेव हैं, नीम पीपल और बरगद। इसलिए कम से कम एक व्यक्ति ने हर वर्ष अपने जन्मदिन पर एक पौधा अवश्य लगाना चाहिए। तभी हम इस पृथ्वी को बचा पाएंगे और धरती का तापमान हरियाली से ही संतुलित रहेगा।

 

जेसीआई प्रदेश सलाहकार समिति के सदस्य नागेन्द्र पांडे ने कहा कि जब कोरोना आया तब सभी बड़े उत्सुक थे की अब धरती माँ का श्रृंगार हरियाली से कर देंगे लेकिन जैसे ही सामान्य हुआ सभी भूल गए। हम अगर एक पेड़ लगाए या जो पेड़ गवर्नमेंट ने सडक के किनारे लगाए है। ऑफिस जाते समय या दैनिक कार्य से निकलते हुए एक बोतल पानी साथ लेकर निकले और प्रतिदिन प्रति व्यक्ति सिर्फ एक पेड़ को पानी दे तो पेड़ पौधो की संख्या बढ़ने लगेगी। क्योंकि सरकार द्वारा लगाए गए पेड़ पौधे देखभाल और पानी की कमी मे सुख जाते है और करोडो़ं रुपये बर्बाद हो जाते हैं। जरा सोचिये जैसे गर्मी के कारण अपने अपने घरों के कूलर में आजकल लोग हवा को ठंडा रखने के लिए दिन में 4 बार पानी डालते है। वैसे ही यदि पेड़ में 1बार भी पानी डालते रहे तो पेड़ पौधे हरे भरे लहलहाते दिखएंगे और तापमान सामान्य रूप में आ जायेगा। अगर हम सभी व्यक्तिगत तौर पर आगे आएँ और सरकार द्वारा लगाएं गए पेड़ पौधों की सुरक्षा हमें सभी राष्ट्रहित में अपना नैतिक कर्तव्य समझते हुए पहल करते हुए ये जिम्मेदारी उठानी चाहिए और सरकार का सहयोग करना चाहिए।

 

मंडल संयोजक आगरा मंडल एवं जिला अध्यक्ष (अतिरिक्त प्रभार) अजय कुमार त्रिपाठी ने कहा कि हमें अपने जीवन में पेड़-पोधौ के महत्व को समझना चाहिए। जब पेड़ भी नहीं रहेंगे तो गर्मी तो पड़ेगी ही और इस भयंकर गर्मी से बचने के लिए और परमानेंट सॉल्यूशन के लिए एक ही रास्ता है अपने आस पास ज्यादा से ज्यादा पेड़ पौधे लगाएं। अबकी बार बढ़ती गर्मी को रोकने के लिए और पर्यावरण को बचाने के लिए ज्यादा से ज्यादा वृक्ष रोपन करें। आओ मिलकर प्रकृति बचाएं, छायादार पेड़ लगाएं और गर्मी भगाएं। हमारी ये छोटी सी पहल आने वाले भविष्य और आने वाली पीढ़ी के लिए वरदान साबित होंगी।

पर्यावरण दिवस के इस अवसर पर वरिष्ठ पत्रकार गोपाल चतुर्वेदी,मंडल संयोजक आगरा मंडल एवं जिला अध्यक्ष (अतिरिक्त प्रभार), जिला उपाध्यक्ष श्यामसुंदर गौतम, जिला महासचिव मुकेश मिश्रा, जिला सचिव हिमांशु यादव, जिला कोषाध्यक्ष तरुण, जिला मीडिया प्रभारी प्यूष यादव, जिला सचिव हेतराम सिंह सक्रिय सदस्य गिरीश भारद्वाज श्यामसुंदर गोवर्धन, धर्मेंद्र, जीतेन्द्र,सुधा सिंह द्वारा सहभागिता कर वृक्षारोपण किया गया

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