विश्व छात्र दिवस : छात्रों के लिए एक उत्सव

राजेश भारद्वाज स्टेट हेड हरियाणा

 

छात्र ही एक शिक्षक के मूल्यांकन का असली दर्पण हैं” : शिक्षाविद मनोज वशिष्ठ

 

रेवाड़ी। हर साल 15 अक्तूबर को विश्व छात्र दिवस के रूप में मनाया जाता है, जो भारत के पूर्व राष्ट्रपति और महान वैज्ञानिक डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम की जयंती को समर्पित है। इस दिवस का उद्देश्य शिक्षा में समान अवसर, नवाचार की भावना और छात्रों के योगदान को सम्मान देना है।

 

शिक्षाविद मनोज वशिष्ठ ने विश्व छात्र दिवस की पूर्व संध्या पर अपने पूर्व और वर्तमान छात्रों के साथ ऑनलाइन संवाद कर इस दिन का विशेष महत्व साझा किया। उन्होंने कहा कि “छात्र ही शिक्षक के मूल्यांकन का असली दर्पण होते हैं”। उन्होंने आगे कहा कि वे आज भी स्वयं को एक विद्यार्थी मानते हैं, क्योंकि सीखना जीवन भर चलने वाली प्रक्रिया है।

 

मनोज वशिष्ठ ने कहा कि छात्रों की उपलब्धियों को सम्मानित कर उनके आत्मविश्वास को बढ़ाना आवश्यक है। उन्होंने डॉ. कलाम के प्रेरणादायक जीवन का उल्लेख करते हुए कहा कि उन्होंने हमेशा युवाओं को बड़े सपने देखने और उन्हें साकार करने की प्रेरणा दी।

 

उन्होंने समाज से अपील की कि छात्र राष्ट्र निर्माण के सबसे सशक्त स्तंभ हैं, इसलिए हमें उन्हें प्रोत्साहित करने और उनके उज्ज्वल भविष्य के निर्माण में सहयोग देना चाहिए।

 

 

गुरु-शिष्य परंपरा का अनूठा उदाहरण

 

विश्व छात्र दिवस के अवसर पर मनोज वशिष्ठ के अनेक विद्यार्थियों ने अपने अनुभव साझा करते हुए गुरु के प्रति कृतज्ञता व्यक्त की

 

राहुल चौहान, व्याख्याता – 23 वर्ष की आयु में व्याख्याता पद प्राप्त किया। उन्होंने कहा कि अपने गुरु मनोज सर की प्रेरणा से वे भी अपने छात्रों को सपने साकार करने के लिए प्रेरित करते हैं।

 

राजकुमार यादव, फाउंडर एवं सीईओ – 20 वर्षों से विद्यार्थियों और प्रोफेशनल्स को कैरियर काउंसलिंग और मार्गदर्शन प्रदान कर हजारों लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाए हैं।

 

डॉ. पंकज अरोड़ा, गणितज्ञ एवं शिक्षक – एम.एससी., बी.एड., एम.फिल., पीएचडी सहित अनेक प्रतियोगी परीक्षाएं पास कीं। वर्तमान में GSSS बगथला में PGT गणित के रूप में कार्यरत हैं।

 

नवीन कुमार, भाजपा मंडल अध्यक्ष एवं सामाजिक कार्यकर्ता – सोलर योजना और ग्रामीण विकास कार्यों के लिए प्रसिद्ध। उन्होंने बताया कि उन्हें अपने गुरुजनों और माता-पिता से सामाजिक जीवन की प्रेरणा मिली।

 

राजीव अरोड़ा, असिस्टेंट इंजीनियर से पैन इंडिया इंचार्ज तक का सफर – बेस्ट स्टूडेंट अवार्ड, हेड बॉय, मिस्टर फ्रेशर और यूनिवर्सिटी टॉपर जैसे सम्मान प्राप्त किए।

 

अनिल कुमार शर्मा, अधिवक्ता, जिला एवं सत्र न्यायालय रेवाड़ी – 2007 से सिविल व क्रिमिनल मामलों में सक्रिय, न्याय के प्रति समर्पित।

 

एएसआई संदीप, पुत्र श्री स्वर्ण – ईमानदार पुलिस अधिकारी, जिन्हें 30 से अधिक बार प्रशंसा पत्र प्राप्त हुए।

 

अनुपम यादव, भूगोल विषय में एमए, बीएड व पीएचडी कर रहे हैं – अपनी मेहनत से सफलता की नई ऊंचाइयां छू रहे हैं।

 

डॉ. जितेन्द्र, अमिता, शिवानी, नरेश – शिक्षा के क्षेत्र में सेवा दे रहे हैं।

 

गोपाल, भारतीय डाक विभाग में कार्यरत हैं।

 

ब्रह्मकुमारी रेनू, आध्यात्मिक क्षेत्र में अग्रणी योगदान दे रही हैं।

 

मनोज वशिष्ठ ने कहा कि उनके छात्रों की यह उपलब्धियां न केवल उनकी मेहनत का परिणाम हैं, बल्कि शिक्षा के प्रति समर्पण और समाज के प्रति दायित्व की भावना का प्रतीक भी हैं।

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