विशेष सचिव कृषि ने ग्राम अहिरवा में संचालित वृहद गौ संरक्षण केन्द्र, ग्राम हथपऊ में संचालित अस्थाई गौ-आश्रय स्थल का स्थलीय निरीक्षण किया।

मृदुल कुमार कुलश्रेष्ठ सिटी रिपोर्टर मैनपुरी

 

मैनपुरी 24 मई, 2025- विशेष सचिव कृषि, कृषि विपणन एवं विदेश व्यापार उ.प्र. शासन टी.के. शिबु ने ग्राम अहिरवा में संचालित वृहद गौ संरक्षण केन्द्र, ग्राम हथपऊ में संचालित अस्थाई गौ-आश्रय स्थल का स्थलीय निरीक्षण कर सचिव, ग्राम प्रधान को निर्देशित करते हुए कहा कि गौशाला की नियमित रूप से सफाई कराई जाए, गोबर का उचित निदान किया जाये, गोवंशों को दोनों समय भरपूर मात्रा में भूसा, हरा चारा, दाना खिलाया जाए, पशु चिकित्साधिकारी प्रतिदिन अपने-अपने अधीन गौशालाओं का भ्रमण कर संरक्षित पशुओं के स्वास्थ्य की देखभाल करें, संरक्षित गौवंशों का समय से टीकाकरण कराया जाये, सभी ईयर टैगिंग हो, गौशाला की समस्त पंजिकाएं अद्यावधिक रहें, मुख्यमंत्री गोधन सहभागिता योजना में गौशालाओं से जो दुधारू गौवंश पशु पालकों को उपलब्ध कराये गये हैं, उनका प्रतिमाह सत्यापन करने के उपरांत ही उन्हें योजना की धनराशि उपलब्ध करायी जाये, गौशालाओं में पर्याप्त मात्रा में भूसा उपलब्ध रहे, प्रतिदिन गौवंशों को हरा चारा अवश्य खिलाया जाये, गर्मी के दृष्टिगत गौवंशों की पीने के पानी का विशेष ध्यान रखा जाये।

भ्रमण के दौरान जानकारी करने पर पाया कि वृहद गौ संरक्षण केन्द्र में 405 गोवंश संरक्षित है, जिसमें 115 नन्दी, 290 गाय हैं, गौशाला से मुख्यमंत्री गोधन सहभागिता योजना में अब तक 105 गौवंश गौपालकों को उपलब्ध कराये जाये चुके हैं, संरक्षित गोवंशों की ईयर टैगिंग की जा चुकी है, गोवंशों के लिए हरे चारे की उपलब्धता हेतु 04 हेक्टेयर भूमि में हरे चारे नेपियर घास, बरसीम, जई की बुवाई कराई गई है, प्रतिदिन गोवंशों को हरा चारा खिलाया जा रहा है। उन्होने निरीक्षण के दौरान पाया कि गौशाला में वर्मी कंपोस्ट के माध्यम से गोबर की खाद तैयार की जा रही है, परिसर में ही स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण फेस-2 के अन्तर्गत बायो गैस आधारित 05 के.वी.ए. पावर जनरेट विद बायो गैस प्लांट की स्थापना की गयी है, बायो गैस प्लांट से उत्पादित विद्युत से ही गौ-संरक्षण केन्द्र की समर, जनरेटर, विद्युत आपूर्ति का संचालन किया जा रहा है, जिससे गौशाला में विद्युत आपूर्ति के साथ ट्यूवेल का भी संचालन हो रहा है।

गौवंशों हेतु बनाये गये शैड में सी.सी. निर्माण कार्य संचालित था, जिस कारण सभी गौवंशों को एक बड़े टिनशैड मंे रखा गया था, निरीक्षण के दौरान उन्होने खंड विकास अधिकारी, सचिव, ग्राम प्रधान को आदेशित करते हुये कहा कि निर्माण कार्य में गौशाला की जल निकासी का विशेष ध्यान रखा जाये, वर्षा के दौरान परिसर में जल भराव की स्थिति न रहे सुनिश्चित किया जाये। उन्होंने गौशाला के समीप ही विकसित अमृत सरोवर, डा. भीमराव अम्बेडकर पुस्तकालय का निरीक्षण करने पर पाया कि लाइब्रेरी में पुस्तकों के साथ इंटरनेट की सुविधा भी उपलब्ध है, निरीक्षण के दौरान लाइब्रेरी में छात्र अध्यनरत् मिले।

विशेष सचिव कृषि ने हथपऊ स्थित अस्थाई गौ सरंक्षण स्थल के निरीक्षण के दौरान पाया कि गौशाला में 120 गौवंश संरक्षित हैं, जिसमें 14 नर एवं 106 गाय हैं, मुख्यमंत्री गोधन सहभागिता योजना में अब तक 18 गौवंश पशुपालकांे को उपलब्ध कराये जा चुके हैं, गौशाला में संरक्षित गौवंशों हेतु 2.50 एकड़ में हरा चारा, नेपियर घास की बुवाई की गयी है, माह अपै्रल मंे गौशाला को 50 कुंतल भूसा दान में प्राप्त हुआ है, इसके अलावा अभी गौशाला मंें 498 कुंतल भूसा एवं पर्याप्त मात्रा में दाना उपलब्ध है, संरक्षित गौवंश को प्रतिदिन 08 किग्रा. भूसा, 02 किग्रा. हरा चारा एवं 200 ग्राम दाना खिलाया जा रहा है, संरक्षित सभी गौवंशों की ईयर टैगिंग, टीकाकरण हो चुका है, गौशाला के अभिलेख अद्यावधिक न होने पर उन्होने सचिव, केयर टेकर को निर्देशित किया कि सभी पंजिकाएं अद्यावधिक की जायंे, पशु चिकित्साधिकारी प्रतिदिन गौशाला का निरीक्षण करंे, खंड विकास अधिकारी साप्ताहिक रूप से अपने-अपने क्षेत्र की गौशालाओं को निरीक्षण व्यवस्थाएं अपडेट रखें।

श्री शिबु ने निरीक्षण के दौरान मुख्य पशु चिकित्साधिकारी को आदेशित करते हुये कहा कि जनपद में संचालित गौशालाओं में संरक्षित गोवंशों के स्वास्थ्य की पशु चिकित्साधिकारी प्रतिदिन देखभाल करें, गौवंशों हेतु गौशालाओं में पर्याप्त मात्रा में दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित की जाये, संरक्षित गोवंशों का पूरा डेटा अद्यावधिक रखा जाये, प्रत्येक माह के अंत में संरक्षित गोवंशों के रजिस्टर को अपडेट किया जाए। उन्होने ग्राम प्रधान, पशु चिकित्साधिकारी, खंड विकास अधिकारी, सचिव से कहा कि संचालित गौ-संरक्षण केंद्र से गौवंश सहभागिता योजना के अंतर्गत पालने हेतु लेने के लिए लोगों को प्रेरित करें, गौ-संरक्षण केंद्रों से 01 गोवंश लेने पर रू. 50 प्रतिदिन के हिसाब से मिलेगा। उन्होंने कहा कि जो भी लोग गौ-संरक्षण केंद्र से गौवंश ले जाएं उनका सही ढंग से भरण-पोषण करें, सत्यापन के उपरांत ही उन्हें धनराशि का भुगतान किया जाए।

इस दौरान मुख्य विकास अधिकारी नेहा बंधु, उप जिलाधिकारी भोगांव संध्या शर्मा, परियोजना निदेशक डी.आर.डी.ए. सत्येंद्र कुमार, उपायुक्त मनरेगा श्वेतांक पाण्डेय, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डा. सोमदत्त, पशु चिकित्साधिकारी डा. संतोष सिंह, डा. शिववीर, खंड विकास अधिकारी सुल्तानगंज, ग्राम प्रधान अहिरवा कुलदीप यादव आदि उपस्थित रहे।

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