रेड रन मैराथन में शिव, मोहिनी और सागर रहे प्रथम

बनवारी लाल प्रभारी उत्तर प्रदेश

– उत्तर प्रदेश राजय एड्स नियंत्रण सोसाइटी की ओर से आयोजित कार्यक्रम में 14 विद्यालयों के 70 प्रतिभागी हुए शामिल

– रेड रन मैराथन एड्स जागरूकता के लिए एक अनोखा प्रयास

 

आगरा, 19 अगस्त 2025।

उत्तर प्रदेश राज्य एड्स नियंत्रण सोसाइटी के अंतर्गत यूथ फेस्ट के तहत रेड रन मैराथन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इसमें आगरा के 14 विद्यालयों व महाविद्यालयों के 70 प्रतिभागियों ने प्रतिभाग कर अपना दम दिखाया। विजेताओं को पुरस्कृत किया गया।

 

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अरुण कुमार श्रीवास्तव की अध्यक्षता में प्रतियोगिता पालीवाल पार्क स्थित डॉ.बीआर अंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा के मुख्य गेट से मैराथन का शुभारंभ हुआ। जिला क्षय रोग, एड्स अधिकारी डॉ. सुखेश गुप्ता ने हरी झंडी दिखाकर उद्घाटन किया। प्रतियोगिता में पुरुष वर्ग में सीएस डिग्री कॉलेज के शिवा बघेल ने प्रथम, सेंट जौंस कॉलेज आगरा के प्रवीन कुमार ने द्वितीय व सेंट जौंस कॉलेज आगरा के धरमा ने तृतीय स्थान पाया। महिला वर्ग में आगरा कॉलेज आगरा की मोहिनी ने प्रथम, इसी कॉलेज की सपना ने दूसरा, श्री तुलारमा इंटर कॉललेज की कशिश ने तीसरा स्थान पाया। ट्रांस जेंडर वर्ग में एसएसएस स्कूल आगरा के सागर ने प्रथम, ज्ञानी इंटर कॉलेज के यश ने दूसरा और आगरा कॉलेज आगरा के लीजा ने तीसरा स्थान पाया। प्रतियोगिता में भाग लेने वाले सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र व सांत्वना पुरस्कार दिए गए। विजेताओं को जिला क्षय रोग व एड्स अधिकारी डॉ. सुखेश गुप्ता व डॉ.बीआर आंबेडकर यूनिवर्सिटी के प्रोफेसरों ने पुरस्कृत किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में जिला क्षय रोग केंद्र की समस्त टीम व दिशा कलस्तर यूनिट का योगदान रहा, साथ ही एचआईवी व एड्स पर कार्य करने वाले एनजीओ-जनचेतना सेवा समिति, विहान, पंचशील वेलफेयर सोसाइटी का कार्यक्रम में सहयोग रहा।

जिला क्षय रोग व एड्स अधिकारी डॉ. सुखेश गुप्ता ने बताया कि एचआईवी (ह्यूमन इम्यूनोडेफिशिएंसी वायरस) एक वायरस है जो मानव प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर करता है। यह वायरस शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को नुकसान पहुंचाता है, जिससे शरीर रोगों से लड़ने में असमर्थ हो जाता है और एड्स (एक्वायर्ड इम्यून डेफिशिएंसी सिंड्रोम) एचआईवी संक्रमण का अंतिम चरण है, जब शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली पूरी तरह से कमजोर हो जाती है और शरीर गंभीर रोगों से लड़ने में असमर्थ हो जाता है। उन्होंने बताया कि एचआईवी और एड्स का संचरण मुख्य रूप से यौन संबंधों, रक्त संचारण और मां से बच्चे तक होता है। एचआईवी और एड्स का इलाज एंटीरेट्रोवाइरल थेरेपी (एआरटी) नामक दवाओं के साथ किया जाता है, जो वायरस को नियंत्रित करने में मदद करती हैं और प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाने में मदद करती हैं।

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एचआईवी और एड्स के लक्षणों में शामिल हैं—-

– बुखार

– थकान

– वजन कम होना

– स्वास्थ्य समस्याएं

– त्वचा पर दाने

 

एचआईवी के संचरण को रोकने के लिए उपाय—-

– सुरक्षित यौन संबंध बनाएं।

– रक्त आधान से पहले रक्त की जांच कराएं।

– सुई और सिरिंज का साझा उपयोग न करें।

– टैटू और पियर्सिंग के लिए सुरक्षित उपकरणों का उपयोग करें।

– गर्भावस्था के दौरान एचआईवी की जांच कराएं।

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