विभागीय लापरवाही की भेंट चढ़ रहा एमआरएफ सेंटर

श्यामजी गुप्ता ब्यूरो हरदोई 

 

चालू न होने से पहले ही दम तोड़ रहा मैटेरियल रिकवरी फैसिलिटी सेंटर 

 

 

शाहाबाद, हरदोई। देश के प्रधानमंत्री ने भले ही स्वच्छ भारत मिशन अभियान का सपना देखा हो, लेकिन विभागीय कर्मचारी और अधिकारी उनके ही सपने पर पलीता लगा रहे हैं। कूड़ा निस्तारण के लिए लाखों रुपए खर्च कर शाहाबाद नगरपालिका द्वारा कस्बे में बनाया गया एमआरएफ सेंटर पालिका प्रशासन की लापरवाही की भेंट चढ़ रहा है। एमआरएफ सेंटर के आसपास गंदगी और कूड़े का ढेर है, जिससे बीमारियों का खतरा लोगों के सर पर मंडरा रहा है। लाखों की लागत से बना एमआरएफ सेंटर ने तो रफ्तार नहीं पकडने से पहले ही एमआरएफ सेंटर दम जरूर तोड़ रहा है। शाहाबाद के स्लाटर हॉउस के पास एमआरएफ सेंटर का निर्माण कराया गया है। जब यह सेंटर बन रहा था तब लोगों को उम्मीद थी। हमारे आस पड़ोस की गंदगी दूर होगी और हमें स्वच्छ और सुंदर नगर मिलेगा, लेकिन विभागीय लापरवाही के चलते यह सेंटर शुरू नहीं हो सका और वर्तमान समय का आलम यह है कि सेंटर के आसपास ही गंदगी और अव्यवस्था का अंबार है। हैरान कर देने वाली बात यह है कि कूड़े के निस्तारण के बजाय कस्बे से निकलने बाला कूड़ा- कचरा मुख्य सड़कों के किनारे खुलेआम फेंका जा रहा है। जिसके कारण से बीमारियों के खतरे के साथ साथ यही कूड़ा-कचरा प्रदूषण उगल रहा है। बताया जा रहा है कि एमआरएफ सेंटर लगभग पूर्ण रूप से बनकर तैयार तो हुआ, उसके साथ ही इसमें पड़ी इंटरलॉकिंग धसने लगी जो नगरपालिका शाहाबाद के विभागीय अधिकारीयों के भ्रष्टाचार को भी दर्शाती नजर आ रही है।

 

 

 

परिसीमन से नगर में जुड़े सफीपुर गाँव को पालिका प्रशासन कूड़ा-डंपिंग स्थल बनाने में जुटा

 

 

 

शाहाबाद। शाहाबाद नगरपालिका विस्तार से सफीपुर गाँव नगरपालिका के बाजार शम्भा वार्ड में जोड़ा दिया गया, नगर में गाँव जुड़ने से ग्रामीणों लगा की नगर की सुविधाएं मिलेगी, छः माह बीत गए, गाँव निवासियों को कोई सुबिधा नगरपालिका प्रशासन की तरफ से तो नही मिली लेकिन गाँव को पालिका नगर से निकलने बाली कूड़ा-कचरा डालकर डंपिंग स्थल बनाने में जरूर जुट गया। गाँव के मुख्य तिराहे पर पालिका प्रशासन की तरफ से कूड़ा-कचरा डालकर गाँव वासियों को बीमार बनाने में जुट गया है। गाँव में प्रवेश करते ही लोगों को पालिका प्रशासन की तरफ से डंप किये जा रहे कूड़ा-कचरा की दुर्गन्ध से सामना करना पड़ रहा है,बहीं डंप कूड़ा-कचरा से गाँव में बीमारियां फैलने का खतरा भी बढ़ गया है। ग्रामीणों का कहना है विकास का वादा करने बाले अब गाँव को कूड़ा घर ही बनाने में तूल गए हैं।

 

 

 

 

जब पहले से बना एमआरएफ सेंटर फांक रहा धूल,तो स्वीकृत नया एमआरएफ सेंटर कहीं सरकारी धन की बर्बादी तो नही

 

 

 

शाहाबाद। नगर में सार्वजानिक स्थलों के साथ घरों से निकलने वाले कूड़ा-कचरा के निस्तारण के लिए पूर्व में लाखों की लागत से बना एमआरएफ सेंटर धूल फांक रहा है,उसे चालू कराने की बजाय 39 लाख की लागत से एक नए एमआरएफ सेंटर की स्वीकृति कहीं न कहीं सरकारी धन के दुरूपयोग को दर्शाती नजर आ रही है। शाहाबाद नगर पालिका में पहले से ही पांच टन की क्षमता का एमआरएफ सेंटर बना है, उसे चालू कराने की जहमत यहाँ के डीएम ने भी नही उठाई, बल्कि नवीन एमआरएफ सेंटर की स्वीकृति और टेंडर प्रक्रिया देना पहले की तरह धूल फांक रहे एमआरएफ सेंटर से बिभागीय लापरवाही,सरकारी धन के दुरूपयोग और भ्रष्टाचार की उपज संज्ञा देना अतिश्योक्ति न होगी।

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