कुं. आर. सी. महिला महाविद्यालय, में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती मनाई गई

मैनपुरी। आज कुं. आर. सी. महिला महाविद्यालय, मैनपुरी में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती “मेरा संविधान, मेरा अभिमान” की थीम पर बड़े ही श्रद्धा, उत्साह और संवैधानिक चेतना के साथ मनाई गई। इस अवसर पर महाविद्यालय परिसर को स्वच्छता, सादगी और भारतीय संविधान के मूल्यों से सुसज्जित किया गया। छात्राओं द्वारा संविधान की उद्देशिका, मौलिक कर्तव्यों और गांधी जी के विचारों को दर्शाने वाले पोस्टर भी प्रदर्शित किए गए। कार्यक्रम की शुरुआत महात्मा गांधी की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलन से हुई। इसके पश्चात सभी शिक्षिकाओं ने महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि सुमन अर्पित किए। छात्राओं ने भजन, नाट्य प्रस्तुति और भाषण के माध्यम से गांधी जी के विचारों और संविधान के मूलभूत सिद्धांतों को जीवंत रूप में प्रस्तुत किया।

महाविद्यालय की सचिव डॉ. सुशीला त्यागी जी ने अपने वक्तव्य में कहा कि गांधी जी केवल एक महान नेता नहीं, बल्कि एक ऐसी विचारधारा हैं जो हमारे संविधान की आत्मा में विद्यमान है। स्वच्छता, आत्मनिर्भरता और सत्य – ये उनके जीवन के स्तंभ थे, जो संविधान के मूल कर्तव्यों से मेल खाते हैं। हमें चाहिए कि हम गांधी जी के दिखाए मार्ग और संविधान के आदर्शों का पालन करते हुए समाज निर्माण में योगदान दें। प्राचार्या डॉ. शेफाली यादव ने कहा महात्मा गांधी का जीवन सत्य, अहिंसा और सेवा का प्रतीक है, और यही मूल भाव भारतीय संविधान में निहित हैं। गांधी जी का यह विश्वास था कि नागरिकों को अपने कर्तव्यों के प्रति सजग रहना चाहिए। छात्राओं को चाहिए कि वे अपने मौलिक अधिकारों के साथ-साथ कर्तव्यों को भी समझें और उन्हें अपने व्यवहार में उतारें। मुख्य वक्ता डॉ. अलका पाठक ने अपने सारगर्भित उद्बोधन में कहा गांधी जी के सिद्धांत और हमारे संविधान के आदर्श एक ही सूत्र में बंधे हैं -सत्य, अहिंसा, समानता और न्याय। गांधी जी ने जिस स्वतंत्र भारत का सपना देखा था, वह सपना हमारे संविधान के माध्यम से ही साकार होता है। आज की छात्राओं को संविधान को केवल एक दस्तावेज नहीं, बल्कि जीवन का पथप्रदर्शक मानना चाहिए। जब हम ‘मेरा संविधान, मेरा अभिमान’ कहते हैं, तो उसमें गांधी जी की आत्मा बसती है।”

छात्राओं ने संविधान की उद्देशिका का सामूहिक पाठ, गांधीजी प्रिय भजन एवं रामधुन भजन प्रस्तुत कर सबका मन मोह लिया।

कार्यक्रम के अंत में सभी छात्राओं एवं शिक्षकों को ‘स्वच्छता शपथ’ दिलाई गई, जिसमें उन्होंने स्वच्छ, स्वस्थ एवं संवैधानिक मूल्यों पर आधारित भारत के निर्माण में अपना योगदान देने का संकल्प लिया। इस अवसर पर महाविद्यालय की समस्त शिक्षिकाएँ उपस्थित रही।

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