रितेश कुमार वाराणसी

 

वाराणसी रामनगर/ बुनियादी ज़िंदगी की जद्दोजहद में दिन-रात पसीना बहाने वाला एक गरीब मजदूर पेंटर, इंसानी हैवानियत का ऐसा शिकार बना कि अस्पताल के बिस्तर से मौत से लड़ाई लड़ रहा है। मामला रामनगर थाना क्षेत्र के गोलाघाट मोहल्ले का है, जहां 24 वर्षीय मुकेश चौहान को लाठी-डंडों से बेरहमी से पीटकर गंभीर रूप से घायल कर दिया गया।

 

बीमार मां के लिए निकला था दवा लाने, पहुंचा अस्पताल

10 मई की रात करीब 9 बजे मुकेश चौहान अपनी बीमार मां के लिए दवा लाने निकले थे। उन्होंने परिवार से कहा था कि वे थोड़ी देर में लौट आएंगे, पर वह रात उनके परिवार के लिए कभी न भूल पाने वाली बन गई। मुकेश पूरी रात घर नहीं लौटे। मोबाइल भी बंद था। सुबह परिजनों की चिंता तब और बढ़ गई जब एक स्थानीय व्यक्ति ने बताया कि मुकेश गंभीर हालत में लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल में भर्ती हैं।बेहोशी की हालत में मिला मुकेश, शरीर पर गहरे जख्म

परिजन जब अस्पताल पहुंचे तो मुकेश अचेत अवस्था में था। शरीर पर लाठी-डंडों के निशान साफ थे। डॉक्टरों ने तुरंत उनकी गंभीर स्थिति को देखते हुए उन्हें ट्रामा सेंटर BHU रेफर कर दिया। फिलहाल उनका इलाज वहीं चल रहा है और हालत नाजुक बनी हुई है।हमलावरों की पहचान, परिजनों ने जताई साजिश की आशंका होश में आने के बाद मुकेश ने जो बयान दिया वह रोंगटे खड़े कर देने वाला है। उन्होंने बताया कि दवा लेते जाते समय गली में पहले से घात लगाए बैठे नंदलाल यादव, उनके बेटे राजाराम यादव, मूसे यादव और नंदलाल की पत्नी ने उन पर जानलेवा हमला कर दिया। महिला हमलावर बार-बार चिल्ला रही थी, “इसे मारकर गंगा में फेंक दो।” इसके बाद वह बेहोश हो गए।परिजनों ने बताया कि इन हमलावरों से उनका पुराना पारिवारिक विवाद चल रहा है और पहले भी जान से मारने की धमकी दी गई थी। सूरज चौहान ने कहा, “ये कोई सामान्य मारपीट नहीं, बल्कि सोची-समझी साजिश है। हमारे भाई को जान से मारने की कोशिश की गई है।”पुलिस पर लापरवाही का आरोप, न्याय की गुहार परिजनों ने रामनगर थाना में शिकायत दर्ज कराई, पर उनका आरोप है कि पुलिस ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया। उल्टे उन्हें ही गुमराह किया गया। सोशल मीडिया पर घायल मुकेश की तस्वीरें और संदेश तेजी से वायरल हो रहे हैं, जिससे जनमानस में गुस्सा साफ देखा जा सकता है।

 

प्रशासन से न्याय की मांग

परिवार ने वाराणसी के वरिष्ठ पुलिस आयुक्त से निष्पक्ष जांच और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है। बड़े भाई सुरेश चौहान ने कहा, “अगर पुलिस ने जल्द कार्रवाई नहीं की, तो हम न्याय के लिए सड़कों पर उतरने को मजबूर होंगे।”आरोपियों पर मुकदमा दर्ज, आगे की कार्रवाई जारी रामनगर पुलिस ने शिकायत के आधार पर बीएनएस 2023 की धारा 110, 351(2), 352 के तहत मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। लेकिन अब सवाल उठता है कि क्या एक गरीब पेंटर को न्याय मिलेगा, या वह भी प्रशासनिक लापरवाही और रसूखदार हमलावरों की ताकत के आगे दब जाएगा?न्याय के इंतजार में एक परिवार, और कांपते हुए सवाल गोलाघाट का हर चेहरा आज व्यथित है। मुकेश की माँ की आँखों में बस एक ही सवाल है – “क्या मेरे बेटे को इंसाफ मिलेगा?” वाराणसी की गलियों में यह दर्द सिर्फ एक परिवार का नहीं, बल्कि उस पूरे समाज का है जो न्याय की उम्मीद में आज भी व्यवस्था की ओर टकटकी लगाए बैठा है।

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