कौन-कौन से भोजन पित्त बढ़ाते हैं अवश्य पढ़े

विशाल गुप्ता मुख्य संपादक -9026309999

 

पित्त दोष अग्नि तत्व पर आधारित होता है, जो शरीर में पाचन, शरीर का तापमान, बुद्धि, दृष्टि और त्वचा के रंग को नियंत्रित करता है। जब पित्त असंतुलित हो जाता है, तो शरीर में जलन, चिड़चिड़ापन, बदहजमी, त्वचा रोग, बालों का झड़ना, अत्यधिक पसीना, एसिडिटी, व अन्य समस्याएँ उत्पन्न होती हैं। पित्त का स्वभाव गर्म, तीखा, तरल, तेज और हल्का होता है। इसलिए ऐसे खाद्य पदार्थ जो इन गुणों को बढ़ाते हैं, वे पित्त को भी बढ़ा देते हैं।

 

इस लेख में हम विस्परिच जानेंगे कि कौन-कौन से भोजन पित्त को बढ़ाते हैं, उनके लक्षण क्या होते हैं और कैसे उन्हें संतुलित किया जा सकता है।

 

 

पित्त बढ़ाने वाले प्रमुख भोजन:

 

1. तीखे और मसालेदार खाद्य पदार्थ

 

मिर्च (लाल व हरी), गरम मसाले, सरसों, अजवाइन

 

तली हुई मसालेदार सब्जियाँ, अचार, चटनी

 

ये अत्यधिक उष्ण और तीव्र होते हैं, जो पित्त को प्रबल करते हैं।

 

2. खट्टे और अम्लीय पदार्थ

 

इमली, नींबू, टमाटर, दही (खट्टा), विनेगर

 

अधिक खट्टी सब्जियाँ या फल (जैसे संतरा, अनानास)

 

अम्लीय स्वाद पित्त को उत्तेजित करता है और एसिडिटी बढ़ाता है।

 

3. अत्यधिक नमक और खारा भोजन

 

नमकीन, चिप्स, अचार, बेकरी उत्पाद

 

यह पाचन अग्नि को असंतुलित करता है और आंतरिक गर्मी बढ़ाता है।

 

4. तले और गरम तेल वाले खाद्य पदार्थ

 

समोसे, पकोड़े, पूड़ी, फ्राईड स्नैक्स

 

जंक फूड जैसे बर्गर, पिज़्ज़ा, फ्रेंच फ्राईज़

 

ये पचने में भारी और अग्नि को तेज करते हैं जिससे पित्त बढ़ता है।

 

5. अत्यधिक caffeinated व alcoholic पेय

 

चाय, कॉफी (विशेषकर खाली पेट)

 

शराब, बियर, एनर्जी ड्रिंक

 

ये शरीर को निर्जलित करते हैं और पित्त का असंतुलन बढ़ाते हैं।

 

6. अत्यधिक गर्म तापमान या गरम खाना

 

गरम तापमान में गरम भोजन का सेवन

 

माइक्रोवेव में बार-बार गरम किया हुआ भोजन

 

यह आंतरिक तापमान को बढ़ा देता है और पित्त की प्रवृत्ति को उत्तेजित करता है।

 

 

 

पित्त बढ़ने के लक्षण:

 

पाचन तंत्र: एसिडिटी, जलन, उल्टी, भूख का असंतुलन

 

त्वचा पर प्रभाव: मुंहासे, चकत्ते, लालिमा, खुजली

 

मानसिक स्थिति: चिड़चिड़ापन, गुस्सा, अधैर्य

 

अन्य लक्षण: अधिक पसीना, आंखों में जलन, बालों का झड़ना

 

 

 

पित्त संतुलित करने के उपाय:

 

पित्त शांति के लिए उपयुक्त भोजन:

 

ठंडे या शीतल गुणों वाले खाद्य जैसे – खीरा, तरबूज, दूध, घी (कम मात्रा में), नारियल पानी

 

मीठे व कड़वे स्वाद वाले खाद्य जैसे – आँवला, ककड़ी, हरे पत्तेदार साग

 

तुलसी, सौंफ, धनिया, गुलकंद जैसे शीतल औषधीय तत्व

 

अनुशासन और जीवनशैली:

 

समय पर खाना खाएं और भूखे पेट मसालेदार चीजें न लें

 

तेज धूप या गर्म वातावरण में अधिक देर तक न रहें

 

शांत और संयमित मानसिकता बनाए रखें – योग, प्राणायाम, ध्यान करें

 

पित्त दोष का असंतुलन मुख्य रूप से हमारे आहार और जीवनशैली से जुड़ा होता है। तीखा, खट्टा, अधिक नमक, तला हुआ और गरम भोजन – ये सभी शरीर की अग्नि को बढ़ाकर पित्त दोष को असंतुलित कर देते हैं। यदि समय रहते इन खाद्य पदार्थों का संतुलन न किया जाए, तो पाचन और त्वचा संबंधित विकारों के साथ-साथ मानसिक तनाव भी उत्पन्न हो सकता है।

 

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