पिपरौला गांव के दर्जनों ग्रामीणों ने पेपर मिल पर प्रदूषण फैलाने का लगाया आरोप,दिया ज्ञापन

अभिषेक चौहान ब्यूरो शाहजहांपुर

शाहजहांपुर। प्रभात लोधी के पदाधिकारियों के साथ पिपरौला गांव के तमाम ग्रामीणों ने कलेक्ट्रेट परिसर पहुंचकर आज एक ज्ञापन दिया। उनका कहना है कि क्षेत्र में पेपर का निर्माण करने वाली एक फेक्ट्री लगी है। जहां पेपर निर्माण में कैमिकल युक्त पानी का इस्तेमाल किया जाता है। आरोप है कि कैमिकल के पानी को इस्तेमाल करने के बाद उसका बचा हुआ पानी नाले में छोड़ दिया जाता है। जिससे आसपास के लोग तमाम बीमारियां की चपेट में आ रहे हैं। वातावरण प्रदूषित होने से पेड़ पौधे और कृषि उपज को भी काफी खतरा बना हुआ है। उन्होंने पेपर मिल द्वारा फैलाए जा रहे प्रदूषण रोकने की मांग की है। वहीं पेपर मिल के उप महाप्रबंधक प्रशासन सुरेंद्र शर्मा ने कहा कि मिल मानक के अनुसार कार्य कर रहा है। समय समय पर पानी की जांच भी की जाती है। सदर तहसील क्षेत्र के पिपरौला स्थित केआर पल्प एंड पेपर लिमिट फैक्ट्री का मामला है।

 

प्रभात लोधी के पदाधिकारियों के साथ पिपरौला गांव के रहने वाले दर्जनों ग्रामीण बुधवार को कलेक्ट्रेट परिसर पहुंचे। यहां उन्होंने प्रशासन को ज्ञापन देकर बताया कि गांव के पास केआर पेपर मिल्स नाम की एक फैक्ट्री लगी है। फैक्ट्री में पेपर का निर्माण किया जाता है। ग्रामीणों का आरोप है कि पेपर निर्माण कार्य में अत्याधिक कैमिकल युक्त पानी का इस्तेमाल किया जाता है। फैक्ट्री में बिना शोधन किए कच्चा धुआं, कच्ची राखी चिमनी के द्वारा वातावरण में लगातार अवमुक्त की जा रही है । कैमिकल युक्त प्रयोग के बाद बचे हुए पानी को कच्चे नाले के रास्ते छोड़ दिया जाता है। भूमि दूषित होकर धीरे-धीरे बंजर होती जा रही है। ग्रामीणों का आरोप है कि ग्रामीण आंख, दमा, खांसी, विकलांगता, अपंगता और लीवर इंफेक्शन जैसी बीमारियां की चपेट में आ रहे हैं। वातारण प्रदूषण होने से कृषि उपज और पेड़ पौधों खतरा बन रहा है। कई बार समस्याओं को लेकर जिला प्रशासन से शिकायत की गई लेकिन कोई कार्रवाई नही हुई । ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि समस्याओं का समाधान नही कराया गया तो ग्रीन ट्रिब्यूनल आयोग में शिकायत की जाएगी। उन्होंने मांग की है कि जल्द से जल्द फैलाए जा रहे प्रदूषण को रोका जाए।

 

वहीं केआर पल्प एंड पेपर्स लिमिटेड फैक्ट्री के उप महाप्रबंधक प्रशासन सुरेंद्र शर्मा ने बताया कि मानक के अनुसार फैक्ट्री में कार्य किए जा रहे हैं। समय समय अलग अलग टीमें पानी से लेकर तमाम अन्य चीजों की जांच करती हैं। लगाए जाने वाले आरोप निराधार हैं।

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