तप और त्याग की परिणति शिव को पाने को वर्षों साधना में लीन रही पार्वती, संत ने सुनाया अमर प्रसंग

अभिषेक चौहान ब्यूरो शाहजहांपुर

 

नगर आयुक्त सपरिवार हुए आरती में शामिल, सप्तम दिवस के पूजन का भी हुआ स्मरण

 

शाहजहांपुर। खिरनीबाग स्थित रामलीला मैदान इन दिनों श्रद्धा की उस सरिता में डूबा हुआ है, जिसकी हर लहर शिव महिमा से स्पंदित हो रही है। श्री स्कंद शिव महापुराण कथा के सप्तम दिवस पर संत प्रशांत प्रभु जी महाराज की वाणी ने उपस्थित जनसमूह को उस अमर प्रेम प्रसंग की यात्रा पर ले चलाया, जिसमें एक तपस्विनी कन्या अपने आराध्य शिव को पाने के लिए तपस्या की अतिरेक सीमा तक चली जाती है।

 

श्रृंखला की गरिमामयी शुरुआत प्रथम दिवस के व्यासपीठ पूजन से हुई थी। हरिशरण बाजपेई एवं उनकी धर्मपत्नी सीमा बाजपेई, सुमन अग्निहोत्री और सर्वेश अग्निहोत्री ने श्रद्धा और आस्था से पूजन संपन्न कराया था। इस पूजन को बनारस से पधारे आचार्य विवेकानंद शास्त्री एवं आचार्य कार्तिकेय द्विवेदी ने वैदिक विधि-विधान से पूर्ण किया था। यही पूजन कथा की ऊर्जा का स्रोत बना, जिसकी गूंज सप्तम दिवस तक बरकरार रही।

 

माता पार्वती की तपस्या – आत्मा की पुकार, प्रेम की पराकाष्ठा,आज की कथा में संत प्रशांत जी ने श्रोताओं को उस अद्भुत साधना यात्रा से परिचित कराया, जिसमें माता पार्वती भगवान शिव को प्राप्त करने हेतु व्रत, उपवास, मौन, ध्यान, योग और अग्नि तप जैसे साधनों से वर्षों तक तप करती हैं।

 

उन्होंने कहा,माता पार्वती केवल एक स्त्री नहीं थीं, वे उस आत्मा का रूप थीं, जिसने शिव को एक बार खोने के बाद फिर उन्हें पाने का संकल्प किया। वह प्रेम जो सांसारिक नहीं, आध्यात्मिक है जो मांगता नहीं, केवल समर्पित होता है।

 

संत जी ने भावविभोर होकर बताया कि हिमालय की कंदराओं में, जलती धूप और मूसलाधार वर्षा में पार्वती का यह तप इतना शक्तिशाली था कि स्वयं भगवान शिव का ध्यान उस ओर गया।

 

“शिव, जो योगी हैं, वैराग्य के प्रतीक हैं उनका हृदय भी उस प्रेम के तप से द्रवित हो गया। फिर एक दिन भगवान शिव ब्रह्मचारी का वेश धर कर स्वयं पार्वती की परीक्षा लेने आए। उन्होंने उनकी तपस्या की निंदा की, शिव को अपरिग्रही और सन्यासी बताया। परंतु पार्वती डटी रहीं—जिसे मैंने हृदय से स्वीकार किया, उसी का वरण करूंगी—फिर चाहे वर्षों और लग जाएं।यह सुन शिव मुस्कुराए। और वहीं मन ही मन स्वीकार कर लिया कि अब समय आ गया है—प्रेम और तप का मिलन होगा, और शिव-पार्वती विवाह की नींव यहीं रखी जाएगी।

 

आज की कथा में नगर आयुक्त विपिन कुमार मिश्रा सपरिवार नमित दीक्षित ब्लॉक प्रमुख खुटार मुनेश्वर सिंह ब्लॉक प्रमुख सिधौली श्री दत्त शुक्ला ब्लॉक प्रमुख कांट अशोक गुप्ता पुवाया उदयवीर सिंह राजपाल निगोही अखिलेश सिंह गौरव त्रिपाठी अनिल बाथम नीरज बाजपेई ने आरती पूजन किया

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