राव की वायदा खिलाफी पर भड़का जन आक्रोश, रामगढ़ भगवानपुर से रेवाड़ी तक जनसैलाब

राजेश भारद्वाज स्टेट हेड हरियाणा

रेवाड़ी, 13 जुलाई:। केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह द्वारा 200 बेड का अस्पताल बनाने के वायदे पर अमल न होने से नाराज ग्रामीणों का गुस्सा शनिवार को सड़कों पर फूट पड़ा। रामगढ़ भगवानपुर और आसपास के गांवों के हजारों लोगों ने भारी बारिश और खराब मौसम की परवाह किए बिना रेवाड़ी की ओर पैदल कूच किया। ग्रामीणों ने सचिवालय पहुंचकर सरकार को ज्ञापन सौंपा और अपनी पुरजोर मांगें दोहराईं।

 

17 जून से धरने पर डटे ग्रामीण:

रामगढ़ भगवानपुर गांव में ग्रामीण पिछले 27 दिनों से शांतिपूर्ण ढंग से धरना दे रहे हैं। उनका कहना है कि केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने खुद गांव में 200 बेड के अस्पताल का निर्माण कराने का वादा किया था। इसी वादे के आधार पर ग्रामीणों ने सरकार को 10 एकड़ जमीन भी बूस्टिंग स्टेशन के लिए दे दी थी।

 

*”वादाखिलाफी” का आरोप:*

 

ग्रामीणों का आरोप है कि जमीन देने के बाद अब राव इंद्रजीत सिंह अपने वादे से पीछे हट गए हैं। यही नहीं, हाल ही में एक कथित ऑडियो भी वायरल हुआ है जिसमें अस्पताल के मुद्दे को लेकर मंत्री की कथित बातचीत ने राजनीतिक गलियारों में हलचल पैदा कर दी है। अब राव इंद्रजीत सिंह पर “डैमेज कंट्रोल” का दबाव साफ दिखाई दे रहा है।

 

*राजनीति में गरमाहट:*

 

अहीरवाल क्षेत्र में अस्पताल निर्माण को लेकर सियासत गरमा गई है। पहली बार अपने ही संसदीय क्षेत्र में राव इंद्रजीत सिंह को इस प्रकार खुले विरोध का सामना करना पड़ रहा है। दिलचस्प बात यह है कि लोकसभा चुनावों में उनके प्रतिद्वंद्वी रहे अभिनेता और राजनेता राज बब्बर भी इस मुद्दे पर सक्रिय हो चुके हैं।

 

“जनता अब ठगे जाने को तैयार नहीं”

धरने में शामिल ग्रामीणों ने कहा, “हमने जमीन दी, विश्वास किया… अब हमें जवाब चाहिए। अगर अस्पताल नहीं बनता, तो यह जनता के साथ धोखा है।”

 

 

*🟨 ग्रामीणों की मुख्य मांगें:*

 

*रामगढ़ भगवानपुर में तत्काल 200 बेड का अस्पताल बनाया जाए*

 

*अस्पताल निर्माण में और देरी न की जाए*

 

*केंद्रीय मंत्री अपने वादे को सार्वजनिक रूप से पूरा करने की घोषणा करें*

 

जनता अब केवल आश्वासनों से संतुष्ट नहीं है। रामगढ़ भगवानपुर का आंदोलन अहीरवाल में नई राजनीतिक चेतना का संकेत है। अब देखना यह होगा कि सरकार और राव इंद्रजीत सिंह इस दबाव का जवाब किस रूप में देते हैं।

 

 

रेवाड़ी, 13 जुलाई:। केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह द्वारा 200 बेड का अस्पताल बनाने के वायदे पर अमल न होने से नाराज ग्रामीणों का गुस्सा शनिवार को सड़कों पर फूट पड़ा। रामगढ़ भगवानपुर और आसपास के गांवों के हजारों लोगों ने भारी बारिश और खराब मौसम की परवाह किए बिना रेवाड़ी की ओर पैदल कूच किया। ग्रामीणों ने सचिवालय पहुंचकर सरकार को ज्ञापन सौंपा और अपनी पुरजोर मांगें दोहराईं।

 

17 जून से धरने पर डटे ग्रामीण:

रामगढ़ भगवानपुर गांव में ग्रामीण पिछले 27 दिनों से शांतिपूर्ण ढंग से धरना दे रहे हैं। उनका कहना है कि केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने खुद गांव में 200 बेड के अस्पताल का निर्माण कराने का वादा किया था। इसी वादे के आधार पर ग्रामीणों ने सरकार को 10 एकड़ जमीन भीg बूस्टिंग स्टेशन के लिए दे दी थी।

 

*”वादाखिलाफी” का आरोप:*

 

ग्रामीणों का आरोप है कि जमीन देने के बाद अब राव इंद्रजीत सिंह अपने वादे से पीछे हट गए हैं। यही नहीं, हाल ही में एक कथित ऑडियो भी वायरल हुआ है जिसमें अस्पताल के मुद्दे को लेकर मंत्री की कथित बातचीत ने राजनीतिक गलियारों में हलचल पैदा कर दी है। अब राव इंद्रजीत सिंह पर “डैमेज कंट्रोल” का दबाव साफ दिखाई दे रहा है।

 

*राजनीति में गरमाहट:*

 

अहीरवाल क्षेत्र में अस्पताल निर्माण को लेकर सियासत गरमा गई है। पहली बार अपने ही संसदीय क्षेत्र में राव इंद्रजीत सिंह को इस प्रकार खुले विरोध का सामना करना पड़ रहा है। दिलचस्प बात यह है कि लोकसभा चुनावों में उनके प्रतिद्वंद्वी रहे अभिनेता और राजनेता राज बब्बर भी इस मुद्दे पर सक्रिय हो चुके हैं।

 

“जनता अब ठगे जाने को तैयार नहीं”

धरने में शामिल ग्रामीणों ने कहा, “हमने जमीन दी, विश्वास किया… अब हमें जवाब चाहिए। अगर अस्पताल नहीं बनता, तो यह जनता के साथ धोखा है।”

 

*🟨 ग्रामीणों की मुख्य मांगें:*

 

*रामगढ़ भगवानपुर में तत्काल 200 बेड का अस्पताल बनाया जाए*

 

*अस्पताल निर्माण में और देरी न की जाए*

 

*केंद्रीय मंत्री अपने वादे को सार्वजनिक रूप से पूरा करने की घोषणा करें।*

 

*जनता अब केवल आश्वासनों से संतुष्ट नहीं है।*

 

रामगढ़ भगवानपुर का आंदोलन अहीरवाल में नई राजनीतिक चेतना का संकेत है। अब देखना यह होगा कि सरकार और राव इंद्रजीत सिंह इस दबाव का जवाब किस रूप में देते हैं।

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