गांवों में कुपोषण से लडऩे में मदद करेगा सुपोषित ग्राम पंचायत अभियान : डीसी

राजेश भारद्वाज स्टेट हेड

 

डीसी अभिषेक मीणा ने कहा- भारत सरकार द्वारा शुरू की गई सुपोषित ग्राम पंचायत की पहल

रेवाड़ी। पूरे देश में लक्षित आबादी के पोषण संबंधी परिणामों और कल्याण में सुधार करने के लिए सुपोषित ग्राम पंचायत अभियान चलाया जा रहा है। यह पहल स्थानीय स्तर पर कई हितधारकों के साथ मिलकर पोषण संबंधी सेवाओं के क्रियान्वयन को मजबूत करके और सक्रिय सामुदायिक भागीदारी सुनिश्चित करके पोषण में सुधार करने पर केंद्रित है।

डीसी अभिषेक मीणा के मार्गदर्शन में सुपोषित ग्राम पंचायत अभियान के तहत रेवाड़ी जिला में कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास शालू यादव ने बताया कि इस पहल का उद्देश्य ग्राम पंचायतों में आंगनवाडिय़ों को बुनियादी ढांचे, सेवा वितरण की स्थिति और लाभार्थियों के पोषण संबंधी परिणामों के बेंचमार्क स्तर को प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित करना है। उन्होंने बताया कि इसका उद्देश्य ग्राम पंचायतों और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को जलग्रहण क्षेत्र में कुपोषण को खत्म करने की दिशा में सक्रिय कदम उठाने के लिए प्रेरित करना है। सुपोषित ग्राम पंचायत पहल का महत्व उपलब्धियों की मान्यता से कहीं आगे तक फैला हुआ है। यह बदलाव के लिए एक शक्तिशाली उत्प्रेरक के रूप में कार्य करता है, समुदायों को सकारात्मक प्रतिस्पर्धा के माध्यम से कुपोषण के खिलाफ अपनी लड़ाई में स्थायी प्रथाओं और अभिनव दृष्टिकोणों को अपनाने के लिए प्रेरित करता है।

 

*यह पहल स्थानीय स्तर पर सतत विकास :*

जिला कार्यक्रम अधिकारी शालू यादव ने बताया कि लक्ष्य 2 और 3 (एसडीजी 2- भूख को खत्म करना, खाद्य सुरक्षा और बेहतर पोषण प्राप्त करना और एसडीजी 3- स्वस्थ जीवन सुनिश्चित करना और सभी उम्र के लोगों के लिए कल्याण को बढ़ावा देना) की उपलब्धि का समर्थन करती है। सुपोषित ग्राम पंचायत पहल बाजरा, पोषण वाटिका/पोषक उद्यान, फोर्टिफाइड चावल, विविध आहार मेनू आदि के उपयोग जैसी प्रथाओं के माध्यम से पोषण परिणामों को बेहतर बनाने पर केंद्रित है।

शालू यादव ने बताया कि प्रथम चरण के तहत मिजोरम राज्य की टीम ने जिला के रेवाड़ी खंड के गांव शहबाजपुर खालसा, बलियार खुर्द, एवं डहीना खंड के गांव राजपुरा,आलियावास के दो-दो आंगनवाड़ी केन्द्रों का दौरा किया है जिन्हें फील्ड विजिट के माध्यम से राज्यों/संघ शासित प्रदेशों को महिला एवं बाल विकास, पंचायती राज, स्वास्थ्य एवं जल शक्ति विभाग से सदस्यों को नामित किया गया है। उन्हें समकक्ष समीक्षा दल समकक्ष राज्य/संघ शासित प्रदेश से कम से कम 20 प्रतिशत पात्र ग्राम पंचायतों का दौरा करेगी। प्रत्येक ग्राम पंचायत में दल 2 आंगनवाड़ी केंद्रों का दौरा करेगा और निर्धारित प्रारूप में रिपोर्ट प्रस्तुत करेगा।

*सुपोषित ग्राम पंचायत पहल :*

राज्यों/संघ शासित प्रदेशों द्वारा ग्राम पंचायतों के लिए आधारभूत मानदंड

1) ग्राम पंचायतें जिनके आंगनवाड़ी केन्द्र पिछली तिमाही में हर महीने 21 दिनों के लिए खुले

2) ऐसी ग्राम पंचायतें जिनके आंगनवाड़ी केन्द्रों में कम से कम 50 लाभार्थी पंजीकृत हों (सभी श्रेणियों में- दिव्यांग, अल्पपोषित और 0-6 वर्ष के बच्चे) (सितंबर, अक्टूबर और नवंबर 2024 के लिए औसत)।

3) ऐसी ग्राम पंचायतें जिनके आंगनवाड़ी केन्द्रों में 80 प्रतिशत पेयजल उपलब्ध है (20 दिसंबर, 2024 तक)।

4) 5) ऐसी ग्राम पंचायतें जिनके आंगनवाड़ी केन्द्रों में 70  प्रतिशत शौचालय उपलब्ध हैं (20 दिसंबर, 2024 तक)।

ऐसी ग्राम पंचायतें जिनके अधीन सभी आंगनवाड़ी केंद्रों में पिछले 3 महीनों में 90 प्रतिशत मापन दक्षता रही है।

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