जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव कर रहे हैं जेल में निरूद्ध बंदियों को रिहा किये जाने हेतु अथक प्रयास

करतार सिंह पौनिया ब्यूरो चीफ फिरोजाबाद 

 

*फिरोजाबाद* l उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण लखनऊ के निर्देशानुसार एवं माननीय जनपद न्यायाधीश / अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण फिरोजाबाद श्री हरवीर सिंह के निर्देशानुसार शुक्रवार को जिला कारागार फिरोजाबाद का निरीक्षण श्री पीयूष सिद्धार्थ, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश / सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण फिरोजाबाद द्वारा किया गया।

 

इस अवसर पर जिला कारागार फिरोजाबाद के जेल अधीक्षक श्री अरूण कुमार सिंह, जेलर श्री राजेश कुमार पाण्डेय, डिप्टी जेलर श्री महेन्द्र सिंह उपस्थित रहे।

जिला कारागार फिरोजाबाद में निरीक्षण के दौरान कुल 1558 बंदी पाये गये जिनमें 1421 पुरुष, 75 महिला एवं 62 किशोर बंदी हैं। निरूद्ध महिला बंदियों के पों के साथ कुल 09 बच्चे रह रहे हैं। आज निरीक्षण के दौरान पाकशाला में उचित परिधान में बंदियों द्वारा सायं के भोजन में चाय बिस्कुट मसूर साबुत दाल रोटी सोयाबरी व आलू की सब्जी की तैयारी की जा रही थी, बंदियों को सुबह के नाश्ते में चाय दलिया गुड, दोपहर के खाने में उरद चना दाल, रोटी, जलपरी, आलू की सब्जी पायी गयी। सचिव द्वारा जेल में निरूद्ध बंदियों को रिहा किये जाने हेतु (बैरक टू बैरक) कार्यक्रम चलाया जा रहा है जिसके तहत सचिव द्वारा जेल परिसर में शिविर लगाकर विचाराधीन बंदियों को विधिक सहायता हेतु सजग किया गया। निरूद्ध बंदियों से उनके प्रकरण एवं जमानत की स्थिति के संदर्भ में व्यक्तिगत वार्ता की गई। इसके अलावा उन्हें प्राधिकरण द्वारा उपलब्ध करायी जा रही निशुल्क अधिवक्ता की सुविधा (लीगल एड डिफेंस काउंसिल्स सिस्टम) के बारे में भी बताया गया।

 

सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण फिरोजाबाद द्वारा महिला बैरक में निरूद्ध महिला बंदियों से वार्ता की गई तथा उनके प्रकरणों की जानकारी ली गई। जिन महिला बंदियो के साथ शिशु हैं उनके पोषण के विषय में जानकारी ली गयी। बताया गया कि उन्हें दूध एवं फल आदि पोषक आहार प्रदान किये जा रहे हैं। एक महिला बंदी को सिजेरियन (ऑपरेशन) से शिशु पैदा हुआ है जो कि जेल के अस्पताल में थी। उसके एवं शिशु की देख-रेख एवं महिला डाक्टर से नियमित परामर्श कराने हेतु विशिष्ट निर्देश दिये गये। निरीक्षण के दौरान उपस्थित बंदियों से निशुल्क विधिक सहायता हेतु अधिवक्ता के सम्बन्ध में जानकारी ली गई, बंदियों द्वारा बताया गया कि सभी के पास उनके व्यक्तिगत अथवा सरकारी निशुल्क वकील मौजूद हैं। बंदियों द्वारा खाने-पीने की कोई समस्या होना नहीं बताया गया। इसके अलावा सचिव महोदय द्वारा जेल लोक अदालत के संदर्भ में यह बताया गया कि छोटे मुकदमों एवं कम सजा वाले मुकदमों को जेल लोक अदालत के माध्यम से स्वेच्छया से जुर्म इकबाल करते हुए उनका निस्तारण कराया जा सकता है। जेल लोक अदालत में अपने वादों को नियत किये जाने हेतु बंदियों को प्रेरित भी किया गया। जिला कारागार का परिसर एवं बैरकों की समुचित साफ सफाई पायी गई।

 

जिला कारागार में स्थित चिकित्सालय का भी निरीक्षण किया गया, या, चिकित्सालय में उपस्थित डॉक्टर द्वारा बताया गया कि कारागार अस्पताल में इमरजेंसी दवाइयां एवं अन्य आवश्यक दवाइयां उपलब्ध हैं, कुछ बंदी चिकित्सालय में भर्ती हैं। उक्त बंदियों से उनके स्वास्थ्य एवं चिकित्सा सुविधा के सम्बन्ध में जानकारी ली गयी।

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