शाहजहांपुर जनपद न्यायालय में राष्ट्रीय लोक अदालत में कुल 53969 वादों का हुआ निस्तारण

अभिषेक चौहान सब ब्यूरो शाहजहाँपुर

पारिवारिक न्यायालय द्वारा 16 वैवाहिक जोड़ों के मध्य विवाद को सुलझाते हुये उन्हे साथ रहने को राजी कर उनका विवाद कराया गया समाप्त।

 

पुराने वादों का भी प्राथमिकता पर राष्ट्रीय लोक अदालत में किया गया निस्तारण

 

शाहजहांपुर। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली के निर्देशानुसार शनिवार को जिला विधिक सेवा प्राधिकरण शाहजहाँपुर के तत्वाधान में दीवानी न्यायालय शाहजहाँपुर परिसर में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन जनपद न्यायाधीश भानु देव शर्मा के दिशा निर्देशन में किया गया। राष्ट्रीय लोक अदालत का उ‌द्घाटन जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष भानु देव शर्मा जिला एवं सत्र न्यायाधीश शाहजहाँपुर,रूपेश रंजन, पीठासीन अधिकारी मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण, प्रधान न्यायाधीश परिवार न्यायालय सुनील कुमार श्रीवास्तव,अरविन्द्र राय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश / नोडल अधिकारी के द्वारा एवं अन्य न्यायिक अधिकारीगण, बैंक अधिकारीगण, अधिवक्तागण व कर्मचारीगण की उपस्थिति में माँ सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्वलित कर किया गया। कार्यकम का संचालन अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश / सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण शाहजहाँपुर पीयूष तिवारी द्वारा किया गया। उदघाटन समारोह के उपरांत जिला एवं सत्र न्यायाधीश द्वारा जनपद न्यायालय शाहजहाँपुर का निरीक्षण करते हुये विभिन्न बैंकों द्वारा लगाये गये पंडालों में उपस्थित बैंक अधिकारीगण का उत्साहवर्धन किया गया। राष्ट्रीय लोक अदालत में रिकार्ड 53969 वादो का निस्तारण विभिन्न न्यायालयों द्वारा किया गया। जनपद न्यायाधीश एवं समस्त न्यायिक अधिकारियों के सतत प्रयास से इस बार की लोक अदालत में पिछली लोक अदालत दिनांक 09.12 2023 में निस्तारित वादों के सापेक्ष 9921 अधिक वादों का निस्तारण किया गया। विचाराधीन वादों के निस्तारण में 23 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गयी। मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण के पीठासीन अधिकारी रूपेश रंजन द्वारा 56 एम०ए० सी०पी० वादों व 09 अन्य वादों का निस्तारण कर अंकन 34498100 प्रतिकर के रूप में दिलाये जाने का आदेश पारित किया गया। सुनील कुमार श्रीवास्तव, प्रधान न्यायाधीश परिवार न्यायालय द्वारा 47 फौजदारी वादों व 19 वैवाहिक वादों का निस्तारण किया गया। जनपद न्यायालय शाहजहाँपुर में कार्यरत दीवानी व फौजदारी न्यायालयों द्वारा कुल 32764 वादों का निस्तारण करते हुये 41525726 रू० जुमाना धनराशि वसूल की गई। इसके अतिरिक्त बैंकों के 878 एन०पी०ए० प्री-लिटिगेशन मामलों का निस्तारण कर 73239373 धनराशि ऋण खातों का समझौता कराया गया। तथा राजस्व विभाग द्वारा 15895 वादों का निस्तारण किया गया व पुलिस चालान (ऑनलाइन) के कुल 4425 वादों का निस्तारण कर रू0 2040200 शमन शुल्क अर्जित किया गया। स्थायी लोक अदालत में कुल 04 अन्य वादों का निस्तारण कर 636522 धनराशि में समझौता कराया गया।अरविन्द राय अपर जिला जज कोर्ट संख्या 01 द्वारा 02 अन्य वादों का निस्तारण कर अंकन 75000 अर्थदण्ड के रूप में वसूल किये जाने का आदेश किया गया। प्रीती सिंह, अपर प्रधान न्यायाधीश परिवार न्यायालय द्वारा 12 वैवाहिक वादों का निस्तारण किया गया। अहसान हुसैन, अपर जिला जज कोर्ट संख्या 03 द्वारा 01 सिविल वाद का निस्तारण किया गया। आलोक कुमार शुक्ला, अपर जिला जज कोर्ट संख्या 02 द्वारा 09 सिविल वादों का निस्तारण किया गया। सुदीप कुमार जयसवाल, अपर जिला जज कोर्ट संख्या 08 द्वारा 18 अन्य वादों का निस्तारण कर अर्थदण्ड के रूप में 4000/- अर्थदण्ड के रूप में वसूल किये जाने का आदेश किया गया। गरिमा सिंह प्रथम, अपर जिला जज कोर्ट संख्या 04 ई०सी० एक्ट द्वारा 402 विद्युत वादों का निस्तारण किया गया।अभय प्रताप सिंह, अपर जिला जज कोर्ट संख्या 05 द्वारा 01 फौजदारी वाद का निस्तारण कर अर्थदण्ड के रूप में 10000/- अर्थदण्ड के रूप में वसूल किये जाने का आदेश किया गया। अपर्णा त्रिपाठी, प्रथम अपर जिला जज कोर्ट संख्या 43 द्वारा 01 अन्य वाद का निस्तारण कर अंकन 500 रु० में अर्थदण्ड वसूल किये जाने का आदेश किया गया। नरेन्द्र नाथ पाण्डेय अपर जिला जज एफ०टी०सी० द्वितीय कोर्ट संख्या 24 द्वारा 01 फौजदारी वाद का निस्तारण कर अंकन 1000 रू० में अर्थदण्ड वसूल किये जाने का आदेश किया गया। आरती द्विवेदी मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा 15821 फौजदारी वादों का निस्तारण कर अंकन 172980 रु० अर्थदण्ड के रूप में वसूल किये जाने का आदेश किया गया। असमा सुल्ताना सिविल जज सी०डि० कोर्ट संख्या 19 द्वारा 33 सिविल वादों, का निस्तारण कर अंकन 6353627.05 /- रू० उत्राधिकार के रूप में दिलाये जाने का आदेश किया गया। जुलकरनैन आलम अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम कोर्ट संख्या 16 द्वारा 2272 फौजदारी वादों, व 01 एन०आई०एक्ट वाद का निस्तारण कर अंकन कर अंकन 108450/-रू0 अर्थदण्ड के रूप में वसूल किये जाने का आदेश किया गया। प्रवीन कुमार अपर सिविल जज सी०डि०/ए०सी० जे०एम० द्वितीय कोर्ट संख्या 17 द्वारा 1625 फौजदारी वादों का निस्तारण कर अंकन रू० 4770/- अर्थदण्ड के रूप में वसूल किये जाने का आदेश किया गया। गरिमा सिंह तृतीय अपर सिविल जज सी०डि०/ए०सी० जे०एम० तृतीय कोर्ट संख्या 15 द्वारा 1712 फौजदारी वादों का निस्तारण कर अंकन रू० 13700 अर्थदण्ड वसूल किये जाने का आदेश किया गया। दिनेश कुमार दिवाकर, सिविल जज सी०डि०/एफ०टी०सी० कोर्ट संख्या 27 द्वारा 07 सिविल वादों का निस्तारण कर अंकन 180659 /- रु० उत्राधिकार के रूप में दिलाये जाने का आदेश किया गया। हिना कौसर, सिविल जज जू० डि० कोर्ट संख्या 18 द्वारा 04 सिविल वादों का निस्तारण किया गया। अंजीता सिंह चौहान अपर सिविल जज जू० डि० कोर्ट संख्या 31 द्वारा 1399 फौजदारी वादों व 01 सिविल वाद का निस्तारण कर अंकन 20370 रु० अर्थदण्ड के रूप में वसूल किये जाने का आदेश किया गया। अमवेश कुमार पाण्डेय न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वितीय कोर्ट संख्या 28 द्वारा 1565 फौजदारी वादो निस्तारण कर अंकन 21780 रु० अर्थदण्ड के रूप में वसूल किये जाने का आदेश किया गया। वर्तिका पटेल, अपर सिविल जज जू० डि० कोर्ट संख्या 35 द्वारा 1500 फौजदारी वादों व 01 एन०आई०एक्ट व 09 अन्य वादों का निस्तारण कर अंकन 7850 रू० अर्थदण्ड के रूप में वसूल किये जाने का आदेश किया गया। मनोज कुमार यादव-2 सिविल जज जू० डि० तिलहर द्वारा 1353 फौजदारी वादों 01 एन०आई०एक्ट० वादों व 2 अन्य वादों का निस्तारण कर अंकन 74600 रु० अर्थदण्ड के रूप में वसूल किये जाने का आदेश किया गया। अनुराधा, न्यायिक मजिस्ट्रेट, तृतीय कोर्ट संख्या 33 द्वारा 1538 फौजदारी वादों का निस्तारण कर अंकन 12110 रु० अर्थदण्ड के रूप में वसूल किये जाने का आदेश किया गया। अवंतिका त्रिपाठी, अपर सिविल जज जू० डि० कोर्ट संख्या 32 द्वारा 1014 फौजदारी वाद, 01 एन०आई०एक्ट० व 01 सिविल वाद का निस्तारण कर अंकन 3400 रु० अर्थदण्ड के रूप में वसूल किये जाने का आदेश किया गया। प्रमोद कुमार पाल अपर सिविल जज जू० डि० तिलहर द्वारा 1310 फौजदारी वादों का निस्तारण कर अंकन 23130 रु० अर्थदण्ड के रूप में वसूल किये जाने का आदेश किया गया। निधि माध्य कुरी, सिविल जज जू० डि०/एफ०टी०सी कोर्ट संख्या 41 द्वारा 13 वैवाहिक वादों व 1000 फौजदारी वादो का निस्तारण किया गया। सौरभी पाठक, सिविल जज जू० डि० एफ०टी०सी० कोर्ट संख्या 39 द्वारा 03 सिविल वाद किया गया। इस राष्ट्रीय लोक अदालत में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण शाहजहाँपुर के समस्त स्टॉफ व नजारत अनुभाग का विशेष सहयोग रहा।

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