उपजिलाधिकारी के कार्य से नाराज अधिवक्ताओं ने लगाए मुर्दाबाद के नारे जमकर हुआ विरोध प्रदर्शन 

मोहित गुप्ता मण्डल संवाददाता 

 

हरदोई /संडीला तहसील संडीला एसडीएम के विरुद्ध लामबंद हुए अधिवक्ता समस्याओं का समाधान नहीं हुआ तो 3 दिवसीय सांकेतिक हड़ताल का दिया अल्टीमेट तहसील में व्याप्त वादकारियों एवम काश्तकारों की समस्याओं के समाधान न होने तथा उपजिलाधिकारी के साथ वार्ता विफल होने पर अधिवक्ताओं ने जुलूस निकालकर विरोध दर्ज कराया शुक्रवार से पुरानी तहसील गेट पर अनिश्चितकालीन धरना शुरू होगा। 

अधिवक्ता समिति संडीला के अध्यक्ष मो नसीम खा की अध्यक्षता में आज आपातकालीन बैठक में लिए गए निर्णय के अनुसार पुरानी तहसील से अधिवक्ताओं ने तहसील प्रशासन के विरोध में नारेबाजी करते हुए जुलूस निकालकर विरोध दर्ज कराया गया।

 

साथ ही निर्णय लिया गया कि 12 जुलाई से पुरानी तहसील गेट पर अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन किया जाएगा 8 जुलाई को हुई अधिवक्ता समिति की बैठक में तहसील में व्याप्त प्रमुख समस्याएं चिन्हित की गई थी जिसमे प्रमुख रूप से धारा 23 /38 ,38 ,1 ) के मुकदमों में आकर पत्र 51 व 45 अनिवार्य कर दिया गया जिससे वादकारियों एवम अधिवक्ताओं को भारी समस्या हो रही है ।

 

जबकि अंश निर्धारण में इनकी कोई आवश्यकता नहीं है। तहसीलदार/तहसीलदार न्यायिक के न्यायालय से अनेक विवादित मुकदमे नायब तहसीलदार न्यायालयों में भेज दिए गए है। नायब तहसीलदारों को विधि की सम्यक जानकारी न होने के कारण मुकदमों का निस्तारण नही हो पा रहा है। सभी विवादित वाद जोकि तहसीलदार/तहसीलदार न्यायालय से भेजे गए है उन्हे पुनः मूल न्यायालयों में भेजा जाए क्योंकि कोई भी अधिवक्ता नायब तहसीलदारों की अनिभिगिता के कारण उनके न्यायालयों में कार्य नही करना चाहता है।

धारा २४राजस्व संहिता के अंतर्गत पैमाइश हेतु भारी सुविधा शुल्क न देने पर राजस्व निरीक्षक द्वारा गलत रिपोर्ट न्यायालय में भेज दी जाती है जिससे वादकारियों को भारी समस्या होती है। अविवादित वारासत के मामले में कुछ लेखपालों द्वारा भारी सुविधा शुल्क न देने पर गलत रिपोर्ट भेज दी जाती है। मुख्यमंत्री के स्पष्ट निर्देश है कि किसी पटल पर प्राइवेट कर्मचारी कार्य न करे जबकि यहां पर हर पटल पर प्राइवेट कर्मचारियों के माध्यम से अवैध वसूली करके बंदरबांट किया जाता है।

धारा १४३ जेड ए एक्ट के तहत घोषित अकर्षिक भूमि के विक्रय पत्र के दाखिल खारिज में भारी अवैध वसूली की जाती है अन्यथा कि स्थिति में दाखिल खारिज नही किया जाता है जबकि राजस्व संहिता में दाखिल खारिज किए जाने का प्रविधान है।

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