मां कात्यायनी शक्तिपीठ दिलेरगंज़ शाहाबाद में आयोजित शिवाराधना महोत्सव

मोहित गुप्ता मण्डल ब्यूरो

 

मां कात्यायनी शक्तिपीठ दिलेरगंज़ शाहाबाद में आयोजित शिवाराधना महोत्सव 2025 के अंतर्गत तृतीय दिवस में आचार्य नरेश चंद्र शास्त्री ने शिव चरित्र सुनाते हुए कहा कि अहंकार का मानव जीवन में कोई भी स्थान नहीं होना चाहिए क्योंकि अहंकार कहां ले डूबेगा इसका कोई पता नहीं अहंकारी की सहायता परमात्मा भी नहीं कर सकता l दक्ष की पुत्री सती ने अहंकार के वशीभूत कुम्भज ऋषि के द्वारा सुनाई गई राम कथा को श्रवण नहीं किया और अपने पति भगवान शंकर के प्रति एक नहीं बल्कि सात अपराध किए एक अपने जगत पूज्य पति पर अविश्वास दूसरा पति की आज्ञा की अवहेलना तीसरा भगवान शंकर के इष्ट श्री राम के साथ छल कपट अर्थात सीता का वेश धारण करना चौथा श्री राम के पहचाने जाने पर बिना क्षमा मांगे वहां से भागना पंचमा भगवान शंकर से अपना कृत्य छिपाना अर्थात असत्य भाषण छठवां ऋषि का अपमान सातवां सब कुछ जान लेने के बाद भी अहंकार के वशीभूत होने के कारण भगवान शंकर जी से भी क्षमा याचना न करना आखिरकार पति के वियोग में दीर्घकालिक जीवन यापन कर शरीर का त्याग करना पड़ा l

नरेश चंद शास्त्री ने सती के त्याग की मार्मिक चर्चा कर उपस्थित भक्त बन्धुओं को भाव विभोर कर दिया l

इस अवसर पर पंकज त्रिपाठी अवधेश बाबू मिश्रा सुभाष चंद्र रस्तोगी संजीव गुप्ता सत्येंद्र प्रकाश पांडे आकाश लक्ष्मी गुड़िया दुर्गावती किरण रस्तोगी प्रभा श्रीवास्तव नैंसी सैकड़ो भक्तों सहित स्वामी आत्मानंद गिरि उपस्थित रहे l

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