विद्यालय मर्जर के आदेश पर रोक लगाए सरकार- अक्षत पांडेय

मोहित गुप्ता मंडल ब्यूरो

 

उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रांतीय नेतृत्व द्वारा दिए गए निर्देश के क्रम में आज जनपद हरदोई में संगठन के प्रदेश कोषाध्यक्ष आदरणीय श्री शिव शंकर पांडेय जी के नेतृत्व में उच्च शिक्षा राज्यमंत्री श्रीमती रजनी तिवारी जी को विद्यालय मर्जर के विरोध में ज्ञापन सौंपा गया।

ज्ञापन के माध्यम से माननीय मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश सरकार से मांग की गई कि उत्तर प्रदेश शासन द्वारा हजारों विद्यालयों को पेयरिंग के नाम पर विद्यालयों को बंद न किया जाय।

प्रदेश में 150से कम छात्र संख्या वाले प्राथमिक विद्यालय एवं 100 से कम छात्र संख्या वाले उच्च प्राथमिक विद्यालय को प्रधानाध्यापक विहीन करते हुए हजारों प्रधानाध्यापक को सरप्लस घोषित कर दिया गया है।

विद्यालयों के पेयरिंग से नौनिहालों की शिक्षा प्रभावित होगी, हजारों प्रधानाध्यापकों के पद एवम रसोइयों की सेवा समाप्ति जैसे दुष्परिणाम देखने को मिलेंगे।

प्रदेश कोषाध्यक्ष शिव शंकर पांडेय ने कहा कि 50 छात्र संख्या से कम वाले विद्यालयों का मर्जर असंवैधानिक व अनुचित है।

इस आदेश पर सरकार को रोक लगानी चाहिए।

कम छात्र संख्या वाले विद्यालयों को दूसरे विद्यालयों में मर्ज करने के प्रदेश सरकार के नए फरमान से जिले भर के शिक्षक आंदोलित हो गए हैं।

उन्होंने बताया कि सर्व शिक्षा अभियान पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेई के नेतृत्व वाली सरकार ने पारित किया था। सरकार की सोच थी कि 6-14 वर्ष की आयु के सभी बच्चों को निःशुल्क शिक्षा उपलब्ध कराई जाए।

इस अभियान के अंतर्गत सरकार ने प्रत्येक गाँव व मजरे में प्राथमिक विद्यालय व प्रत्येक किमी पर विद्यालय की स्थापना हेतु भवन सहित तमाम संसाधन उपलब्ध कराए परंतु आज कम/अपर्याप्त छात्र संख्या के आधार पर विद्यालयों को समाप्त करके अन्य विद्यालयों में पर्याप्त शिक्षक उपलब्ध कराने की कार्यवाही गतिमान है। ऐसे में नामांकन कम होना स्वाभाविक है।

जिलाध्यक्ष अक्षत पांडेय ने कहा कि कम छात्र संख्या वाले विद्यालयों के मर्जर , पुरानी पेंशन बहाली, 2004 बैच के शिक्षकों के पुरानी पेंशन का मेमोरेंडम लागू करने , प्राइवेट स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चो को सरकारी स्कूलों की तुलना में दिए जा रहे प्रोत्साहन, नामांकन में आधार की अनिवार्यता, शिक्षकों की पदोन्नति, स्थानांतरण एवं अन्य शिक्षक की समस्यायें लंबित हैं।

ऐसे में विद्यालयों मर्जर का आदेश नियमो के विपरीत है। इस आदेश पर सरकार को रोक लगानी चाहिए।

सरकार और शिक्षा विभाग के अधिकारी पेयरिंग व्यवस्था के नाम पर विद्यालयों का मर्जर किए जा रहे हैं।

इससे परिषदीय स्कूलों में पढ़ने वाले छोटे-छोटे बच्चो का भविष्य चौपट हो जाएगा। विद्यालय की दूरी अधिक होने पर स्कूलों के बच्चे अन्य विद्यालयों तक नहीं पहुंच सकेंगे।

भारतीय संविधान में प्रदान किये गये शिक्षा के मौलिक अधिकार से वंचित रह जायेंगे।

जिलाध्यक्ष अक्षत पांडेय कहा कि प्रदेश सरकार शिक्षकों की पदोन्नति रोकने के लिए उनके साथ बहुत बड़ी साजिश कर रही है। सरकार की इस नई नीति से ग्रामीण क्षेत्र के तमाम बच्चे शिक्षा दूर हो जाएगे।

करीब 20 हज़ार विद्यालयों का मर्जर पूर्व में करके शिक्षकों की पदोन्नति के अवसर समाप्त कर दिए गए। परिणामस्वरूप वर्ष 2015 से आज तक किसी भी शिक्षक की पदोन्नति नहीं हुई।

इस आदेश से शिक्षकों के हजारों पद समाप्त हो जायेंगे।

जिससे कार्यरत शिक्षकों की पदोन्नति नहीं होगी ।

इस अवसर पर जिला मंत्री श्री विपिन सिंह, श्री ललित शुक्ला, श्री रुपेश अवस्थी, श्री अमित पांडेय, श्री हिमांशु श्रीवास्तव, श्री विवेक मिश्रा, श्री अनिल वर्मा, श्री अनुराग अवस्थी, श्री पंकज सिंह, श्री मोहित तिवारी, श्री धर्मेंद्र कुमार, श्री अतुल शुक्ला, श्री क्षितिज मिश्रा, दिलीप गुप्ता सहित अन्य पदाधिकारी उपस्थित रहे।

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