अस्पताल पर छिड़ा ‘पंचायती संग्राम’, भाईचारे पर भारी पड़ी राजनीति, रेवाड़ी बना हॉटस्पॉट-: विद्रोही

राजेश भारद्वाज स्टेट हेड हरियाणा

8 साल की देरी और अब सियासी तमाशा

 

अस्पताल पर छिड़ा ‘पंचायती संग्राम’, भाईचारे पर भारी पड़ी राजनीति, रेवाड़ी बना हॉटस्पॉट!: विद्रोही

 

 

रेवाड़ी। रेवाड़ी जिले में 200 बेड के प्रस्तावित सरकारी अस्पताल का मामला अब पूरी तरह से राजनीति की आग में तपता नजर आ रहा है। स्वयंसेवी संस्था ‘ग्रामीण भारत’ के अध्यक्ष वेदप्रकाश विद्रोही ने सरकार पर तीखे आरोप लगाते हुए कहा कि यह मामला विगत 8 वर्षों से जानबूझकर लटकाया गया है, जबकि इसे बहुत पहले शुरू किया जाना चाहिए था।

 

विद्रोही के अनुसार, भाजपा सरकार ने “जमीन न मिलने” का बहाना बनाकर इस महत्वपूर्ण स्वास्थ्य प्रोजेक्ट को रोके रखा। अब जब रेवाड़ी के पांच गांव – भगवानपुर, गोकलगढ़, फिदेड़ी, माजरा श्योराज और शहबाजपुर खालसा अस्पताल के लिए मुफ्त में जमीन देने की पेशकश कर रहे हैं, तो यह मुद्दा और अधिक उलझ गया है।

 

 

भगवानपुर का आंदोलन: वादाखिलाफी के खिलाफ धरना

 

भगवानपुर गांव के लोगों ने केंद्रीय मंत्री राव इन्द्रजीत सिंह पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए धरना शुरू कर दिया है। ग्रामीणों का कहना है कि वाटर टैंक के लिए गांव की 10 एकड़ पंचायती जमीन इस शर्त पर दी गई थी कि गांव में 200 बेड का अस्पताल बनाया जाएगा। अब ग्राम पंचायत ने इसके लिए अतिरिक्त 8 एकड़ जमीन भी मुफ्त देने की घोषणा की है।

 

 

गांवों की जंग: “अस्पताल हमारे गांव में बने!

 

भगवानपुर के धरने के बाद अन्य गांव गोकलगढ़, फिदेड़ी,माजरा श्योराज और शहबाजपुर खालसा – भी सक्रिय हो गए हैं और सभी ने अपने-अपने गांवों में अस्पताल निर्माण की मांग को लेकर मोर्चा खोल दिया है। ये सभी गांव रेवाड़ी शहर से महज 3-5 किलोमीटर के दायरे में हैं, जिससे स्थिति और भी संवेदनशील हो गई है।

 

 

विद्रोही की अपील: “भाईचारा बचाएं, राजनीति न फैलाएं

 

वेदप्रकाश विद्रोही ने सभी ग्रामीणों से शांति और एकता बनाए रखने की अपील करते हुए कहा कि चाहे यह होड़ स्वभाविक हो या राजनीतिक रूप से प्रेरित, इससे आपसी भाईचारा नहीं टूटना चाहिए। उन्होंने कहा कि अब सरकार को चाहिए कि वह राजनीति से ऊपर उठकर जनहित में निर्णय ले और अस्पताल निर्माण की दिशा में तुरंत कार्य शुरू करे।

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