संविधान हत्या दिवस: लोकतंत्र के सीने पर काली मुहर — वंदना पोपली का करारा प्रहार

राजेश भारद्वाज स्टेट हेड हरियाणा

रेवाड़ी। भाजपा जिला अध्यक्षा डॉ. वंदना पोपली ने आज ‘संविधान हत्या दिवस’ पर प्रेस को संबोधित करते हुए 25 जून 1975 को भारतीय लोकतंत्र का सबसे काला दिन बताया। उन्होंने कहा कि आज से ठीक 50 वर्ष पहले देश में आपातकाल लागू कर न सिर्फ संविधान के मूल सिद्धांतों को रौंदा गया, बल्कि लोकतंत्र का गला भी घोंट दिया गया था।

 

“संविधान किसी भी देश की आत्मा होता है, लेकिन 25 जून 1975 को इंदिरा गांधी की सरकार ने इस आत्मा की हत्या कर दी। प्रेस की आज़ादी छीनी गई, न्यायपालिका को पंगु बना दिया गया और जनता के मौलिक अधिकारों को रौंदा गया,” — वंदना पोपली

 

 

 

*कांग्रेस पर बोला तीखा हमला:*

 

डॉ. पोपली ने कांग्रेस पर दोहरे चरित्र का आरोप लगाते हुए कहा कि आज जो पार्टी “संविधान बचाओ” की बात करती है, वही पार्टी एक समय संविधान की सबसे बड़ी हत्यारिन रही है। “इंदिरा ही इंडिया” के नारे के पीछे छिपी तानाशाही को आज का युवा जरूर समझे और जाने कि किस तरह सत्ता की भूख में एक व्यक्ति के इशारे पर देश की पूरी लोकतांत्रिक व्यवस्था को गिरवी रख दिया गया।

 

 

 

*सवाल कांग्रेस से:*

 

*क्या कांग्रेस ने आपातकाल के लिए अब तक देश से माफी मांगी है?*

 

*क्या आज की पीढ़ी को उस दौर की सच्चाई से अवगत कराया जाता है?*

 

*क्या वे स्वीकार करेंगे कि वह दौर तानाशाही का था?*

 

 

*जनता का जवाब और लोकतंत्र की वापसी:*

 

डॉ. पोपली ने बताया कि जनता ने 1977 में वोट की ताकत से जवाब दिया और लोकतंत्र की पुनः स्थापना की “इतिहास हमें बताता है कि जनता सब देखती है और समय आने पर निर्णय लेना जानती है।”

 

 

 

*संकल्प का आह्वान*

 

डॉ. वंदना पोपली ने कहा कि “इस संविधान हत्या दिवस पर हम सभी को संकल्प लेना होगा — न हम भूलेंगे, न माफ करेंगे। संविधान को सिर्फ पढ़ने से नहीं, निभाने से बचाया जा सकता है।”

 

 

 

उन्होंने युवाओं से आग्रह किया कि वे इतिहास से सबक लें और लोकतंत्र की रक्षा के लिए सदैव सतर्क रहें।

 

 

25 जून 1975 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देश में आपातकाल घोषित किया था, जो 21 महीनों तक चला। इस दौरान नागरिक स्वतंत्रताएं निलंबित कर दी गईं, मीडिया पर सेंसरशिप लागू हुई, विपक्षी नेताओं को जेलों में ठूंसा गया और न्यायपालिका की स्वतंत्रता पर भी अंकुश लगाया गया।

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