तला भुना खाने के क्या है दुष्प्रभाव जाने विशाल गुप्ता के साथ

विशाल गुप्ता मुख्य संपादक -9026309999

आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में स्वाद और सुविधा के चलते तला-भुना खाना हमारे खानपान का एक अहम हिस्सा बन गया है। समोसे, कचौड़ी, पकोड़े, फ्रेंच फ्राइज, चिकन नगेट्स और अन्य जंक फूड स्वादिष्ट तो लगते हैं, लेकिन इनके नियमित सेवन से शरीर को गंभीर नुकसान पहुंच सकता है। तला-भुना खाना सिर्फ मोटापा ही नहीं बढ़ाता, बल्कि कई जानलेवा बीमारियों की जड़ भी बनता है। आइए विस्तार से समझते हैं कि तले-भुने भोजन के क्या-क्या दुष्प्रभाव हो सकते हैं*।

 

 

1. मोटापा और वजन बढ़ना

 

तले-भुने भोजन में वसा (fat) की मात्रा बहुत अधिक होती है, खासकर ट्रांस फैट और संतृप्त वसा, जो शरीर में जमा होकर मोटापा बढ़ाते हैं। मोटापा अपने आप में कई बीमारियों का कारण है जैसे डायबिटीज, उच्च रक्तचाप और हृदय रोग।

 

 

2. हृदय रोग का खतरा

 

अत्यधिक तेल में तला गया भोजन कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाता है, खासकर LDL (खराब कोलेस्ट्रॉल)। यह धमनियों में प्लाक जमने का कारण बनता है, जिससे रक्त प्रवाह बाधित होता है और हार्ट अटैक या स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है।

 

 

3. पाचन तंत्र पर प्रभाव

 

तला-भुना खाना पचने में भारी होता है, जिससे गैस, अपच, एसिडिटी और कब्ज की समस्या होती है। लंबे समय तक इसका सेवन पेट की बीमारियों को जन्म दे सकता है, जैसे कि अल्सर या इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम।

 

 

4. डायबिटीज का खतरा

 

अधिक तेल और चीनी वाला भोजन शरीर की इंसुलिन प्रतिक्रिया को प्रभावित करता है। जिससे रक्त शर्करा असंतुलित होती है और टाइप 2 डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है।

 

 

5. कैंसर का जोखिम

 

जब तेल को बार-बार गर्म किया जाता है, तो उसमें एक्रिलेमाइड नामक रसायन बनता है, जो एक कैंसरजन (carcinogen) माना गया है। लंबे समय तक ऐसे खाद्य पदार्थों का सेवन शरीर में कैंसर कोशिकाओं की वृद्धि को प्रेरित कर सकता है।

 

 

6. त्वचा और बालों पर प्रभाव

 

तला-भुना भोजन त्वचा पर मुंहासे, एलर्जी और रूखेपन का कारण बन सकता है। यह शरीर के भीतर सूजन (inflammation) को बढ़ाता है, जिससे त्वचा समय से पहले बूढ़ी दिखने लगती है।

 

 

7. लीवर और किडनी पर असर

 

अत्यधिक वसा और नमक लीवर और किडनी पर अतिरिक्त दबाव डालते हैं। इससे फैटी लिवर, किडनी स्टोन या अन्य जटिलताएं उत्पन्न हो सकती हैं।

 

 

8. मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव

 

अध्ययनों से पता चला है कि अस्वास्थ्यकर भोजन, विशेषकर तला-भुना खाना, तनाव, चिड़चिड़ापन और डिप्रेशन को बढ़ा सकता है। यह शरीर में “फील-गुड” हार्मोन को कम कर देता है।

 

 

समाधान क्या है?

 

तला-भुना खाने को कभी-कभार सीमित मात्रा में ही खाएं।

 

एयर फ्रायर या बेकिंग जैसी स्वस्थ तकनीकों का उपयोग करें।

 

तेल में तले खाने की जगह उबला, भुना, ग्रिल्ड या स्टीम किया गया खाना लें।

 

घर पर बना ताजा भोजन अधिक सुरक्षित होता है।

 

सलाद, फल और फाइबर युक्त आहार को प्राथमिकता दें।

 

तला-भुना खाना चाहे जितना भी स्वादिष्ट लगे, इसका नियमित सेवन शरीर के लिए जहर के समान है। स्वास्थ्य की दृष्टि से यह अत्यंत नुकसानदायक है और कई गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है। स्वस्थ जीवन जीने के लिए संयमित और संतुलित आहार अपनाना आवश्यक है। याद रखें – “स्वाद से ज्यादा ज़रूरी है, सेहत।”

 

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