रेवाड़ी में हिंदू संगठनों का बढ़ता आक्रोश: अवैध घुसपैठियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर तीनों विधायकों को सौंपा ज्ञापन

राजेश भारद्वाज स्टेट हेड हरियाणा

रेवाड़ी। जिले में अवैध घुसपैठियों की बढ़ती उपस्थिति को लेकर हिंदू संगठनों का धैर्य जवाब देता नजर आ रहा है। विश्व हिंदू परिषद, हिंदू युवा वाहिनी और विभिन्न हिंदू सामाजिक संगठनों के कार्यकर्ताओं ने एकजुट होकर जिला प्रशासन को चेताते हुए तीनों विधायकों को ज्ञापन सौंपा और प्रशासन की निष्क्रियता पर कड़ा ऐतराज जताया।

 

1 जून की शाम को विधायक लक्ष्मण यादव को सौंपा गया ज्ञापन

 

1 जून 2025 को शाम लगभग 7:30 बजे रेवाड़ी नगर व आस-पास के गांवों से लगभग 30 से अधिक हिंदू कार्यकर्ता रेवाड़ी के विधायक लक्ष्मण यादव के निजी निवास पर पहुंचे और उन्हें एक ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में मांग की गई कि जिले में मौजूद अवैध घुसपैठियों—विशेषकर रोहिंग्या और बांग्लादेशी नागरिकों—की पहचान कर उन्हें जल्द से जल्द डिपोर्ट किया जाए।

 

2 जून को कोसली और बावल के विधायकों से की गई मुलाकात

 

इसके अगले दिन, 2 जून को हिंदू संगठनों का प्रतिनिधि मंडल कोसली के विधायक अनिल यादव और बावल के विधायक डॉ. कृष्ण कुमार से मिला और इसी सिलसिले में उन्हें भी ज्ञापन सौंपा। संगठनों ने कहा कि 3 जून को उपायुक्त और पुलिस अधीक्षक से भी मिलने की योजना है, ताकि विषय की गंभीरता को लेकर प्रत्यक्ष वार्ता की जा सके।

 

गृह मंत्रालय का सख्त आदेश और प्रशासन की निष्क्रियता

 

ज्ञापन में इस बात का विशेष उल्लेख किया गया है कि भारत सरकार के गृह मंत्रालय ने 15 मई को सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों और जिला मजिस्ट्रेटों को एक निर्देश जारी किया था, जिसमें कहा गया था कि 30 दिन के भीतर अवैध घुसपैठियों की पहचान कर उन्हें डिपोर्ट किया जाए। यह अवधि 15 जून को समाप्त हो रही है, लेकिन रेवाड़ी प्रशासन द्वारा अब तक कोई उल्लेखनीय कार्रवाई नहीं की गई है।

 

सुप्रीम कोर्ट और हरियाणा सरकार का स्पष्ट रुख

 

ज्ञापन में यह भी कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट और हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने सार्वजनिक रूप से स्पष्ट किया है कि देश कोई धर्मशाला नहीं है और अवैध रूप से रह रहे घुसपैठियों को बख्शा नहीं जाएगा। बावजूद इसके, रेवाड़ी प्रशासन द्वारा कोई ठोस अमल नहीं किया जा रहा।

 

जमीनी हालात: ईंट भट्टों से कुछ डिपोर्ट, पर बहुसंख्यक अब भी मौजूद

 

संगठनों ने आईबी और सीआईडी की कार्रवाई का उल्लेख करते हुए बताया कि अब तक केवल ईंट भट्टों से लगभग 40 घुसपैठियों को ही डिपोर्ट किया गया है, जबकि जिले में इनकी संख्या सैकड़ों में हो सकती है। कई ऐसे घुसपैठिए मकानों और प्लॉटों में नाम बदलकर या बिना नाम बदले रह रहे हैं, और उन पर किसी प्रकार की प्रशासनिक कार्रवाई नहीं की गई है।

 

प्रशासनिक आदेश ज़मीनी हकीकत से मेल नहीं खाते

 

रेवाड़ी से बिठवाना तक के 11 गांवों के सरपंचों ने किराएदारों की जांच में आ रही दिक्कतों को लेकर उपायुक्त और एसपी से मुलाकात की थी। इसके बाद, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163 और 223 के तहत मकान मालिकों के लिए किराएदारों की पुलिस वेरिफिकेशन अनिवार्य कर दी गई थी। लेकिन हिंदू संगठनों का कहना है कि इस आदेश का कोई ठोस पालन नहीं हो रहा है।

 

स्थानीय संसाधनों के बेहतर उपयोग की मांग

 

ज्ञापन में यह भी कहा गया है कि सर्वे और पहचान के लिए प्रशासन के पास B.L.O., आशा वर्कर, C.P.L.O., बीट इंचार्ज, पंचायतों के पंच और सरपंच जैसी ज़मीनी टीम उपलब्ध हैं। इन्हें यदि उपायुक्त सक्रिय कर दें तो अवैध घुसपैठियों की पहचान और सत्यापन की प्रक्रिया बेहद कुशलता से पूरी हो सकती है। इसके अतिरिक्त, पुलिस प्रशासन द्वारा आईडी प्रूफ की क्रॉस-वैरिफिकेशन की मांग भी की गई।

 

समयसीमा में कार्रवाई की चेतावनी

 

हिंदू संगठनों ने स्पष्ट रूप से कहा कि यदि उपायुक्त और एसपी रेवाड़ी ने नागरिक और पुलिस प्रशासन की टीमें गठित कर इस दिशा में गंभीरता नहीं दिखाई तो गृह मंत्रालय का आदेश सिर्फ एक “दिवास्वप्न” बन कर रह जाएगा। 24 मई को जिलाधीश द्वारा जारी किए गए निर्देश, जिसमें मकान मालिकों पर कार्रवाई की बात कही गई थी, वह भी केवल कागज़ी साबित होगा।

 

तीनों विधायकों ने दिए कार्रवाई के निर्देश

 

रेवाड़ी, कोसली और बावल के तीनों विधायकों ने ज्ञापन को संज्ञान में लेते हुए प्रशासन को सख्त निर्देश देने की बात कही है। उन्होंने आश्वासन दिया कि सरकार के आदेशों का जिले में पूरी शक्ति से पालन करवाया जाएगा।

 

प्रतिनिधिमंडल में मौजूद प्रमुख लोग

 

ज्ञापन सौंपने वाले प्रतिनिधिमंडल में कई प्रमुख सामाजिक कार्यकर्ता और पूर्व जनप्रतिनिधि शामिल रहे। इनमें प्रमुख नाम इस प्रकार हैं:

 

राधेश्याम मित्तल, राजकुमार यादव, श्याम सुंदर, अजय यादव, अनिल आर्य (पाल्हावास), कंवल सिंह सोनी, शिव कुमार शर्मा, मनोज कुमार (पूर्व सरपंच)

 

अन्य गणमान्य नागरिक: शंभू सिंह चौहान, शीशराम, अभय सिंह, नवल सिंह, राज सिंह, बाबूलाल शर्मा, लक्ष्मण सिंह, संजय कुमार, अमन यादव, सुरेंद्र कुमार, अजीत सिंह, बीरेंद्र सिंह, ऋषि पाल, रामजस, अजय कुमार, रोहतास सिंह, सरदार सिंह, राम कुमार, अभय सिंह, नवीन कुमार आदि।

 

अब देखना यह है कि सर्वोच्च न्यायालय, गृह मंत्रालय और हरियाणा सरकार की सख्त नीति रेवाड़ी जिला प्रशासन को कितना सक्रिय करती है, और क्या वास्तव में 15 जून से पहले अवैध घुसपैठियों की पहचान और डिपोर्ट की कार्यवाही अमल में लाई जाती है।

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