डिप्थीरिया से बचाव को चले अभियान में 70,015 छात्र-छात्राओं के लगाए गए टीके 

बनवारी लाल प्रभारी उत्तर प्रदेश

जनपद में गलाघोंटू बीमारी से बचाव व टिटनेस के लिए 24 अप्रैल से दस मई तक चला था अभियान

डिप्थीरिया बैक्टीरिया को फैलने से रोकने के लिए स्वच्छता बहुत महत्वपूर्ण उपाय है

 

आगरा, 27 मई 2025

डिप्थीरिया से बचाव के लिए जिले में 24 अप्रैल से 10 मई तक चले विशेष टीकाकरण अभियान में 70,015 छात्र-छात्राओं के टीके लगाए गए हैं। 3341 स्कूलों को कवर करते हुए बच्चों को टीडी का टीका लगाकर रोग से सुरक्षित किया गया ।

 

मुख्या चिकित्सा अधिकारी डॉ. अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि जनपद में 24 अप्रैल से 10 मई के बीच में स्कूल आधारित टीकाकरण अभियान चलाया गया। इसमें 3341 स्कूलों में टीमों ने जाकर डिप्थीरिया (गलघोंटू) जैसी संक्रामक बीमारी के बारे में जानकारी देते हुए टीकाकरण किया। सरकारी, सहायता प्राप्त एवं निजी विद्यालयों में अभियान चलाकर बच्चों को टीका लगाया गया। अभियान में डीआईओएस और बीएसए का सहयोग लिया गया।

 

जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. उपेंद्र कुमार ने बताया कि अभियान के दौरान विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों को टीका लगाया। टीडी-10 का टीका 52674 और टीडी-16 का टीका 17341 छात्र-छात्राओं को लगाया है। डीआईओ ने बताया कि डिप्थीरिया का बैक्टीरिया नाक और गले की श्लेष्मा झिल्ली को प्रभावित करता है। संक्रमण के दो से चार दिनों के बाद ही इसके लक्षण दिखाई देने लगते हैं। यह बीमारी बच्चों को ही नहीं वयस्कों को भी प्रभावित करती है।

 

डीआईओ ने बताया कि डिप्थीरिया बैक्टीरिया को फैलने से रोकने के लिए स्वच्छता और साफ-सफाई बहुत महत्वपूर्ण है। अपने हाथों को नियमित रूप से धोएं, खासकर खाने से पहले और शौचालय जाने के बाद। इसके अलावा, अपने आसपास के वातावरण को साफ और स्वच्छ रखें।

 

 

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डिप्थीरिया के लक्षण-

डिप्थीरिया के लक्षण हैं, उच्च बुखार, जुकाम, सर दर्द, नाक का बहना, गले में सूजन, गले में खराश, गले में एक ग्रे या सफेद परत, कमजोरी यदि आपको या आपके किसी परिचित को इनमें से कोई भी लक्षण दिखाई देते हैं, तो तुरंत अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर संपर्क करके चिकित्सा सलाह अवश्य लें।

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डिप्थीरिया से बचाव के उपाय-

इस बीमारी से बचाव का उपाय है टीकाकरण। डेढ़ माह, ढाई माह, साढ़े तीन माह में पेंटावेलेंट का टीका लगवाना। इसके बाद 16 से 24 माह और पांच से सात वर्ष की आयु के बीच में डीपीटी का बूस्टर लगवाना। इसके अलावा 10 और 16 साल की आयु में टीडी का टीका लगवाना ।

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