भगवान महावीर के आदर्श और संदेश “जियो और जीने दो” की अवधारणा का पोषक – बी एन तिवारी

मनोज कुमार शर्मा ब्यूरो चीफ मैनपुरी

नई दिल्ली, जैन पंथ के संस्थापक भगवान महावीर प्राकट्योत्सव पर अखिल भारत हिन्दू महासभा ने भगवान महावीर के बताए मार्ग और उपदेशों को आत्मसात कर भारत को विश्व गुरु बनाने का संकल्प लिया। हिन्दू महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रविन्द्र कुमार द्विवेदी ने कहा कि भगवान महावीर का सत्य, अहिंसा और आत्मसंयम का संदेश जियो और जीने दो की अवधारणा का पोषक है । भगवान महावीर के यह संदेश विश्व की संपूर्ण मानव जाति के लिए अनुकरणीय एवं उपयोगी है। भगवान महावीर के संदेश न केवल मानव जाति, वरन सृष्टि के समस्त प्राणियों के जीने के अधिकार और उनके कल्याण का मार्ग प्रशस्त करते हैं।

हिन्दू महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रविन्द्र कुमार द्विवेदी ने भगवान महावीर प्राकट्योत्सव पर कहा कि मानव जाति भगवान महावीर के आदर्शों से भटक गई है। यही कारण है कि अपने अपने वर्चस्व को स्थापित करने के लिए सभी राष्ट्र युद्ध की विभीषिका का सामना कर रहे हैं। युद्ध की विभीषिका से बचने के लिए भगवान महावीर के आदर्शों पर वापस लौटना समय की सबसे बड़ी आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि भगवान महावीर के आदर्श और संदेश कालजयी हैं और पृथ्वी पर जीवन रहने तक मानव जाति को सत्य, अहिंसा और आत्म संयम की प्रेरणा देते रहेंगे। यह जानकारी हिन्दू महासभा के राष्ट्रीय प्रवक्ता बी एन तिवारी ने आज जारी बयान में दी।

बी एन तिवारी ने कहा कि भगवान महावीर ने मानव जाति के कल्याण के लिए जैन पंथ स्थापित किया। जैन समाज और उनका पंथ सनातन धर्म का अविभाज्य अंग और गौरव है। उन्होंने भगवान महावीर के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उनका जन्म वैशाली में ईसा पूर्व सन 599 में राजा सिद्धार्थ और रानी त्रिशला के यहां हुआ। उनका नाम वर्धमान रखा गया। 30 वर्ष की युवा अवस्था में ही वर्धमान ने सांसारिक जीवन का परित्याग कर आत्मज्ञान प्राप्ति के लिए साधना आरंभ की। 12 साल की कठिन तपस्या के बाद उन्हें परम दिव्य आत्मज्ञान प्राप्त हुआ और वर्धमान ने महावीर ( महान वीर ) के नाम से ख्याति अर्जित की। दिव्य आत्मज्ञान प्राप्ति के बाद भगवान महावीर ने अपना पूरा जीवन मानव जाति और सम्पूर्ण प्राणी जगत की सेवा और कल्याण में समर्पित कर दिया। ईसा पूर्व सन 527 में भगवान महावीर ने 72 वर्ष की अवस्था में मोक्ष प्राप्त कर अपने उपदेशों और आदर्शों से सदैव के लिए अमर हो गए।

बी एन तिवारी ने भगवान महावीर को नमन करते हुए कहा कि भगवान महावीर के आदर्शों पर चलकर ही भारत विश्व को युद्ध की विभीषिका से बचाने में विश्व का नेतृत्व कर सकता है। भगवान महावीर के आदर्शों को अपनाकर भारत को विश्व गुरु बनाया जा सकता है ।

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