लखनऊ में उठाया मुख्य मुद्दा – राजस्थान  द्वारा रोका हुआ है,  आगरा का पानी : सूखी पढ़ी हुई हैं आगरा की दो नदियाँ

मनोज कुमार शर्मा ब्यूरो चीफ मैनपुरी

आगरा।मुख्य मुद्दा – राजस्थान द्वारा रोका हुआ है, आगरा का पानी : सुखी हुई हैं आगरा की दो नदियाँ.

 

कांग्रेस के प्रमुख नेता सुरेंद्र सिंह राजपूत ने आगरा जनपद की दो प्रमुख नदियों (उटंगन और खरी) के जल शून्य हो जाने पर गंभीर चिंता जताई . उन्होंने कहा उत्तर प्रदेश सरकार को इस सम्बन्ध में राजस्थान सरकार से वार्ता कर , कावेरी जल बटवारा पैटर्न पर उत्तर प्रदेश के लिए पानी की मांग रखनी चाहिए. श्री राजपूत ने राणा सांगा स्मारक के अभिन्न भाग खनुआ बांध के जल शून्य सितिही हो जाने पर आक्रोश जताया.

 

आगरा में पिछले तीन दशक से बने चल रहे पानी के संकट को सिविल सोसायटी ऑफ़ आगरा और छांव फाउंडेशन लगातार उठाते रहे हैं। सिविल सोसायटी ऑफ़ आगरा की चिंता यह है कि जनप्रतिनिधि और उ प्र शासन आगरा जनपद की उटंगन और खारी नदियों के जल शून्य स्थिति में पहुंच जाने को लेकर उदासीन है। ये दोनो ही इंटर स्टेट नदियां हैं,इनकी आगरा के भूगर्भ जल के रिचार्ज में खास उपयोगिता है,जब तक इनमें जलप्रवाह अविरल रहा जनपद के अधिकांश विकास खंडों में हैंडपंप सुचारू रहे।

 

लेकिन जब से राजस्थान सरकार ने इनका पानी बिना उ प्र शासन की मंजूरी या सहमति के रोक लिया तब से आगरा अभूतपूर्व जल संकट के दौर में फंसा हुआ है।इन नदियों में पानी आना रोक देने से आगरा जनपद के 15 विकास खंडों में से फतेहपुर सीकरी अछनेरा,अकोला,खेरागढ,शमशाबाद, फतेहाबाद ,पिनाहट आदि विकास खंडों में तो हैंडपंप बीस साल पूर्व ही काम करना बंद कर चुके हैं।नलकूप सहित सबमर्सिबल पंपों के लिए बोरिंग अनुमति अत्यंत मुश्किल भरी आवश्यक औपचारिकता हो चुकी है।

 

उपरोक्त दोनों नदियां राजस्थान के करौली जनपद की विद्य पहाड़ी की निचली श्रंखलाओं से निकलने वाली जलधाराओं से पोषित अंतर्राज्यीय नदियां हैं ।चूंकि इन नदियों का एक बड़ा जलग्राही क्षेत्र आगरा जनपद की सीमा से लगा हुआ है अत:फलस्वरूप आगरा जनपद परोक्ष रूप से सबसे ज्यादा प्रभावित है। आगरा में सिंचाई विभाग के समक्ष यह मुद्दा लगातार उठाते रहे हैं।जनप्रतिनिधियों को भी इसकी जानकारी दी किंतु शासन तक यह मामला नहीं पहुंचा।

 

*–उ प्र सरकार करे राजस्थान से बात*

 

अंतर्रजिये जल विवाद और गैर कानूनी रूप से नदी का पानी रोकने के मामले में नागरिको और नागरिक संगठनों की एक सीमित भूमिका ही होती है, सिविल सोसायटी ऑफ़ आगरा ने इस मामले में सिंचाई विभाग के स्थानीय अधिकारियों ,प्रशासन तंत्र को अपनी चिंता से अवगत करवाती रही है। लेकिन जनप्रतिनिधियों ने इस मामले को गंभीरता से नहीं लिया।

सिंचाई विभाग पानी की किल्लत का मुख्य कारण राजस्थान के द्वारा जनपद की उटंगन और खारी नदी का पानी रोक लेने को मानती है।लेकिन इस मामले में शासन स्तर से ही कार्रवाई संभव है। उपरोक्त मुद्दे को प्रदेश के मुख्यालय पर आकर उठाने का कारण है कि आगरा के हितचिंतक ,शासन के पदस्थ ,जनप्रतिनिधि तथा पर्यावरण एक्टिविस्टों के साथ भी अपनी चिंता साझा कर सकें।

 

*–शीरोज हैंग आउट सहभागी*

 

लखनऊ में यह आयोजन इस अभियान में सहभागी शीरोज हैंग आऊट संगठन के सहयोग से आयोजित करना संभव हो सका है।इसके लिये शीरोज हैंगआउट कैफे में 6-4-25 को संगोष्ठी /परिचर्चा का आयोजन किया गया।सिविल सोसायटी ऑफ़ आगरा को उम्मीद है कि इस मुद्दे को राज्य की राजधानी में उठाने का नीति निर्माताओं के हमारी चिंताओं को जरूर गंभीरता से लिया जायेगा।

 

मुख्य मुद्दे:-

 

*संगोष्ठी एवं प्रेस मित्रों के माध्यम से जिन बिंदुओं को उठाने का प्रयास किया है,उनमें मुख्य हैं:-*

(1) उ प्र शासन के प्रमुख सचिव सिंचाई विभाग से उटंगन और खारी नदी के विषय में रिपोर्ट मांगे।

(2) राजस्थान सरकार के द्वारा इन नदियों का पानी अनधिकृत रूप से रोके जाने को गंभीरता से लेकर राजस्थान सरकार से वार्ता करें।

(3) अगर जरूरी हो तो अंतरराज्यीय नदियों के जल बंटवारे की नीति का अनुपालन करवाने को केन्द्र से वार्ता करे।

(4) खारी नदी से फतेहपुर सीकरी स्मारक समूह का अभिन्न भाग तेरह मोरी बांध भी पोषित होता है

जो कि यह उ प्र का अकेला हेरिटेज डैम है। इसकी बदहाली दूर कर जलयुक्त पर सिंचाई विभाग से कार्ययोजना बनाये जाने को कहा जाये।

(5) खनुआ बांध जो कि उटंगन नदी का हेड है,बदहाली का शिकार है,यहां मेवाड़ के राजा राणा सांगा और उनके तमाम वीर साथियों की स्मृति में भव्य स्मारक बना हुआ है।बांध में अब पानी नहीं भरता ।यह स्मारक उ प्र की सीमा से महज 900 मीटर दूर है और इसका जलाशय आगरा जनपद के भूजल स्तर पर अनुकूल प्रभाव डालता है।अत:राजस्थान सरकार से स्मारक के अभिन्न भाग खनुआ बांध (भरतपुर रियासत कालीन नाम:-बावन मोरा)को पुन:जलयुक्त करने पर वार्ता की जाये।

 

*–पी पी टी प्रजेंटेशन*

 

चर्चा की शुरुआत ड्रोन मैपिंग आधारित पीपीटी प्रेजेंटेशन से हुई ।उटंगन नदी के हैड पर स्थित खानवा के मैदान में बना राणा सांगा स्मारक,उसकी पृष्ठ भूमि में स्थित खनुआ बांध,फतेहपुर सीकरी स्मारक समूह के अभिन्न भाग एवं हेरिटेज ‘तरह मोरी बांध’ की ड्रोन मैपिंग पी पी टी में समाहित हैं।

 

अपनी बात को अधिक स्पष्ट करने के लिये सिविल सोसायटी ऑफ़ आगरा ने 15 मिनट के वॉयस ओवर के साथ पीपीटी तैयार की है ।जिसके माध्यम से यह वर्तमान स्थिति को दर्शाने का प्रयास किया है। यह पहली बार है कि दोनों नदियों और नदियों के आसपास के क्षेत्र का कोई भी प्रलेखन किया गया है। इस पीपीटी को प्रशासन और निर्णय करने वालों के समक्ष तो प्रस्तुत की, साथ ही जब भी उपयुक्त अवसर होगा नागरिकों के समक्ष भी तथ्यात्मक जानकारी रखेंगे।

इस पी पी टी को बनाने में अनिल शर्मा-सचिव, राजीव सक्सेना-वरिष्ठ सदस्य और पत्रकार; फोटोग्राफी ललित राजोरा- सरकारी फोटोग्राफर और स्थापित वन्यजीव फोटोग्राफर, वॉइस ओवर अंतर्राष्ट्रीय गजल गायक सुधीर नारायण द्वारा और संपादन यथार्थ अग्निहोत्री- अंतर्राष्ट्रीय अभिनेता, निर्देशक और कोरियोग्राफर का सक्रिय योगदान रहा है।जबकि अभियान में सहयोगी प्रेस फोटोग्राफर असलम सलीमी हैं।

 

*–प्रयास*

 

सिविल सोसाइटी ऑफ़ आगरा जिला पंचायत अध्यक्ष डा मंजू भदौरिया जो कि जिला स्तरीय जल प्रबंधन संबधी सबसे महत्वपूर्ण निकाय ‘ सिंचाई बंधू’ की अध्यक्ष भी हैं। प्रयासों से कई सकारात्मक स्थितियां भी बनीं किंतु फिर स्थिर हो गई हैं।

उटंगन नदी पर रेहावली गांव में बांध बनाने को हुआ सर्वेक्षण इन्हीं प्रयासों में है। डॉ. मंजू भदौरिया ने व्यक्तिगत रूप से यूपी के सीएम को एक पत्र और तथ्यात्मक जानकारियों की रिपोर्ट दे चुकी हैं। लेकिन अब सिंचाई विभाग से अगले कदम की प्रतीक्षा है।

एक नागरिक समूह के रूप में आगरा के पानी संबधी मुद्दे को राजधानी में लाए जाने के लिये एसिड अटैक सर्वाइवर्स और उनके संगठन शीरोज हैंग आउट के आभारी हैं।

व्हाट्सप्प आइकान को दबा कर इस खबर को शेयर जरूर करें

विज्ञापन बॉक्स (विज्ञापन देने के लिए संपर्क करें)


स्वतंत्र और सच्ची पत्रकारिता के लिए ज़रूरी है कि वो कॉरपोरेट और राजनैतिक नियंत्रण से मुक्त हो। ऐसा तभी संभव है जब जनता आगे आए और सहयोग करे
Donate Now
               
हमारे  नए ऐप से अपने फोन पर पाएं रियल टाइम अलर्ट , और सभी खबरें डाउनलोड करें
डाउनलोड करें

जवाब जरूर दे 

क्या शाहाबाद में महिला डिग्री कॉलेज की स्थापना की जरूरत है?

View Results

Loading ... Loading ...


Related Articles

Back to top button
Close
Website Design By Bootalpha.com +91 84482 65129