श्रीदेवी मेला एवं ग्राम सुधार प्रदर्शनी के कादंबरी रंग-मंच पर सुमित चौहान के संयोजकत्व में हुआ आयोजित पंच सम्मेलन

मनोज कुमार शर्मा ब्यूरो चीफ मैनपुरी

 

त्रिस्तरीय पंचायत व्यवस्था में पंच परमेश्वर को सर्वाेपरि माना जाता था पंचों द्वारा किया गया फैसला सर्वमान्य होता था।पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह

 

मैनपुरी,अप्रैल 2025- श्रीदेवी मेला एवं ग्राम सुधार प्रदर्शनी के कादंबरी रंग-मंच पर सुमित चौहान के संयोजकत्व में आयोजित पंच सम्मेलन को पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने संबोधित करते हुए कहा कि पहले पंचायती राज व्यवस्था काफी खस्ता हालत में थी, जब सरकार को याद आता था तभी प्रधानी का निर्वाचन होता था, कभी भी निर्धारित 05 वर्ष में निर्वाचन नहीं होते थे, लेकिन अब प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत निर्वाचन समय सीमा में हो रहे हैं इसके साथ ही केंद्र-प्रदेश सरकार ने वित्तीय, प्रशासनिक अधिकार देकर ग्राम पंचायत को संपन्न बनाने का कार्य किया, आज गांव में काफी परिवर्तन हुआ है, गांव-गांव पंचायत सचिवालयों का निर्माण के साथ मूलभूत सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित हो चुकी है, आज प्रधानों को असीमित अधिकार दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि त्रिस्तरीय पंचायत व्यवस्था में पंच परमेश्वर को पुरानी परंपरा में सर्वाेपरि माना जाता था पंचों पर लोगों को पूरा विश्वास था यदि गांव के पांच लोगों ने जो फैसला कर दिया वह सर्वमान्य होता था, पंच फैसला करने में पूरी निष्पक्षता बरतते थे।

श्री सिंह ने कहा कि ग्लोबल इन्वेस्टर समिट के दौरान साउथ कोरिया, जापान जाने का अवसर मिला, दोनों देश टेक्नोलॉजी में काफी आगे हैं, द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान जापान एटमी बम के हमले से बर्बाद हो चुका था लेकिन आज दुनिया के सबसे विकसित देश के रूप में हमारे सामने खड़ा है, वहां के लोगों में समयबद्धता के साथ राष्ट्र के प्रति समर्पण की भावना है, वहां के लोग राष्ट्रीय संपत्ति का किसी भी दशा में नुकसान नहीं होने देते हैं, लेकिन हमारे देश में ठीक इसके विपरीत है यदि हमारा रू. 100 का फायदा हो रहा होगा तो हम रू. 01 लाख तक का राष्ट्रीय नुकसान करने में हिचकेंगे नहीं, इन कमियों को हमें दूर करना होगा, देश का प्रधान हो या प्रधानमंत्री सभी को नेशन फर्स्ट की भावना के साथ कार्य करना होगा, सभी लोग चाहे वह किसी भी पद पर बैठे हों पूरी ईमानदारी के साथ राष्ट्रीय हितों को ध्यान में रख कार्य करेंगे, उस दिन विश्व में भारत का डंका बजने लगेगा।

पर्यटन मंत्री ने कहा कि आवास विकास परिषद के माध्यम से 300 करोड़ से अधिक की लागत से काफी बड़े क्षेत्रफल में नया मैनपुरी बसने का सपना जल्द ही धरातल पर साकार होते दिखेगा, इसके साथ ही प्रदेश के मुख्यमंत्री ने जनपद को एक बड़ी सौगात और दी है, पूरे प्रदेश में पांच बड़े शहरों हेतु बाईपास निर्माण की स्वीकृति प्राप्त हुई है, जिसमें मैनपुरी नगर के बाईपास के निर्माण की स्वीकृति दूसरे नंबर पर है, जल्द ही रू. 700 करोड़ की लागत से 22 किलोमीटर लंबा नया बाईपास का निर्माण होगा, जिस क्षेत्र से बाईपास निकलेगा वहां के लोगों को सर्किल रेट से चार गुना मुआवजा मिलेगा और जिनकी भूमि बचेगी उस भूमि के मूल्य में भी तेजी से बढ़ोत्तरी होगी, उस क्षेत्र में व्यावसायिक भवन भी बनेंगे, जो जनपद के सर्वांगीण विकास में सहायक सिद्ध होंगे, बाईपास के निर्माण से न सिर्फ मैनपुरी नगर-भोगांव का नक्शा बदलेगा बल्कि पूरे जनपद की तस्वीर बदली नजर आयेगी।

विधायक भोगांव राम नरेश अग्निहोत्री ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि ने कहा कि जब तक शहरों की भांति गांव का विकास होगा, शहर जैसी सारी सुविधाएं गांव में मिलने लगेंगी, जब देश का हर गांव विकसित होगा तो देश विकसित होगा। उन्होंने कहा कि देश के यशस्वी प्रधानमंत्री ने नारा दिया है कि वर्ष- 2047 में जब देश स्वतंत्रता की स्वर्ण जयंती मना रहा हो, उस समय तक पूर्ण विकसित, दुनियां का सबसे ताकतवर, सबसे समृद्धशाली देश भारत हो, इस संकल्प को पूरा करने में हम सबको अपने दायित्वांे का निर्वहन करना होगा। उन्होंने कहा कि प्रधान, बी.डी.सी. की टीम गांव की पहली सरकार है, तदोपरांत ब्लॉक की, नगर निकाय की, क्षेत्र पंचायत की फिर विधानसभा की तद्ोपरांत लोकसभा की सरकार है, जब सब सरकारें मिलकर अपने-अपने कर्तव्यों का निर्वहन करेंगी तभी हमारा देश पूर्ण विकसित देश बनेगा। उन्होने कहा कि केन्द्र-प्रदेश सरकार किसानों की आय दोगुनी करने के लिए निरतंर प्रयासरत् है, आज किसानों को खाद, बीज, कृषि यंत्रों पर अनुदान के साथ प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना में लाभान्वित किया जा रहा है। उन्होने कहा कि आज हमारा देश हर क्षेत्र में तेजी से विकास कर रहा है, हमारा सपना उसे दिन साकार होगा जब सफाई कर्मी अपनी कार में झाड़ू रखकर सफाई करने जाएगा और सफाई के उपरांत अपनी कार से वापस आएगा, पहले से काफी परिवर्तन आ चुका है, आज सफाई कर्मी बाइक से सफाई करने जा रहा है, जिस दिन सफाई कर्मी कार से जाने लगेंगे, उस दिन हमारा देश पूर्ण विकसित देश होगा। उन्होंने उपस्थित ग्राम प्रधानों, बीडीसी मेंबर, ब्लॉक प्रमुख का आव्हान करते हुये कहा कि अपने अधिकारों के साथ कर्तव्यों का भी ध्यान रखें, ऐसा कार्य न करें कि कोई आपके ऊपर उंगली उठा सके। उन्होने कहा कि जनपद के कुछ प्रधानों ने बेहतर कार्य किया है, अभी हाल ही में ग्राम सभा अलीपुर खेड़ा को प्रदेश सरकार ने रू. 35 लख का इनाम उत्कृष्ट कार्य हेतु प्रदान किया है, सभी प्रधान अलीपुर खेड़ा से प्रेरणा लेकर बेहतर कार्य करें ताकि अगली बार आपकी ग्राम सभा को शासन स्तर से पुरस्कृत किया जा सके।

जिलाधिकारी अंजनी कुमार सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि पंच परमेश्वर की कहानी के अंत तक सभी लोग भावनात्मक रूप से जुड़ जाते हैं, उस कहानी को सुनने के पश्चात प्रधानों को अपने पंच होने पर गर्व महसूस होगा। उन्होने कहा कि सभी का उद्देश्य मानव कल्याण है, मानव कल्याण का सबसे अधिक दायित्व ग्राम प्रधानों के ऊपर है, उन्होंने कहा कि लोकतंत्र, शक्तियों के विकेंद्रीकरण की सबसे जीती-जागती मूर्ति ग्राम प्रधान है, किस प्रकार गांव के अंतिम पायदान के व्यक्ति तक योजनाओं का लाभ पहुंचाने का सबसे सशक्त माध्यम प्रधान है। उन्होंने कहा कि मेरे द्वारा कई गांव के भ्रमण किये गये, भ्रमण के दौरान पाया कि कई प्रधानों द्वारा बेहतर कार्य कराये गये हैं, लेकिन कुछ गांव में प्रधानों द्वारा सरकारी कार्मिकों को गलत राह दिखाई जा रही है। उन्होंने कहा कि आज भी गांव की संरचना ऐसी है कि छोटे-छोटे विवादों के निपटारे के लिए गांव के बड़े, मानिन्द्र लोगों की तरफ देखा जाता है, आज भी यह परंपरा ग्रामीण क्षेत्र में बाकी है या और यह एक स्वस्थ परंपरा है, ग्राम प्रधान नेतृत्व देकर गांव के विकास के साथ छोटे-छोटे विवादों को ग्राम स्तर पर ही निपटाने में अपना योगदान दें, ताकि ग्रामीणों को थाना, तहसील के अनावश्यक रूप से चक्कर न लगाने पड़ें। उन्होने कहा कि त्रिस्तरीय पंचायत व्यवस्था में प्रधानों को ग्रामों के विकास के लिए असीमित अधिकार प्रदान किए गए, इससे पहले ग्राम प्रधानों के पास वित्तीय, प्रशासनिक अधिकार नहीं थे, आज ग्रामीण क्षेत्र का विकास ग्राम के ही जन-प्रतिनिधियों के माध्यम से हो रहा है।

पुलिस अधीक्षक गणेश प्रसाद शाहा ने कहा कि लोकतंत्र का पहला रूप पंचायत है, आदिकाल में जब हम इतिहास की बात करते हैं तो ज्ञात होता है कि ग्राम पंचायत का स्वरूप हमेशा से विद्यमान रहा है, पंच पूरे समूह का प्रतिनिधित्व करते हैं। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र के आधारभूत ढांचे में आमजन की सबसे ज्यादा अपेक्षाएं ग्राम प्रधानों से होती हैं, प्रधानों से जिम्मेदारी के साथ-साथ लोगों की अपेक्षाएं भी जुड़ी है, आप निष्पक्ष होकर लोगों का सहयोग करें। उन्होंने कहा कि गांव की जनता कहीं भी जाने से पहले अपने प्रधान को देखती हैं, प्रधान का पद काफी सम्माननीय है, अपने क्षेत्र की जनता की समस्याओं के निदान के लिए तत्पर रहें, यदि गांव के व्यक्तियों की समस्याओं का निदान गांव में होगा तो उन्हें थाना, तहसील के चक्कर लगाने नहीं पड़ेंगे। उन्होंने कहा कि मेरी कोशिश होगी कि किसी भी कार्य के लिए ग्राम प्रधानों को थाने न आना पड़े बल्कि पुलिस ही आपके गांव में जाकर आपसे संवाद कर समस्याओं का निदान करे, जल्द ही गांव में चौपाल कार्यक्रम आयोजित कर आपके बीच पहुंचेंगे।

मुख्य विकास अधिकारी नेहा बंधु ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि जिला प्रशासन विशेष तौर पर विकास विभाग से प्रधानों, जन-प्रतिनिधियों को पूर्ण सहयोग प्रदान किया जा रहा है, कुछ प्रधानों ने मंच के माध्यम से कई समस्याएं बताई हैं, उनका प्राथमिकता पर निदान किया जाएगा, पंचायत सहायकों को विशेष कार्यक्रम आयोजित कराकर प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा, विशेष प्रशिक्षण के माध्यम से नियमावली एवं उनके कर्तव्यों के बारे में विस्तार से जानकारी दी जाएगी। उन्होंने ग्राम प्रधानों से कहा कि यदि किसी को कोई समस्या हो तो किसी भी कार्य दिवस में कार्यालय आकर संपर्क कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि कुछ ग्राम प्रधानों ने ग्राम पंचायत निधि से होने वाले कार्यों में अपनी भूमिका निभाकर अपने क्षेत्र में बेहतर कार्य कराए हैं, निधि सेे गांव के बच्चों के लिए लाइब्रेरी की स्थापना का कार्य काफी सराहनी है, कुछ प्रधानों ने संचालित योजनाओं के क्रियान्वयन के साथ-साथ विकास कार्यों में भी अग्रणी भूमिका का निर्वहन कर अपने क्षेत्र के विकास में योगदान दिया है।

पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री, विधायक भोगांव, जिलाधिकारी, जिला पंचायत अध्यक्ष, जिलाध्यक्ष, पुलिस अधीक्षक, मुख्य विकास अधिकारी ने बेहतर कार्य करने वाले ब्लॉक सदर की ग्राम पंचायत भाऊपुर के ग्राम प्रधान भगवान सिंह राजपूत, जसरऊ के ग्राम प्रधान अमित कश्यप, कांकन के ग्राम प्रधान कुलदीप चौहान, ब्लॉक कुरावली की ग्राम पंचायत किचौरा के ग्राम प्रधान श्याम सुन्दर तिवारी, सिरसा के ग्राम प्रधान सौरभ कुमार, गंगापुर मोहम्मदपुर के ग्राम प्रधान गोविन्द शाक्य, ब्लॉक सुल्तानगंज की ग्राम पंचायत आलीपुर खेड़ा के ग्राम प्रधान संत प्रकाश स्वर्णकार, सहारा के ग्राम प्रधान सुघर सिंह, जौली-जिरौली के ग्राम प्रधान मनोज चौहान, ब्लॉक बेवर की ग्राम पंचायत श्यामपुर भटपुरा के ग्राम प्रधान नवीन तोमर, नवीगंज के ग्राम प्रधान ऋषि दिवाकर, अहिमलपुर के ग्राम प्रधान नितिन पाण्डेय, ब्लॉक जागीर की ग्राम पंचायत टिकसुरी के ग्राम प्रधान अभिषेक तिवारी, अजीतगंज की ग्राम प्रधान पिंकी शंखवार, भांवत के ग्राम प्रधान सौदान राजपूत, ब्लॉक किशनी की ग्राम पंचायत लैगांव की ग्राम प्रधान चन्द्रप्रभा मिश्रा, चौराईपुर की ग्राम प्रधान गुड्डी देवी चौहान, चितायन के ग्राम प्रधान गौरव चक्रवर्ती, ब्लॉक करहल की ग्राम पंचायत रानीपुर हरेरा के ग्राम प्रधान सिद्धनाथ पाण्डेय, पडुरा की ग्राम प्रधान शोभा देवी, विनायकपुर के ग्राम प्रधान रामहेत चौहान, ब्लॉक बरनाहल की ग्राम पंचायत नवाटेड़ा की ग्राम प्रधान शशि चौहान, पैरारशाहपुर के ग्राम प्रधान मुकेश यादव, खेड़ा महान के ग्राम प्रधान विनीत कुशवाह, लाखनमऊ हरदेवी, ब्लॉक घिरोर की ग्राम पंचायत कोसोन के ग्राम प्रधान पवन चौहान, नाहिल कढेंगंरा के ग्राम प्रधान अजय बघेल, नगला कल्याण घिरोर की ग्राम प्रधान किरन कुमारी को प्रतीक चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया।

इस दौरान जिला पंचायत अध्यक्षा अर्चना गोविन्द भदौरिया, जिलाध्यक्ष ममता राजपूत, पूर्व विधायक अशोक सिंह चौहान, ब्लॉक प्रमुख प्रतिनिधि शिवदत्त भदौरिया, ब्लॉक प्रमुख मुनेष चौहान, सत्यपाल यादव, विशाल बाल्मिकी, कश्मीर सिंह राजपूत, भल्लू चौहान, पूर्व जिलाध्यक्ष प्रदीप चौहान, अरविन्द तोमर, अनुजेश प्रताप सिंह, उदय चौहान, रमा शंकर तिवारी, प्रदीप राज चौहान, अमित गुप्ता, करन पाल सिंह, मनोरमा चौहान, नगर पंचायत अध्यक्ष, ग्राम प्रधान, क्षेत्र पंचायत, जिला पंचायत सदस्य आदि उपस्थित रहे, कार्यक्रम का संचालन प्रदीप चौहान ने किया।

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