मैनपुरी में हुआ सेफर इंटरनेट-डे पर आधारित कार्यशाला का आयोजन

मनोज कुमार शर्मा ब्यूरो चीफ मैनपुरी

 

अपने पर ज्यादा, दूसरों पर कम विश्वास करें, फोन कॉल्स, व्हाट्सएप कॉल्स, वॉयस कॉल्स पर तत्काल विश्वास न करें, जिलाधिकारी

मैनपुरी। जिलाधिकारी अंजनी कुमार सिंह ने भारत सरकार के इलैक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के निर्देश के क्रम में कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित सेफर इंटरनेट-डे पर आधारित कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहा कि अपने पर ज्यादा, दूसरों पर कम विश्वास करें, फोन कॉल्स, व्हाट्सएप कॉल्स, वॉयस कॉल्स पर तत्काल विश्वास न करें बल्कि अपने विवेक का प्रयोग करें, किसी के धमकी देने, प्रलोभन देने पर डरे नहीं, कोई भी सरकारी एजेंसी, बैंक आपको किसी प्रकार की गोपनीय जानकारी, लेन-देन के बारे में आपको फोन नहीं करेंगे, इस प्रकार के फोन सिर्फ डिजिटल अरेस्ट के लिए आते हैं, फोन कॉल्स आने पर आप घबराएं नहीं। उन्होंने कहा कि अधिकांश पढ़े-लिखे व्यक्ति ही डिजिटल अरेस्ट के शिकार हुए हैं, कोई भी ग्रामीण व्यक्ति, किसान डिजिटल अरेस्ट का शिकार नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि यदि कोई आपको धमकी भरा कॉल करें या आपको डिजिटल अरेस्ट करने की कोशिश करें तो आप साइबर क्राइम की ई-मेल आई.डी. अथवा 1930 पर शिकायत दर्ज करायें।

श्री सिंह ने कहा कि कभी भी कॉल्स पर अपनी संवेदनशील जानकारी जैसे ओ.टी.पी., आधार, पैन या बैंक विवरण, व्यक्तिगत जानकारी ऑनलाइन साझा न करें, अपनी डिजिटल पहचान को सुरक्षित रखें, अनियंत्रित आधार भुगतान सूचनाआंे से सतर्क रहें, वास्तविक कूरियर सेवाएं बिना बुकिंग किए पार्सल के लिए कोई शुल्क नहीं लेती, कभी भी अज्ञात नंबरों से आने वाले लिंक पर क्लिक न करें जो केवाईसी अपडेट के बहाने आपकी संवेदनशील जानकारी साझा करने के लिए निवेदन करें, उच्चलाभ के प्रति प्रेरित करने वाले ऑनलाइन निवेश ऑफरों से बचें, कभी भी अज्ञात नंबरों से आने वाली कॉल्स पर अपनी व्यक्तिगत जानकारी या पैसों से सम्बन्धित मांग को पूरा न करें, अपने मोबाइल पर ऐप्स की नियमित जांच करें, अनावश्यक अनुमतियां रद्द करें और अनुपयोगी एप्स को हटा दें, सतर्क रहें कभी भी भुगतान प्राप्त करने के लिए क्यूआर कोड स्कैन या ओटीपी, पिन साझा न करें ये स्कैम के तरीके हो सकते हैं, कोई सरकारी एजेंसी (पुलिस, सीबीआई, ईडी) वीडियो या वॉयस कॉल्स के माध्यम से आपकी जांच या गिरफ्तारी नहीं कर सकती।

जिला सूचना विज्ञान अधिकारी मयंक शर्मा ने सेफर इंटरनेट-डे पर सोशल मीडिया, व्हाट्सएप, डिजिटल अरेस्ट के संबंध में विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि इंटरनेट के खतरों जैसे साइबर बुलिंग, धोखाधड़ी और पहचान, मजबूत पासवर्ड, 02 स्तरीय सत्यापन (ज्ूव – थ्ंबजवत ।नजीमदजपबंजपवद) और सुरक्षित ब्राउज़िंग की आवश्यकता, साइबर सुरक्षा बनाए रखने के लिए सॉफ़्टवेयर अपडेट करने, अनजान लिंक पर क्लिक न करने, एंटीवायरस का उपयोग करने जैसे उपाय बताए। उन्होने डिजिटल फुटप्रिंट और इंटरनेट पर की गई गतिविधियों के दीर्घकालिक प्रभावों के बारे में जानकारी दी, ऑनलाइन खतरों की पहचान के लिए व्यावहारिक उदाहरण प्रस्तुत किए, अंत में प्रश्नोत्तर सत्र में प्रतिभागियों की शंकाओं का समाधान किया। कार्यशाला ने सफलतापूर्वक इंटरनेट को सुरक्षित रूप से उपयोग करने की महत्वपूर्ण जानकारियाँ प्रदान की।

इस दौरान मुख्य विकास अधिकारी नेहा बंधु, अपर जिलाधिकारी राम जी मिश्र, मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. आर.सी. गुप्ता, उप जिलाधिकारी भोगांव, किशनी, कुरावली संध्या शर्मा, गोपाल शर्मा, राम नारायण, डिप्टी कलेक्टर धु्रव शुक्ला, जिला विकास अधिकारी अजय कुमार, उपायुक्त एन.आर.एल.एम. शौकत अली, परियोजना निदेशक सत्येंद्र कुमार, उपायुक्त मनरेगा श्वेतांक पांडेय, जिला अर्थ एवं संख्याधिकारी अरूण कुमार शुक्ला, जिला पूर्ति अधिकारी क्यामुद्दीन अंसरी, जिला विद्यालय निरीक्षक सतीश कुमार, उपायुक्त उद्योग उत्कर्ष चंद, जिला बेसिक शिक्षाधिकारी दीपिका गुप्ता, सहायक सम्भागीय परिवहन अधिकारी शिवम यादव, जिला समाज कल्याण अधिकारी अशोक कुमार के अलावा अधिशाषी अभियंता लोक निर्माण, जल निगम, आर.ई.एस., विद्युत सहित अन्य संबंधित अधिकारी आदि उपस्थित रहे।

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