योगी सरकार के निर्देश को पलटने वाला सर्वोच्च न्यायालय का निर्णय बहुसंख्यक समाज की भावनाओं के विपरीत – हिन्दू महासभा

मनोज कुमार शर्मा ब्यूरो मैनपुरी 

 

हिन्दू महासभा ने हिन्दू दुकानदारों से दुकानो पर अपने नाम की पट्टिका लगाने का आह्वान किया

नई दिल्ली, अखिल भारत हिन्दू महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रविन्द्र कुमार द्विवेदी ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कांवड़ यात्रा मार्ग के सभी दुकानदारों को अपनी अपनी दुकानों पर अपने नाम की पट्टिका लगाने के निर्देश के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि सर्वोच्च न्यायालय का यह निर्णय देश के बहुसंख्यक समाज की भावनाओं के विपरीत निर्णय है। सर्वोच्च न्यायालय का निर्णय कांवड़ियों की धार्मिक शुचिता के खिलाफ है, जिस कारण हिन्दू समाज में घोर निराशा और निर्णय के खिलाफ आक्रोश व्याप्त है।

हिन्दू महासभा के राष्ट्रीय प्रवक्ता बी एन तिवारी ने आज जारी बयान में यह जानकारी देते हुए कहा कि भारत में आज भी ब्रिटिश कालीन कानूनों का अस्तित्व है, जिसका निर्माण बहुसंख्यक समाज को हतोत्साहित और प्रताड़ित करने के लिए हुआ था। आजादी के बाद से ब्रिटिशकालीन कानूनों को बदलने और नागरिकों में समरूपता के आधार पर नए कानून लागू किए जाने की मांग निरंतर होती रही है।

जारी बयान में राष्ट्रीय अध्यक्ष रविन्द्र कुमार द्विवेदी ने कहा कि निश्चित ही सर्वोच्च न्यायालय का निर्णय हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं पर आघात है। थूक जेहाद और हलाल मार्का खाद्य पदार्थों की बिक्री पर सर्वोच्च न्यायालय का संज्ञान नहीं लेना न्यायिक व्यवस्था पर प्रश्नचिन्ह लगाता है। बहुसंख्यक समाज विरोधी न्यायिक व्यवस्था को बदलने का अब सही समय आ गया है। केंद्र सरकार को इस दिशा में सार्थक निर्णय लेकर बहुसंख्यक समाज के हितों की सुरक्षा सुनिश्चित करना चाहिए।

हिन्दू महासभा के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष चंद्रशेखर भट्ट ने भी सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय पर निराशा व्यक्त करते हुए कांवड़ यात्रा के मार्ग के सभी दुकानदारों से अपनी अपनी दुकानों पर स्वेच्छा से अपनी नाम पट्टिका लगाने का आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि उपभोक्ता को दुकानदार का परिचय जानने और अपनी स्वेच्छा से किसी भी दुकान से वस्तु अथवा खाद्य पदार्थ क्रय करने का निर्णय करने की स्वतंत्रता मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के बाद भी हिन्दू दुकानदारों द्वारा स्वेच्छा से अपनी नाम पट्टिका लगाने से देश का कोई सा भी कानून उन्हें नहीं रोक सकता । हिन्दू दुकानदारों द्वारा अपनी नाम पट्टिका स्वेच्छा से लगाने पर कांवड़ यात्रियों को क्रय करने हेतु स्वैच्छिक दुकान का चयन करने में सहजता होगी और कांवड़ यात्री अपनी शुचिता बनाए रखने में भी सफल होंगे।

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