अपने दैनिक आहार में श्री अन्न को शामिल करेः- मुख्य चिकित्साधिकार

श्री अन्न के प्रयोग से शरीर को सभी पोषक तत्व मिलते हैः-नन्द किशोर

उ0प्र0 मिलेट्स पुनरोद्धार कार्यक्रम के अन्तर्गत स्कूल कैरीकुलम के माध्यम से शिक्षकों को प्रशिक्षित करने हेतु प्रशिक्षण का आयोजन आज कृषक सभागार, बिलग्राम चुंगी, हरदोई में किया गया, जिसमें रोहताश कुमार, मुख्य चिकित्साधिकारी, हरदोई द्वारा कार्यक्रम का शुभारम्भ दीप प्रज्वलन कर किया गया। मुख्य चिकित्साधिकारी ने अपने सम्बोधन में कहा कि आज लगभग हर दूसरा, तीसरा व्यक्ति किसी न किसी रोग से पीड़ित है। इसमें पेट व लीवर सम्बन्धित रोगियों की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ रही है। ऐसा हमारे खानपान और जीवन शैली में परिर्वतन की वजह से हो रहा है। उन्होने कहा कि हमारे पुरखे श्री अन्नों के महत्व को जानते थे और श्री अन्न उगाते थे। आज हम श्री अन्न के महत्व को भूल गये है जबकि विदेशो में श्री अन्न की बड़ी मांग उन्होने शिक्षकों से अपील की कि वह अपने दैनिक आहार में श्री अन्न को शामिल करे। श्री अन्न में पाये जाने वाले पोषक तत्व हमे कई प्रकार की बीमारियों से बचाते है। यह इतने सुपाच्य होते है कि डाक्टरों द्वारा रोगियों एवं बच्चों को श्री अन्न खाने की सलाह दी जाती है। सभी शिक्षकों को चाहिए कि वह श्री अन्न के महत्व को समझे और अपने सगे सम्बन्धी एवं विद्यार्थियों को इसके बारे में बताये जिससे सभी लोग इसकी ओर आकर्षित होकर अपने भोजन में इसका प्रयोग करके स्वस्थ्य बन सके। डा० नन्द किशोर, उप कृषि निदेशक, हरदोई ने प्रशिक्षण में प्रतिभाग करने वाले शिक्षकों को सम्बोधित करते हुए कहा कि खरीफ 2023 को अन्तर्राष्ट्रीय मिलेट्स घोषित किया गया है। श्री अन्न मिलेट्स की फसलों को अधिक से अधिक भोजन में प्रयोग करने की सदियों पुरानी परम्परा रही है। हमारे पूर्वज ज्वार, बाजरा, रागी, कोदो, सावां, चेना, कुटकी एवं रामदाना आदि श्री अन्न फसलों की खेती करते थे और जिससे वह स्वस्थ्य रहते थे। श्री अन्न के प्रयोग से शरीर को सभी पोषक तत्व मिलते है। शरीर स्वस्थ्य रहता है और डायबिटीज, ब्लडप्रेसर, मोटापा जैसी व्यधियों से बचा जा सकता है। डा० सी०पी०एन० गौतम, वैज्ञानिक कृषि विज्ञान केन्द्र, हरदोई ने शिक्षकों का बताया कि वह अपने भोजन में रागी, सांवा, कोदो, ज्वार, बाजरा, श्रीअन्न फसलों का समावेश जरूर करे । इनमें प्रचुर मात्रा में खनिज लवण, विटामिन वं फाइबर से भरपूर होता है। इनके सेवन से डाइबिटीज, हृदय रोग एवं पाचन सम्बन्धी रोगों से बचाव होता है। त्रिलोकीनाथ राय, वैज्ञानिक कृषि विज्ञान केन्द्र, सण्डीला ने शिक्षकों से आवाहन किया कि मिड्डे मील में श्री अन्न मिलेट्स के अनाजों से बने व्यंजन का भी समावेश करें। विनीत कुमार, उप सम्भागीय कृषि प्रसार अधिकारी, सदर ने शिक्षकों से अपील की कि अपने बच्चों को श्री अन्न मिलेट्स के अनाज के बने व्यंजन बनाकर अपने बच्चों को खिलाये, जिससे उनका स्वास्थ्य सही रहे तथा कुपोषण जैसी बीमारियों से दूर रहें। धमेन्द्र सिंह, प्रगतिशील कृषक ने श्री अन्न मिलेट्स की खेती के उत्पादन में बारे विस्तृत जानकारी दी तथा श्री अन्न मिलेट्स के अन्तर्गत आने वाले सभी अनाजों की प्रदर्शनी लगाकर जानकारी प्रदान की। उक्त अवसर पर ओम ओमर, व०प्रा०सहा0ग्रुप-ए, प्रभात वर्मा, प्रभारी, मृदा परीक्षण, हिमान्शू चौधरी, प्रभारी बीज परीक्षण जयराम सिंह, सेवानिवृत्त उप परियोजना निदेशक (आत्मा), रामकिशोर तिवारी एवं सुश्री सोनी कुशवाहा, व०प्रा०सहा0ग्रुप-ए, कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिक एवं अन्य विभाग के अधिकारीगण एवं बेसिक/माध्यमिक के शिक्षक उपस्थित रहे

जिलाधिकारी की अध्यक्षता में हुई क्रय केन्द्र प्रभारियों की कार्यशाला

क्रय केंद्र पर आने वाले किसानों के साथ संवेदनशील व्यवहार किया जाएः-जिलाधिकारी

आज रसखान प्रेक्षागृह में 3 अक्टूबर से प्रारंभ होने वाली धान खरीद के संबंध में जिलाधिकारी मंगला प्रसाद सिंह की अध्यक्षता में कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिलाधिकारी ने सभी 144 क्रय केन्द्र प्रभारियों को संबोधित करते हुए कहा कि केन्द्रो पर किसानों की सुविधा का ध्यान रखा जाए। प्रभारी समय पर केन्द्रों पर पहुँचे तथा निर्धारित समय तक तौल की जाए। क्रय केन्द्रों पर आवश्यक सुविधाएं सुनिश्चित की जाएं। केन्द्रों पर बोर्ड या बैनर लगवाया जाए जिस पर केंद्र प्रभारी की जानकारी हो। केन्द्रों पर पार्किंग की उचित व्यवस्था की जाए। किसानों से निर्धारित मूल्य पर धान क्रय किया जाए। किसानों के बैठने की उचित व्यवस्था रखी जाए। स्टोरेज व निकासी की उचित व्यवस्था की जाए। बोरे आदि की पर्याप्त व्यवस्था रखी जाए। तौल किसान के सामने करायी जाए। प्रक्रिया में पूरी पारदर्शिता रखी जाए। केन्द्रों पर अपना व्यवहार संयमित रखा जाए। बिचौलियों से खरीद प्रक्रिया से दूर रखें। सीधे किसान से ही धान क्रय करें। किसान को किसी शिकायत का मौका न दें। पूरी संवेदनशीलता का परिचय दें। उन्होंने कहा कि गड़बड़ी करने वाले प्रभारियों की जवाबदेही निर्धारित की जाएगी। पंजीकृत किसान पहली बार किसी भी क्रय केंद्र पर धान बेंच सकता है। दोबारा धान लाने पर उसी केन्द्र पर जाना है। केन्द्र प्रभारी उच्च स्तर से दिए गए निर्देशों का पूरी तरह अनुपालन सुनिश्चित करें तथा लक्ष्य के अनुरूप कार्ययोजना बनाकर कार्य करें। क्रय की नियमित समीक्षा की जाएगी। लक्ष्य के अनुसार क्रय न करने वाले प्रभारियों का उत्तरदायित्व तय किया जाएगा। कार्यशाला में डिप्टी आरएमओ ने आगामी धान खरीद को लेकर क्रय केंद्र प्रभारियों को उनके दायित्वों के बारे में बताया। इस अवसर पर एआर कोऑपरेटिव अखिलेश सिंह व अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित

 

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