सुरक्षित इंटरनेट दिवस पर आयोजित कार्यशाला में दी गई साइबर क्राइम से बचने की जानकारी

राजेश भारद्वाज स्टेट हेड हरियाणा

 

रेवाड़ी। सुरक्षित इंटरनेट दिवस पर मंगलवार को स्थानीय बाल भवन में एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। उपायुक्त अभिषेक मीणा कार्यशाला में मुख्य अतिथि के तौर पर उपस्थित थे। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि वर्तमान में हम सभी किसी न किसी रूप इंटरनेट सेवाओं से जुड़े हुए है। ऐसे में हमें पूरी सजगता और जिम्मेवारी से इंटरनेट का इस्तेमाल करना चाहिए। एक छोटी सी गलती से हमें भारी आर्थिक/सामाजिक नुकसान उठाना पड़ सकता है। अनजाने नंबरों से आने वाली कॉल पर अकाउंट नंबर/ पासवर्ड कभी भी न बताएं। न ही कोई ऐप डाउनलोड करें। अगर कोई ऐप डाउनलोड करना भी है तो विश्वसनीय माध्यम से करें। अपनी वीडियो भी कम से कम सोशल मीडिया पर अपलोड करें। उन्होंने कहा कि आज की कार्यशाला में आपको जो जानकारियां दी गई है, उन्हें आप अपने परिजनों व परिचितों को भी बताएं ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों को इंटरनेट पर साइबर अपराध के बारे में जागरूक किया जा सके। उन्होंने कहा कि बढ़ती डिजिटल गतिविधियों के साथ-साथ साइबर अपराधों में भी वृद्धि हुई है। फिशिंग, डाटा चोरी, सोशल मीडिया हैकिंग, ऑनलाइन धोखाधड़ी और बैंकिंग ट्रांजेक्शन जैसी घटनाएं आम हो गई हैं। ऐसे में नागरिकों को साइबर सुरक्षा को लेकर सतर्क रहना चाहिए।

डीआईओ सचिन शर्मा ने बताया कि सुरक्षित इंटरनेट दिवस प्रतिवर्ष फरवरी के दूसरे सप्ताह में इलेक्ट्रॉनिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय और राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र भारत सरकार द्वारा मनाया जाता है। उन्होंने बताया कि मजबूत पासवर्ड का उपयोग तथा समय-समय पर पासवर्ड को बदलते रहने, किसी अनजान लिंक तथा वेबसाइट पर क्लिक न करने, सोशल मीडिया पर निजी जानकारी तथा डाटा साझा न करने जैसे उपाय अपनाकर इंटरनेट खतरों से बचा जा सकता है किसी भी साइबर अपराध के लिए 1930 पर कॉल करके सूचना दी जा सकती है। उन्होंने बताया कि इस कार्यशाला को आयोजित करने का उद्देश्य डिजिटल साक्षरता को बढ़ावा देना और नागरिकों को इंटरनेट के सुरक्षित एवं जिम्मेदार उपयोग के प्रति जागरूक करना था। कार्यशाला में उपस्थित विद्यार्थियों, ग्राम सचिवों, सीएससी सेंटर संचालकों, वीएलई तथा उपस्थित प्रतिभागियों ने भी इस विषय पर अपने विचार साझा किए और इंटरनेट सुरक्षा से संबंधित विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की।

इस अवसर पर सुरक्षित इंटरनेट उपयोग विषय पर एक विस्तृत प्रस्तुति दी गई। पुलिस विभाग की ओर से साइबर अपराध, ऑनलाइन धोखाधड़ी/घोटाले तथा डिजिटल फुटप्रिंट और व्यक्तिगत गोपनीयता के महत्व पर प्रकाश डाला गया। नागरिकों को फेक वेबसाइट्स की पहचान करने के लिए एंटी-फिशिंग टूल्स का उपयोग करने की सलाह दी गई।

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