राजस्थान सीमा से सटे फ़तेहपुर सीकरी के करीब 50 गाँवों के लिए नई नहर निर्माण के लिए आंदोलन जारी

बनवारी लाल ब्यूरो आगरा

 

30 महीनों यानि कि 04 अगस्त 2022 से अधीक्षण अभियंता सिंचाई विभाग प्रतापपुरा के कार्यालय पर किसान नई नहर निर्माण संघर्ष समिति के बैनर तले धरने प्रदर्शन पर डटे हुए हैं,

नई नहर के लिए आंदोलित किसानों ने दृड संकल्प ले लिया है कि नहर लेकर या जहर खाकर ही जाएँगे,

 

प्रभावित गाँवों सिरौली, डाबर, सराय, खेड़ा,भौपुर, नगला बले,मंडी मिर्जा खान, सामरा, दाऊदपुर,जाजौली,मदनपुरा,सौनोटी,

बदरौली, पाली, पतसाल, रसूलपुर, चौमा, शाहपुर आदि में भूगर्व जलस्तर करीब 600 फीट नीचे तक पंहुच गया है, ग्रामीणों की खेतिवाड़ी की सिंचाई के लिए पानी के साथ ही पीने के पानी का भीषण जल संकट गहराता जा रहा है,

सिंचाई के पानी की कमी से किसानों की 10 हजार हेक्टेयर उपजाऊ जमीन भी बंजर होने के कगार पर पंहुच गई है, और आसपास के गाँवों की करीब 5 लाख की जनसंख्या भी पीने के पानी से प्रभावित हो रही है,

 

किसानों का आरोप है कि सत्तादल के क्षेत्रीय जन प्रतिनिधियों को प्रभावित ग्रामीणों/किसानों के पीने व सिंचाई के पानी की विकराल समस्या के समाधान में रूचि नहीं है, क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों द्वारा चुनाव के समय सिंचाई के पानी के लिए नई नहर निर्माण व पेयजल समस्या के समाधान के सम्बन्ध में लंम्बे चौड़े कोरे वादे कर चुनाव के बाद भुला दिया जाता है,जनता के साथ छलावा किया जाता है,

 

किसानों के आंदोलन के दबाब में सिंचाई विभाग ने नई नहर निर्माण की संभावना को तराशने के लिए 23 लाख 65 हजार रूपये से खर्ज कर आईआईटी रुड़की के विशेषज्ञ सीनियर प्रोफेसरों की टीम ने फिजिबिलिटी सर्वे किया और किसानों की सिंचाई समस्या के निराकरण के लिए सर्वे में 7 विकल्प भी निकाले गए,

आईआईटी रुड़की की सर्वे के अनुसार चम्बल नदी से पानी मोटर पंपों से लिफ्ट करके राजस्थान सीमा से सटे गांव डाबर सिरौली पर स्थिति उटंगन नदी पर बांध (डैम) बनाकर पानी का भण्डारण (स्टोरज)किया जायेगा,किसानों को आवश्यकतानुसार उटंगन नदी में भण्डारित पानी को पुनः लिफ्ट कर प्रस्तावित नई नहर के माध्यम से करीब 50 गांवों के किसानों को खेतों की सिंचाई के लिए उपलब्ध कराकर किसानों की सिंचाई समस्या का स्थाई समाधान किया जायेगा,

 

आईआईटी रुड़की की विशेषज्ञयों की फिजिबिलिटी सर्वे रिपोर्ट को सिंचाई विभाग के जिम्मेदार उच्चा अधिकारीयों ने शासन के लिए टेक्निकल कमेटी को भेजकर इतिश्री कर दी गई है,जबकि सिंचाई समस्या से निजात दिलाये जाने वाली परियोजना को कार्ययोजना तक पंहुचाने की सिंचाई विभाग के अधिकारीयों की जिम्मेदारी बनती है,

 

नई नहर निर्माण संघर्ष समिति के संयोजक किसान मजदूर नेता चौधरी दिलीप सिंह ने बताया कि 15 महीने से जिम्मेदार सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने धरनारत किसानों को नई नहर निर्माण के सन्दर्भ में कोई भी प्रगति रिपोर्ट की जानकारी नहीं दी गई है, जिससे धरनारत किसानों में सिंचाई विभाग के अधिकारियों की जन हितकारी परियोजना में लचर पैरवी को लेकर आक्रोश व्याप्त है,

हालांकि सूत्रों के अनुसार मुख्य अभियंता एवं विभागाध्यक्ष सिंचाई विभाग ने 20 दिसम्बर को लखनऊ में बैठक कर अधीक्षण अभियंता नलकूप को नई नहर निर्माण के लिए डीपीआर तैयार करने को निर्देशित किया है,

धरने के 900 वें दिन मुख्य रूप से दाताराम लोधी, तेज सिंह कुशवाह,सत्यपाल सिंह जुरैल, बाबूलाल प्रधान,सत्यवीर चाहर, अरविन्द चौधरी, राजकुमार चौधरी, पिंकी कुशवाहा, रतन सिंह कुशवाह, केशव बघेल, धीरज सिकरवार.आदि किसान मौजूद रहे,

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