सुदिती ग्लोबल एकेडमी में राष्ट्रीय संविधान दिवस धूमधाम से मनाया गया

मृदुल कुमार कुलश्रेष्ठ सिटी रिपोर्टर मैनपुरी

 

मैनपुरी। सुदिती ग्लोबल एकेडमी में राष्ट्रीय संविधान दिवस 2024 को बड़े उत्साह और गरिमा के साथ मनाया गया। इस अवसर पर आयोजित विभिन्न गतिविधियों ने संविधान और इसके आदर्शों के प्रति जागरूकता बढ़ाने पर जोर दिया।

कार्यक्रम की शुरुआत विशेष प्रातःकालीन सभा से हुई, जिसमें सभी छात्रों और शिक्षकों ने संविधान की प्रस्तावना को आत्मसात करते हुए न्याय, स्वतंत्रता, समानता और बंधुता के आदर्शों को बनाए रखने की शपथ ली। यह शपथ समारोह नागरिक कर्तव्यों की याद दिलाने वाला एक महत्वपूर्ण पहलू रहा।

विद्यालय में आयोजित पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता ने छात्रों को अपनी रचनात्मकता और संविधान के प्रति समझ दिखाने का अवसर प्रदान किया। प्रस्तावना, मौलिक अधिकारों और कर्तव्यों जैसे विषयों पर आधारित इन पोस्टरों को विद्यालय परिसर में प्रदर्शित किया गया। इनमें से सर्वश्रेष्ठ पोस्टरों को विशेष सराहना मिली।

सभा को संबोधित करते हुए, प्रधानाचार्य डॉ. राम मोहन ने कहा, ष्भारतीय संविधान केवल एक कानूनी दस्तावेज नहीं है, बल्कि यह हमारे लोकतंत्र का आधार है। हमें इसके आदर्शों को अपनाते हुए देश को मजबूत बनाना चाहिए। संविधान को समझना और उसका पालन करना हर नागरिक का धर्म है। आज का दिन हमें संविधान निर्माताओं के महान बलिदान को याद करने और उनके आदर्शों को अपने जीवन में उतारने का अवसर प्रदान करता है।

प्रशासनिक प्रधानाचार्या डॉ. कुसुम मोहन ने कहा, ष्संविधान का महत्व समझने और अपनाने के लिए इस प्रकार की शैक्षिक गतिविधियाँ अत्यंत आवश्यक हैं। यह हमारे छात्रों में कर्तव्यपरायणता और देशभक्ति की भावना को जागृत करती हैं। हमारा संविधान केवल कानूनों का संग्रह नहीं, बल्कि एक ऐसा दस्तावेज़ है जो एक सम्मानजनक और समानता आधारित समाज की नींव रखता है। छात्रों, आपको इस आदर्श को साकार करना है।

प्रबंध निदेशक डॉ. लव मोहन ने अपने उद्बोधन में कहा, ष्संविधान हमारे राष्ट्र की आत्मा है। यह हमें एक सूत्र में बांधता है और हमारे कार्यों का मार्गदर्शन करता है। आज का यह आयोजन एक संकल्प है कि हम समानता, न्याय और प्रगति को हर क्षेत्र में बढ़ावा देंगे। शिक्षक होने के नाते, हमारा कर्तव्य है कि हर बच्चे को संविधान के महत्व से अवगत कराएँ। यह दिन हमें याद दिलाता है कि हर छोटा कदम बदलाव ला सकता है, और आप सभी इस बदलाव का नेतृत्व करने में सक्षम हैं।

इसके अतिरिक्त, शिक्षकों ने कक्षाओं में संविधान के इतिहास और महत्व पर चर्चा की। छात्रों ने क्विज़, वाद-विवाद और अन्य गतिविधियों में उत्साहपूर्वक भाग लिया, जिससे यह आयोजन एक समग्र शैक्षिक अनुभव बन गया।

कार्यक्रम का समापन संविधान निर्माताओं के प्रति कृतज्ञता और उनके आदर्शों को आगे बढ़ाने के संकल्प के साथ हुआ।

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