स्टांप कमी के वादों की समाधान योजना शासन के निर्देशों के उपरांत पुनः की जा रही है लागू

करतार सिंह पौनिया मण्डल प्रभारी आगरा 

 

*स्टांप कमी की धनराशि को शीघ्रतिशीघ्र प्राप्त करने और जन सामान्य को अधिक़ाधिक सुविधा प्रदान करने के उद्देश्य से स्टांप कमी के वादों की समाधान योजना को शासन स्तर पर लागू करने का लिया गया निर्णय*

 

 

*यह योजना 31 मार्च 2025 तक रहेगी प्रभावी*

 

*फिरोजाबाद* शासन के निर्देशों के क्रम में जिलाधिकारी रमेश रंजन ने अवगत कराया है कि स्टांप कमी के वादों की समाधान योजना पुनः लागू की जा रही है, जिससे स्टांप वाद जो लंबित हैं, जिनमें राज्य सरकार को राजस्व की क्षति हो रही है, इस क्षति को दूर किया जा सके, स्टांप वादों के त्वरित निस्तारण के लिए उसमें निहित स्टांप कमी की धनराशि को शीघ्रतिशीघ्र प्राप्त करने के लिए तथा जन सामान्य को अधिकाधिक सुविधा प्रदान करने के उद्देश्य से शासन द्वारा सम्यक विचारोपरान्त स्टांप कमी के वादों की एक समाधान योजना लागू करने का निर्णय लिया गया है। उक्त योजना निम्नवत क्रियान्वित की जाएगी।

1. सभी जनपद स्तरीय स्टाम्प कलेक्टर न्यायालयों एवं मा० सी०सी०आर०ए० के पीठासीन अधिकारी अपने न्यायालय में लम्बित समस्त स्टाम्पवादों/स्टाम्प अपीलों एवं स्टाम्प निगरानियों में पक्षकारों को इस पत्र के साथ संलग्न प्रारूप पर एक नोटिस भेजेंगे, जिससे वाद के सभी संबंधित पक्षकारों को इस योजना की सम्यक जानकारी हो जाये।

 

2. समाधान योजना के लागू होने के पूर्व तक योजित किसी भी स्टाम्पवाद / स्टाम्प अपील एवं स्टाम्प निगरानी वाद में, यदि पक्षकार संदर्भण आख्या में इंगित स्टाम्प कमी की धनराशि को नियमानुसार देय ब्याज के साथ अदा करने का इच्छुक है, तो पक्षकार द्वारा संबंधित न्यायालय / मा० सी०सी०आर०ए० में पीठासीन अधिकारी के समक्ष प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया जायेगा।

 

3. संबंधित न्यायालय / मा० सी०सी०आर०ए० के पीठासीन अधिकारी ऐसे प्रार्थना पत्र के प्राप्त होते ही संबंधित स्टाम्पवाद / स्टाम्प अपील एवं स्टाम्प निगरानी में एक सप्ताह के अन्दर

 

तिथि नियत करते हुए (आवश्यकता पड़ने पर नियत तिथि को संशोधित करते हुए) इसी अवधि में संदर्भण आख्या में इंगित स्टाम्प कमी की धनराशि की पुष्टि हेत्तु आवश्यक कार्यवाही करेंगे।

4. संदर्भण आख्या में इंगित स्टाम्प कमी की धनराशि की पुष्टि के उपरान्त संबंधित न्यायालय / मा० सी०सी०आर०ए० उक्त नियत तिथि को पक्षकार को पुष्टि की गई स्टाम्प कमी की धनराशि तथा ब्याज एवं रु० 100/- के टोकन अर्थदण्ड की धनराशि को नियमानुसार एक सप्ताह में कोषागार के मद संख्या-0030, स्टाम्प एवं रजिस्ट्रेशन में जमा करने हेतु अवगत करायेंगे।

 

5. प्रश्नगत वाद में उक्त समाधान योजना के अन्तर्गत विनिश्चित की गई धनराशि जमा कराये जाने की रसीद के साथ प्रार्थना पत्र प्राप्त होने पर कोषागार से जमा धनराशि की पुष्टि न्यायालय / मा० सी०सी०आर०ए० के कर्मचारी द्वारा एक सप्ताह के अन्दर तिथि नियत करके पत्रावली पर आख्या प्रस्तुत की जायेगी।

 

6. तत्पश्चात न्यायालय / मा० सी०सी०आर०ए० के पीठासीन अधिकारी स्टाम्प कमी एवं ब्याज धनराशि मय अर्थदण्ड के कोषागार में जमा कराये जाने की पुष्टि के प्रमाण स्वरूप प्रस्तुत रसीद के दृष्टिगत वाद को रु0 100/- के टोकन अर्थदण्ड के साथ निस्तारित कर देंगे।

 

7. इस प्रकार कमी की धनराशि एवं नियमानुसार देय ब्याज की धनराशि की अदायगी के उपरान्त न्यायालय / मा० सी०सी०आर०ए० के पीठासीन अधिकारी द्वारा प्रलेख पर स्टाम्प अधिनियम, 1899 की धारा 42 के अन्तर्गत प्रमाण पत्र अंकित करने के साथ ही यह वाद स्टाम्प प्रभार्यता के संबंध में अन्तिम रूप से निस्तारित माना जायेगा।

 

8. यह समाधान योजना 31 मार्च, 2025 की अवधि तक प्रभावी रहेगी। किसी भी पक्षकार द्वारा इस अवधि में योजना के प्रभावी रहने की अन्तिम तिथि से पूर्व पुष्टि की गई स्टाम्प कमी की धनराशि नियमानुसार ब्याज एवं रु0 100/- के टोकन अर्थदण्ड की धनराशि के साथ जमा करने पर उसे इसका लाभ प्राप्त होगा।

 

9. उपरोक्त योजना के अन्तर्गत न्यायालय / मा० सी०सी०आर०ए० के पीठासीन अधिकारी को पक्षकार द्वारा प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किये जाने के एक माह के अन्तर्गत वाद का अन्तिम रूप से निस्तारण करना अनिवार्य होगा।

 

10. उपरोक्त योजना को जनपद स्तर पर विज्ञप्ति के माध्यम से तथा विभिन्न कार्यालयों एवं न्यायालयों में सूचनापटों पर स्पष्ट सूचना के आधार पर तथा अन्य माध्यमों (प्रिंट एवं इलेक्ट्रानिक सहित) से विस्तृत प्रचार-प्रसार किया जायेगा, जिससे जो पक्षकार संदर्भण आख्या में इंगित स्टाम्प कमी को देकर अपने वाद का निस्तारण कराने का इच्छुक हो, उन्हें नियत अवधि में अवसर प्राप्त हो सके।

 

11. समस्त जिलाधिकारी / मा० सी०सी०आर०ए० के पीठासीन अधिकारी यह सुनिश्चित करेंगे कि उनके जनपद के सभी कलेक्टर स्टाम्प के न्यायालयों/मा० सी०सी०आर०ए० के पीठासीन अधिकारियों के न्यायालय में लम्बित स्टाम्प वादों में ऐसा कोई प्रकरण निस्तारण हेतु अवशेष नहीं है जिसमें पक्षकार के द्वारा इंगित स्टाम्प कमी को जमा कराते हुए अपने वाद के निस्तारण का प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया गया है, किन्तु उसका वाद निस्तारित नहीं किया गया है।

 

12. इस अवधि में उक्त समाधान योजना के अन्तर्गत निस्तारित प्रकरणों के संदर्भ में प्रत्येक कलेक्टर स्टाम्प / मा० सी०सी०आर०ए० के पीठासीन अधिकारी, प्रत्येक माह निस्तारित प्रकरणों की संख्या एवं उसमें आरोपित एवं वसूल की गई स्टाम्प कमी का विवरण निम्नांकित प्रारूप में आयुक्त स्टाम्प को उपलब्ध करायेंगे। यह समाधान योजना 31 मार्च 2025 तक प्रभावी रहेगी।

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