रेवाड़ी बाल भवन में नाटक समारोह: ‘डेढ़ इंच ऊपर’ और ‘रिश्तों की दुकान’ ने दर्शकों को किया मंत्रमुग्ध

राजेश भारद्वाज स्टेट हेड हरियाणा

 

रेवाड़ी। रविवार को मॉडल टाउन स्थिन बाल भवन के ओपन थियेटर में बंजारा संस्था द्वारा नाटक को मंचन देर सायं किया गया, जिसमें मुख्य अतिथि के तौर पर जिला बाल कल्याण अधिकारी वीरेन्द्र यादव ने शिरकत की। निर्मल वर्मा द्वारा लिखित एकल पात्र नाटक ‘डेढ इंच ऊपर’ में फिल्म अभिनेता एवं वरिष्ठ रंगकर्मी विजय भाटोटिया ने अपने अभिनय से दर्शकों को भाव विभोर कर दिया, जिसका निर्देशन स्वयं श्री भाटोटिया ने ही किया गया। नाटक में पात्र अपनी पत्नी की उदासीन एवं असामयिक मौत के कारण शराब पीना शुरू कर देता है तथा आज एक अन्य काल्पनिक पात्र के सामने अपनी विवशता को बता रहा है। नाटक के लेखक द्वारा सटीक संवादों के माध्यम से एक व्यक्ति के जीवन के उस पड़ाव का वृत्तान्त सुनाने/दिखाने की कोशिश की है जो दिशाहीन हो पिछले पन्द्रह वर्षों से अपनी दिवंगत पत्नी के विष्वसनीयता या अविश्वसनीयता के कारणों को समझ नहीं पा रहा है कि उसकी पत्नी जर्मन विरोधी गतिविधियों में शामिल थी जिसके कारण गैस्टापी पुलिस ने उसे प्राण दण्ड दिया। प्रस्तुत नाटक में वृद्धास्वथा उम्र में पत्नी के बिना जीवन की कशमकश से जुझने व उसके निजात पाने के लिए एक जगह (पब) का प्रयोग लेखक द्वारा बखूबी से किया गया है। ‘‘कभी-कभी नशे की हालत में व्यक्ति का जुड़ाव सीधे उसके मनोविकार से हो जाता है और ऐसे क्षणों वह किसी स्थान, समय या व्यक्ति की परवाह किये उसे अनदेखा कर इतना मुखर हो जाता है कि अपने भूत, वर्तमान एवं भविष्य काल को पब की एक मेज पर ही समेट कर रख देता है।’’

इसके बाद विक्रांत सैनी द्वारा लिखित एवं निर्देशित हरियावणी हास्य स्किट ‘रिश्तों की दुकान’ ने समाज की उस कड़वी सच्चाई को उजागर किया, जहां रिश्ते दिल से नहीं, धन से जुड़ते हैं। इसमें दिखाया गया कि मां-बाप का प्यार, दोस्तों की दोस्ती और अन्य रिश्तों की गर्माहट भी तब तक बनी रहती है, जब तक आपके पास पैसा है। आर्थिक स्थिति के बदलते ही ये रिश्ते कमजोर हो जाते हैं या खत्म हो जाते हैं। नाटक ने भावनाओं और संबंधों की इस व्यापारिक सोच पर गहरी चोट करते हुए यह सवाल खड़ा किया कि क्या रिश्ते अब केवल एक दुकान बनकर रह गए हैं, जहां सब कुछ खरीद-फरोख्त पर आधारित है? नाटक में सन्नी, गजानंद, गोविंद, देवेंद्र, अभिषेक, अंश ने दर्शकों को अपने अभिनय से खूब हंसाया। इस अवसर पर समाजसेवी नवीन अरोड़ा, त्रिभुवन भटनागर, रंगकर्मी एडवोकेट विनय सैनी, विनोद शर्मा आदि गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

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