प्रभारी चिकित्साधिकारी अपने तैनाती स्थल पर करें रात्रि विश्राम, मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं की जाएं प्रदान-जिलाधिकारी

मृदुल कुमार कुलश्रेष्ठ सिटी रिपोर्टर मैनपुरी

 

*गर्भावस्था के दौरान ही बैंक डिटेल की जाये प्राप्त, प्रसव के 48 घंटे में जे.एस.वाई. का उपलब्ध कराया जाये लाभ- अंजनी कुमार।*

 

*मैनपुरी* 29 नवम्बर, 2024- जननी सुरक्षा योजना का लाभ प्रत्येक प्रसूता को प्रसव के 48 घंटे के भीतर प्रत्येक दशा में उपलब्ध कराया जाए, गर्भावस्था के दौरान ही आशा, ए.एन.एम., आंगनबाड़ी के माध्यम से महिला का आधार कार्ड, बैंक विवरण प्राप्त कर एम.सी.पी. कार्ड में भरा जाए, ग्राम स्तरीय स्वास्थ्य कर्मियों के माध्यम से गर्भवती महिलाओं, उनके परिजनों को संस्थागत प्रसव के साथ स्वास्थ्य विभाग की मिलने वाली योजनाओं के बारे में जागरूक किया जाए, प्रसूता को अच्छी क्वालिटी का नाश्ता, दोपहर-शाम का खाना उपलब्ध कराया जाए, डिस्चार्ज होने पर उसे ड्रॉपबैक की सुविधा उपलब्ध कराई जाए, जो प्रसूताएं अपने कन्वेंस से जाएं, उनका विवरण अंकित किया जाए, आशा, संगिनी के मानदेय के भुगतान में विलंब न हो, सुनिश्चित किया जाए। उन्होने असंतोष व्यक्त करते हुए कहा कि आयुष्मान आरोग्य मंदिर में किसी भी कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर द्वारा लक्ष्य की पूर्ति नहीं की जा रही है, सबसे खराब प्रगति मानपुरहरी बेवर, किशनी की है, सी.एच.ओ. इस पर ध्यान दें, मासिक लक्ष्य के सापेक्ष प्रत्येक दशा में शत-प्रतिशत पूर्ति करना सुनिश्चित करें।

उक्त निर्देश जिलाधिकारी अंजनी कुमार सिंह ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत जिला स्वास्थ्य समिति की मासिक समीक्षा के दौरान देते हुये कहा कि जिला चिकित्सालय महिला-पुरुष, सामुदायिक, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों के साथ-साथ इम्पैनल्ड, 14 निजी चिकित्सालयों में आयुष्मान कार्ड धारकों को निःशुल्क स्वास्थ्य सेवाएं मिले, किसी भी आयुष्मान कार्ड धारक को स्वास्थ्य सेवाएं मिलने में कोई असुविधा न हो, जनपद में इम्पैनल्ड निजी चिकित्सालयों में इस वर्ष अब तक मात्र 166 आयुष्मान कार्ड धारकों को ही स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की गई हैं, जो काफी कम है, सभी प्र. चिकित्साधिकारी संस्थागत प्रसव के लक्ष्यों की पूर्ति करें, आशा, संगिनी, ए.एन.एम. के माध्यम से गर्भवती महिलाओं, उनके परिजनों को संस्थागत प्रसव कराने के लिए प्रेरित किया जाए, किसी भी दशा में घरेलू प्रसव न हो। उन्होने परिवार कल्याण कार्यक्रम की समीक्षा के दौरान कहा कि महिला-पुरूष नसबंदी की प्रगति संतोषजनक नहीं हैं, महिला नसबंदी के लक्ष्य 1282 के सापेक्ष अब तक मात्र 106 एवं पुरूष नसबंदी के वार्षिक लक्ष्य 21 के सापेक्ष मात्र 02 की ही पूर्ति की गयी है, जो निराशाजनक है। उन्होने कहा कि महिला-पुरुष नसबंदी के लक्ष्यों की पूर्ति हेतु सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर कैंप आयोजित कराये जाएं।

श्री सिंह ने असंतोष व्यक्त करते हुए कहा कि राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के अन्तर्गत सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र किशनी, करहल, जागीर की प्रगति भी ठीक नहीं है, इन स्वास्थ्य केन्द्रों के अधीन परिषदीय विद्यालयों, आंगनबाड़़ी केन्द्रें के बच्चों के स्वास्थ्य परीक्षण मंे कोताही बरती जा रही है, किशनी में मात्र 21.44, करहल में 43.31 एवं जागीर में 43.88 बच्चों का ही स्वास्थ्य परीक्षण किया गया है, नियमित टीकाकरण में स्वास्थ्य केंद्र बेवर, सुल्तानगंज, किशनी की प्रगति निराशाजनक है, संबंधित प्र. चिकित्साधिकारी नियमित टीकाकरण की प्रगति सुधारें, निर्धारित दिवसों पर बी.एच.एन.डी. सत्र आयोजित कर लक्षित बच्चों को सभी टीके लगाकर उन्हें प्रतिरक्षित किया जाए। उन्होंने पोषण पुनर्वास केंद्र, राष्ट्रीय अन्धता नियंत्रण कार्यक्रम, पी.सी.पी.एन.डी.टी., क्षय रोग उन्मूलन, जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम आदि की बिंदुवार गहन समीक्षा करते हुये स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से कहा कि आमजन की सेहत के प्रति संवेदनशील रहें, स्वास्थ्य विभाग की संचालित योजनाओं के साथ-साथ लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिलें।

इस दौरान मुख्य विकास अधिकारी नेहा बंधु, मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. आर.सी. गुप्ता, जिला पंचायत राज अधिकारी यतेंद्र कुमार, मुख्य चिकित्साधीक्षक मदनलाल, अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डा. संजीव राव बहादुर, डा. अनिल वर्मा, डा. राकेश कुमार, डब्ल्यू.एच.ओ. से डॉ. वी.पी. सिंह, यूनिसेफ से संजीव पांडेय, बाल विकास परियोजना अधिकारी हरिओम बाजपेयी, स्वास्थ्य शिक्षाधिकारी रविंद्र सिंह गौर, डी.पी.एम. संजीव पांडेय, समस्त प्र. चिकित्साधिकारी के अलावा सहित अन्य सम्बन्धित अधिकारी आदि उपस्थित रहे।

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