श्री कृष्ण जन्म भूमि मामले के पक्षकार आपस मै भिड़े, एक दूसरे पर लगा रहे गंभीर आरोप

गोपाल चतुर्वेदी ब्यूरो चीफ मथुरा

धर्म की लड़ाई धंधे पर आई

 

श्री कृष्ण जन्म भूमि मामला सभी हिंदुओ के लिए आस्था का प्रतीक है पर कुछ शरारती तत्वों द्वारा इसे राजनीति चमकाने ,धनोपार्जन करने का हिस्सा बना लिया। आए दिन अपनी छवि चमकाने के लिए मीडिया की सुर्खियों मै बने रहने का कारनामा करते रहते है। जवकी श्री कृष्ण जन्म भूमि मामले को न्यायालय मैं सही ढग से लड़ने वाले लोगों ने मिडिया से दूरी बना रखी है। उनका कहना रहता है श्री कृष्ण हमारी आस्था है। हम पर जो सेवा बन रही है वह अपने आराध्य के लिए कर रहे है फल देने का कार्य भगवान के हाथ है हमें किसी नाम और प्रतिष्ठा की लालसा नहीं है। इसी बात का फायदा कुछ शरारती तत्वों ने उठा लिया और मंदिर मामले में घुस गए और रोज समाचार पत्रों में सुर्खिया बटोरने के लिए पैसा भी पानी की तरह बहाने लगे। पाप का घड़ा धीरे धीरे भरता है इनका भी भरने की ओर अग्रसर है। नाम पाने के चक्कर मै अपनी जवान पर अंकुश नहीं लगा सके और दंगा भड़काने जैसे व्यान भी जवान से फिसल गए सरकार ने भी देर नहीं की और मुकदमे दर्ज करा दिए गए पर नाम और धन की लालसा मै अंधे लोगों पर इसका असर नही पढ़ा। एक तो महा गुरु निकले जल्दी प्रसिद्धि पाने के चक्कर में हजरत मुहम्मद साहब पर अभद्र टिप्पणी कर हीरो बनने की राह पर निगल गए प्रशासन ने गुंडा एक्ट लगाकर कार्यवाही की इस बात का भी कोई प्रभाव नहीं पड़ा रोज नित नई मनगढ़ंत कहानी बनानकर अपने लिए सुरक्षा गार्ड सरकारी खर्च पर मिल जाए इस लिए कहानी गढ़ने लगे आए दिन की नौटंकी को सरकार किस लिए बढ़ावा दे रही है समझ से परे है। क्या बीजेपी सरकार इन छुटभैय लोगों को आगे कर अपनी कोई बढ़ी राजनीतिक चाल मथुरा में चलना चाहती है। प्रशासन भी इस मामले मै शांत रहकर किसी बढ़ी घटना का इंतजार कर रहा है। अभी तक मामला धर्म के विरुद्ध था प्रशासन शांत था अब ये मामला खुल कर सामने आ चुका है श्री कृष्ण जन्म भूमि मामले के पक्षकार छपास चंद्र और विजय चंद्र आपस मै ही एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप मै उलझ गए हैं। मीडिया मैं आई खबरों के अनुसार छपास चंद्र(काल्पनिक नाम) ने विजय चंद्र(काल्पनिक नाम) पर गंभीर आरोप लगाए हैं। जिसके कारण मथुरा में कभी भी कोई बढ़ी घटना घटित हो सकती हैं कोई भी एक दूसरे को नीचा दिखाने की खातिर कुछ भी कांड करा कर मथुरा की शांत फिजा मै जहर घोलने का काम कर सकते हैं। प्रशासन दोनों के खिलाफ कढ़ी कार्यवाही कर मथुरा की सीमा से बाहर का रास्ता क्यों नही दिखती। प्रशासन पर उठ रहे सवालिया निशान को मिटाने के लिए मथुरा प्रशासन इस मामले को शांत करा सकती है।

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