इस्लामिक कल्चर के लिए जगह नहीं’ इटली की पीएम मेलोनी का सऊदी दौरा सोशल मीडिया पर छाया, बिना हिजाब वाले लुक पर बहस

सौरभ चतुर्वेदी अहमदाबाद

इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी ने इसी हाल ही में सऊदी अरब की आधिकारिक यात्रा की थी। इस दौरान उन्होंने सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान (MBS) से मुलाकात की। मेलोनी की यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच 10 अरब डॉलर के समझौते पर हस्ताक्षर हुए, जिसमें एमबीएस का महत्वाकांक्षी नियोम (NEOM) प्रोजेक्ट के लिए प्लान भी शामिल है। लेकिन इन समझौते से ज्यादा चर्चा जॉर्जिया मेलोनी के मोहम्मद बिन सलमान से मुलाकात की तस्वीरों की हो रही है। कट्टर मुस्लिम देश में जॉर्जिया मेलोनी ने न तो सिर पर स्कॉर्फ रखा और न ही अपनी पोशाक में कोई चेंज किया।मेलोनी के बिना हिजाब या स्कॉर्फ के सऊदी क्राउन प्रिंस की मुलाकात को लेकर सोशल मीडिया पर जमकर चर्चा हो रही है। कई लोग इस मुलाकात को सऊदी के पुराने रुख में बड़े बदलाव के संकेत के तौर पर देखा है, जहां महिलाओं को लेकर तमाम पाबंदियां लागू रही हैं।

 

 

बहुत बड़ा बदलाव’

नियोग बर्ग नामक यूजर ने एक्स पर लिखा, ‘इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी ने सऊदी अरब का दौरा किया। उन्होंने सिर पर स्कार्फ नहीं पहना और यात्रा के लिए अपनी पोशाक में कोई बदलाव नहीं किया। 10 साल पहले यह अकल्पनीय था। यह एक बहुत बड़ा बदलाव है।’ इस दौरान उन्होंने प्रिंस से हाथ भी मिलाया।

 

 

एक अन्य यूजर ने लिखा कि जॉर्जिया मेलोनी के प्रति मेरी तारीफ बढ़ती जा रही है यहां वह सऊदी अरब की यात्रा कर रही हैं और सिर पर स्कार्फ भी नहीं बांध रखा है। वहीं, कुछ यूजर ने यह भी लिखा कि मेलोनी ने हिजाब पहनने से इनकार कर दिया। हालांकि, यह सही नहीं है, क्योंकि सऊदी अरब ने विदेशी महिलाओं के लिए अबाया पहनने की बाध्यता को खत्म कर दिया था।

 

इस्लामिक कल्चर के लिए जगह नहीं’

वैसे दिलचस्प बात ये भी है कि ये वही मेलोनी हैं जो इस्लाम को लेकर कड़ी टिप्पणी कर चुकी हैं। दिसम्बर 2023 इटली की दक्षिण पंथी नेता ने पार्टी के कार्यक्रम में कहा था कि ‘इस्लामिक संस्कृति के लिए यूरोप में कोई जगह नहीं है।’ उस दौरान मेलोनी ने सऊदी अरब का खास जिक्र किया था।

 

मेलोनी ने कहा था कि ‘मेरा मानना है कि इस्लामिक कल्चर और हमारी सभ्यता के मूल्यों और अधिकारों के बीच अनुकूलता की समस्या है।’ उन्होंने सऊदी अरब पर इटली में सांस्कृतिक केंद्रों को सऊदी अरब से वित्तपोषित किए जाने का आरोप लगाया था और कहा कि यूरोप में इस्लामीकरण की प्रक्रिया ‘हमारी सभ्यता के मूल्यों से बहुत दूर’ है।

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