हरियाणा राजपूत प्रतिनिधि सभा ने राष्ट्रपति को संविधान संशोधन के लिए ज्ञापन दिया

राजेश भारद्वाज स्टेट हेड हरियाणा 

 

रेवाड़ी। संविधान के अनुच्छेद 330 व 332 में संशोधन कर सीटों का आरक्षण रोटेशन से किए जाने का राष्ट्रपति से अनुरोध ;

हरियाणा राजपूत प्रतिनिधि सभा की पहल

 

रेवाड़ी – हरियाणा राजपूत प्रतिनिधि सभा ने संविधान दिवस के प्रेरक अवसर पर महामहिम राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू को हार्दिक बधाई व शुभकामना का एक ज्ञापन प्रेषित किया। ज्ञापन में संविधान अनुच्छेद 330 व 332 की अनुच्छेद 243-D व 243-T से असमानता व भेदभाव पूर्ण विसंगतियों की तरफ उनका ध्यान आकर्षित करवाया गया । अनुच्छेद 243-D व 243-T पंचायत और स्थानीय निकाय चुनावों में अनुसूचित जाति की सीटों का आरक्षण रोटेशन से प्रदान करता है लेकिन अनुच्छेद 330 व 332 लोकसभा और विधानसभा चुनावों में रोटेशन की बात से परहेज करता है । यह संविधान के अनुच्छेद 38 की भावना के भी खिलाफ है।

सभा के अध्यक्ष राव नरेश चौहान राष्ट्रपूत ने बताया कि राष्ट्रपति महोदया से पुरजोर आग्रह किया गया कि परिसीमन 2026 की प्रक्रिया शुरू होने से पूर्व ही अनुच्छेद 330 व 332 में अनुच्छेद 243-D व 243-T की भांति आरक्षित सीटों का आवंटन रोटेशन से किए जाने का आवश्यक संशोधन कर दिया जाए तो आरक्षित वर्ग के एक बड़े समूह को तो इससे लाभ मिलेगा ही साथ सामान्य वर्ग को भी बहुत बड़ी राहत मिलेगी । आरक्षित वर्ग में सैकड़ो जातियां शामिल हैं और हर लोकसभा व विधानसभा सीट पर आरक्षित वर्ग की अच्छी खासी आबादी रहती है । परिसीमन के समय सत्ता में बैठे सांसद व विधायक अपनी ताकत का दुरुपयोग करके आरक्षित सीटों के आवंटन में अधिक बदलाव नहीं होने देते । आरक्षित वर्ग की आबादी को घटा बढ़ाकर यथा स्थिति बनाए रखने का प्रयास करते हैं।उदाहरण स्वरूप हरियाणा की दो आरक्षित लोकसभा सीटें अंबाला और सिरसा शुरू से ही आरक्षित चली आ रही हैं जबकि मुलाना, होडल, बावल,पटौदी, कलानौर,बवानी खेड़ा ,सढ़ोरा , शाहबाद, झज्जर आदि विधानसभा सीटें दशकों से आरक्षित चली आ रही हैं। परिणाम स्वरुप आरक्षित वर्ग की कुछ जातियां और चंद परिवार जो इन सीटों पर प्रभाव रखते हैं फल फूल रहे हैं जबकि अन्य सीटों पर आबाद आरक्षित वर्ग की जातियां अपने प्रतिनिधित्व के अभाव में पिछड़ती ही जा रही हैं । इसी प्रकार सामान्य वर्ग के मतदाता भी लगातार चली आ रही आरक्षित सीटों पर ठगा हुआ सा महसूस कर लोकशाही में हाशिये पर जा रहे हैं । इस प्रस्तावित संशोधन के पास हो जाने पर परिसीमन आयोग का आधे से भी ज्यादा काम पूरा हो जाएगा और राज्य कोष पर पड़ने वाला खर्च भी बड़ी मात्रा में बच जाएगा । राजनीतिक ताकत के दुरुपयोग पर भी अंकुश लग जाएगा।

ज्ञापन की प्रति माननीय प्रधानमंत्री, विधि एवं कानून मंत्री भारत सरकार , नेता प्रतिपक्ष लोकसभा,हरियाणा के सभी मान्य सांसदों को भी आवश्यक सहयोग, समर्थन व कार्यवाही हेतु भी प्रेषित की गई।

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