रक्तदान को लेकर विभिन्न रक्तदाताओं की राय

शिव कुमार यादव ब्यूरो चीफ रेवाड़ी

*रेवाड़ी 11 नवंबर*

रक्तदान दुनियाँ का सबसे बड़ा दान है । जो दुनिया सारे दानों की श्रेष्ठता को भी चुनौती देता है । रक्त हमारे शरीर में बनने वाला वो घटक है जो सिर्फ तब तक ही रहता है या बनता है जब तक जीवन है। हमारा विज्ञान बहुत आगे बढ़ चुका है न जाने क्या-क्या और कैसे -कैसे अविष्कार कर चुका है लेकिन अब तक कृत्रिम तरीके से खून बनाना किसी को भी नही आया है। मतलब ये हर जीव के अंदर भगवान ने दिया हुआ वह नायब तोहफा है जो कोई और नहीं दे सकता। इसलिए हमारे शरीर में रक्त का विशेष महत्व है। आपने ऐसे कई लोगों को देखा होगा जिनकी जान सिर्फ खून की कमी की वजह से चली गयी। अतः रक्त का केवल एक ही विकल्प रक्तदान है। इसलिए रक्तदान को महादान माना जाता है क्योंकि आपके रक्त से किसी की जिंदगी बच सकती है। आमतौर पर लोगों के मन में यह गलतफहमी है कि रक्तदान करने से शरीर में कमजोरी आती है जो लंबे समय तक महसूस होती है जबकि वास्तविकता यह है कि रक्तदान करने से शरीर में कोई कमजोरी नहीं आती और इसमें कोई दर्द भी नहीं होता और न ही किसी प्रकार की कोई अन्य समस्या होती है रक्तदान के बाद ना तो आपको चक्कर आएंगे और नहीं आप बेहोश होंगे। अगर आप सामान्य खुराक लेते रहते हैं तो दान किए गए रक्त की भरपाई 4 से 6 हफ्तों में हो जाती है। गांव कालूवास में भारतीय सेना के लिए लगाए गए रक्तदान शिविर में रक्तदाताओं की राय आपसे साझा करते हैं।

*सतपाल सिंह यादव ने किया 24वीं बार रक्तदान*

सैनिकों की खान कोसली के निकटवर्ती गांव जुड्डी निवासी सतपाल यादव बताते हैं कि उनके पिता जी की किडनी में समस्या हो गई थी तब उन्होंने देखा कि अस्पतालों में खून की भारी कमी होती थी जिसे देखते हुए उन्होंने रक्तदान करना शुरू किया। सतपाल सिंह पेशे से अध्यापक हैं। तथा वे लोगों को भी रक्तदान के लिए प्रेरित करते रहते हैं। उन्होंने आगे कहा कि रक्तदान करना एक आसान और सुरक्षित प्रकिया है , जिससे हम किसी की भी जान बचा सकते हैं।

*कालूवास निवासी परम यादव ने किया 19 वीं बार रक्तदान* कालूवास निवासी परम यादव ने रक्तदान शिविर अपने गांव और भाईचारा परिवार के सहयोग से आयोजित किया और 19वीं बार रक्तदान किया। परम यादव एक बेहद नेक दिल इंसान हैं और प्रत्येक कार्य की प्रत्येक जिम्मेदारी को महत्वपूर्ण तरीके से निभाते हैं। परम यादव ने बताया कि रक्तदान एक महान कार्य है, जिससे हम किसी की जान बचा सकते हैं।”

*सत्यबीर सिंह ने किया 5वीं बार रक्तदान*

रेवाड़ी शहर के बावल रोड स्थित चांदपुर ढाणी निवासी सत्यबीर सिंह ने बताया कि उन्होंने पांचवीं बार रक्तदान किया है। सत्यबीर सिंह बताते हैं कि वे रक्तदान इसलिए करते हैं कि रक्त कि कमी से किसी की जान नहीं जानी चाहिए। उन्होंने आगे बताया कि रक्तदान करने से समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने का अवसर मिलता है।

*मुकेश सुल्तानिया ने किया तीसरी बार रक्तदान*

रेवाड़ी जिले के सहारनवास गांव में महावीर सिंह के घर जन्मे मुकेश सुल्तानिया बताते हैं कि उनके पिता भारतीय वायुसेना से सेवानिवृत्त हैं। तथा उनके वायु सेना में सेवा के दौरान रक्तदान करते थे। अतः ये प्रेरणा उन्हें उनके घर से ही मिली। उन्होंने आगे कहा कि “मैं रक्तदान करता हूं क्योंकि यह मुझे अपने समाज को कुछ देने का अवसर प्रदान करता है।”

*योगेश यादव ने किया पहली बार रक्तदान*

रेवाड़ी जिले के कालूवास गाँव निवासी सुरेशपाल जी के घर जन्मे योगेश यादव ने बताया कि उन्होंने पहली बार रक्तदान किया है। उन्होंने कहा कि ये उनका सौभाग्य है कि पहली ही बार भारतीय सेना द्वारा आयोजित रक्तदान शिविर में भाग लेने का मौका मिला है। उन्होंने आगे बताया कि वे समय समय पर रक्तदान करना जारी रखेंगे। जिस तरह सैनिक देश की सेवा करते हैं उसी तरह हमारा भी ये फर्ज बनता है कि हम उनके प्रति सेवा भाव रखें।

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