बच्चों की शिक्षा के नाम पर करोड़ों रुपए डकार गई बीजेपी: जिला अध्यक्ष मदन सिंह

राजेश भारद्वाज ब्यूरो चीफ़ रेवाड़ी

4 लाख फर्जी दाखिले के मामले में दर्ज एफआईआर में पूर्व शिक्षा मंत्री का नाम क्यों नहीं-संतोष यादव

 

2016 के बाद से स्कूली एडमिशन की भी जांच होनी चाहिए : यूथ विंग जिला सेक्रेटरी कपिल चौटाला

 

 

रेवाड़ी, 29 जून-आम आदमी पार्टी के जिला अध्यक्ष मदन सिंह ने शिक्षा घोटाले में सीबीआई एफआईआर पर हरियाणा की बीजेपी सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि हरियाणा की बीजेपी सरकार सिर से लेकर पैर तक भ्रष्टाचार में डूबी हुई है। जब से बीजेपी हरियाणा में शासन में आई है उसी दिन से इन्होंने भ्रष्टाचार और लूट शुरू कर दिया। अब इसके सुबूत भी सामने आ गए हैं। सीबीआई ने तीन एफआईआर दर्ज की हैं, जब 2014 में बीजेपी सरकार बनी तो तब से लेकर 2016 तक दो साल में सरकारी स्कूलों में 4 लाख बच्चों का फर्जी दाखिला दिखाया गया। इन बच्चों के नाम पर वजीफे, मिड डे मील और वर्दी के पैसे सारा खर्चा सरकारी खातों से निकलते रहे। यहां तक कि इन बच्चों के नाम पर सरकारी टीचर्स हायर किए गए और उनकी तनख्वा को भी डकार गए, करोड़ों रुपए का घोटाला किया गया।

 

उन्होंने कहा कि बीजेपी ने सरकार बनने के बाद सबसे पहला भ्रष्टाचार बच्चों की शिक्षा में किया और हमारी नींव खोखली करने के लिए किया। बीजेपी बच्चों की शिक्षा को किस तरीके से बर्बाद कर रही है और कैसे सरकारी स्कूल बंद कर रही है ये सब हमने देखा। लेकिन अब ये सच भी सामने आ गया कि इन बच्चों के नाम पर करोड़ों अरबों रुपए का भ्रष्टाचार किया गया।

 

उन्होंने कहा मैं पूछना चाहता हूं कि सीबीआई ने तीन तीन एफआईआर दर्ज की उसके बावजूद बीजेपी के नेताओं को, उस समय के शिक्षा मंत्री और मुख्यमंत्री को बचा लिया। एफआईआर में उनका नाम नहीं डाला, उनसे पूछताछ नहीं गई, उन पर रेड नहीं की गई और उनकी जांच एनएचआई की गई कि इस करोड़ों रुपए के भ्रष्टाचार में उनका कितना हाथ था।

 

उन्होंने कहा ये सोचने की बात है कि पूरे हरियाणा में स्कूलों में फर्जी दाखिले दिखाए गए। क्या किसी एक इलाके का व्यक्ति या नेता ऐसा कर सकता है? इसके लिए राज्य सरकार का हाथ सिर पर होना जरूरी है। इसके लिए पूर्व शिक्षा मंत्री जो 2014 से 2016 तक शिक्षा मंत्री थे, यदि पूरी तरह से जांच की जाए तो उनका हाथ इस घोटाले में मिलेगा। इसलिए इसकी जांच होनी चाहिए।

 

उन्होंने कहा कि सीबीआई को सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर ये एफआईआर दर्ज करनी पड़ी है। 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि एसबीआई तीन महीने में जांच करके रिपोर्ट फाइल करे, लेकिन सीबीआई ने पांच साल लगा दिए। क्योंकि इसमें कहीं ना कहीं बीजेपी के नेता शामिल हैं और इसमें बीजेपी के मंत्री या मुख्यमंत्री का नाम आ रहा होगा। इसलिए इसमें देर की गई। यदि आम आदमी पार्टी के नेताओं के खिलाफ कोई सुबूत भी न हो तो तब भी सीबीआई गिरफ्तार कर लेती है, तब भी ईडी रेड कर देती है और झूठे फर्जी केस बनाकर जेल में डाल देती है। और यहां पर सारे रिकॉर्ड और दस्तावेज सामने है। जिसमें पूरा घोटाला साफ नजर आ रहा है और कोट का आदेश भी है, सीबीआई ने तीन तीन एफआईआर भी दर्ज करदी। लेकिन सीबीआई ने इस घोटाले में बीजेपी के किसी नेता, मंत्री और मुख्यमंत्री के खिलाफ कार्रवाई नहीं की।

 

उन्होंने कहा कि पूरा हरियाणा देख रहा है कि बीजेपी ने उनके बच्चों के नाम पर कैसे सरकारी खजाने में लूट की है और सरकार शुरू होते ही ये लूट शुरू हो गई थी। ये तो केवल एक मामला है जिसमें कोर्ट के आदेश पर एफआईआर दर्ज करनी पड़ी। इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता है कि जब ये 2014 में आते ही घोटाला करने लग गए थे तो 10 साल में कितने और किस किस तरह के घोटाले किए होंगे। यदि निष्पक्ष तरीके से इसकी जांच हो जाए तो ये जेल में मिलेंगे। लेकिन ये अपनी सरकार ने जांच नहीं होने देते, क्योंकि एजेंसियां ईडी और सीबीआई इनके हाथ में है। जिस दिन सरकार बदलेगी इनके सारे मामलों की जांच करके जिन्होंने हमारे बच्चों की वर्दी, मिड डे मील के पैसे खाए और जिन्होंने हमारे बच्चों की शिक्षा के नाम पर गबन और भ्रष्टाचार किया उनको जेल में डालने का काम आम आदमी पार्टी करेगी।

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