भारतीय नागरिक सुरक्षा सहिंता 2023 तथा लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धाराओं के तहत विभिन्न पाबंदियां लागू

राजेश भारद्वाज स्टेट हेड स्वतंत्र प्रबोध

 

मतदान के दौरान जिला में शांति व कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए जारी आदेशों के उल्लंघन पर होगी कड़ी कार्रवाई

रेवाड़ी, 04 अक्टूबर। विधानसभा आम चुनाव 2024 के तहत ज़िले में मतदान के दौरान शांति एवं कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए 3 अक्तूबर को प्रचार सीमा की समाप्ति से 5 अक्टूबर को मतदान प्रक्रिया पूर्ण होने तक भारतीय नागरिक सुरक्षा सहिंता तथा लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम की धाराओं के तहत विभिन्न पाबंदियां लगाई हैं।

जिलाधीश एवं जिला निर्वाचन अधिकारी अभिषेक मीणा ने बताया कि जिला के क्षेत्राधिकार में पांच से अधिक व्यक्तियों के गैरकानूनी रूप से एकत्रित होने तथा सार्वजनिक सभाएं करने पर रोक लगाई गई है। भारतीय चुनाव आयोग की हिदायतों अनुसार मतदान केंद्रों की 200 मीटर की परिधि में राजनीतिक दल अथवा चुनाव प्रत्याशी द्वारा बूथ स्थापित किया जा सकता है। 200 मीटर के बाहर भी दस बाई दस फीट के बूथ में भी केवल दो मेज और कुर्सी लगाई जा सकती हैं, यहां किसी प्रकार का पोस्टर, झंडा या चुनाव चिन्ह नहीं लगाया जा सकता। अनाधिकृत वोटर पर्चियां भी नही दी जा सकती। बूथ पर किसी तरह की भीड़ भी इकट्ठी नहीं की जा सकती।

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163 के तहत यह आदेश भी जारी किए गए हैं कि मतदान केंद्र में मतदाता पोलिंग ऑफीसर, एक समय में एक उम्मीदवार या उसका एक एजेंट, जिला निर्वाचन अधिकारी या आयोग द्वारा अधिकृत व्यक्ति, ड्यूटी में लगे अधिकारी/कर्मचारी, किसी मतदाता के छोटे छोटे बच्चे, बिना सहायता के चलने फिरने या वोट करने में अक्षम दृष्टिबाधित या दिव्यांग, प्रेसिडिंग ऑफिसर द्वारा समय-समय पर वॉटर की पहचान या मदद के लिए बुलाए गए व्यक्ति को छोड़कर अन्य कोई भी व्यक्ति प्रवेश नहीं कर सकता।

 

विधानसभा आम चुनाव-2024 के लिए मतदान पार्टियां 4 अक्तूबर को मतदान केंद्रों के लिए रवाना होंगी। चुनाव ड्यूटी पर जा रहे मतदान दल के कार्य में अगर कोई असामाजिक तत्व या राजनीतिक पार्टियां अपने प्रभाव के चलते उनकी ड्यूटी में किसी प्रकार का व्यवधान उत्पन्न करते हैं तो उनके विरूद्ध नियमानुसार कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

 

मतदान केंद्र के अंदर यदि किसी व्यक्ति का आचरण सही नहीं है या पीठासीन अधिकारी के आदेशों की अवहेलना करता है तो उसे ड्यूटी पर तैनात पुलिस कर्मचारी द्वारा मतदान केंद्र से बाहर निकाला जा सकता है। उसके बाद भी यदि वह व्यक्ति पीठासीन अधिकारी की अनुमति के बिना मतदान केंद्र में पुनः प्रवेश करता है तो उसे गिरफ्तार किया जा सकता है। रिटर्निंग अधिकारी, पीठासीन अधिकारी, पुलिस ऑफिसर या कोई अन्य व्यक्ति जिसे मतदान केंद्र के अंदर शांति और व्यवस्था कायम रखने हेतु ड्यूटी पर तैनात किया गया हो, उन्हें छोड़कर यदि कोई व्यक्ति हथियार के साथ मतदान केंद्र में आता है तो उसे एक अपराध माना जाएगा।

 

विधानसभा चुनाव के मतदान के दौरान कोई भी व्यक्ति मतदान केन्द्र में मोबाइल इत्यादि लेकर नहीं जा सकता। चुनाव आयोग के निर्देशानुसार मतदान के दौरान शांति व कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए ऐसे आदेश दिए गए हैं। उन्होंने आयोग द्वारा जारी निर्देशों की जानकारी देते हुए बताया कि मतदान को शांतिपूर्ण व निष्पक्ष ढंग से सम्पन्न करवाने के लिए मतदान केन्द्र में मोबाईल, वायरलेस व कॉर्डलेस आदि रखने पर भी पाबंदी रहेगी। अगर किसी भी व्यक्ति के पास मतदान केन्द्र में मोबाइल इत्यादि मिला तो उसे जब्त कर लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि चुनाव ड्यूटी व कानून व्यवस्था पर तैनात अधिकारियों व कर्मचारियों को निर्वाचन आयोग की हिदायतों के अनुसार आदेशों में छूट दी गई है। इसके अलावा आयोग द्वारा लगाए गए पर्यवेक्षकों और अधिकृत व्यक्ति पर ये आदेश लागू नहीं होंगे।

 

गुरुवार सायं 6 बजे के बाद राजनीतिक दल या उम्मीदवार किसी भी प्रकार की बैठक, जनसभाएं, लाउड स्पीकर का इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे। मतदान की समाप्ति के लिए नियत किए गए समय के साथ समाप्त होने वाले 48 घंटों की समयावधि के दौरान किसी भी तरह का प्रचार-प्रसार बंद हो जाता है। इस समय अवधि में कोई भी उम्मीदवार न तो किसी तरह की जनसभा आयोजित कर सकता है और न ही उसमें शामिल हो सकता है। इस दौरान किसी भी तरह की चुनावी सामग्री को सिनेमाटोग्राफी, टेलीविजन या अन्य उपकरणों के माध्यम से प्रदर्शित नहीं किया जा सकता है। इसके अलावा, किसी मतदान क्षेत्र में इस प्रतिबंधित अवधि के दौरान आमजन को आकर्षित करने की दृष्टि से म्यूजिक कॉन्सर्ट या थियेटर प्रोग्राम या अन्य मनोरंजक कार्यक्रम के माध्यम से किसी प्रकार का चुनावी प्रचार भी नहीं किया जा सकता। विस्तृत आदेश जिला प्रशासन की वेबसाइट डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यूडॉटरेवाड़ीडॉटजीओवीडॉटइन (www.rewari.in) पर देखे जा सकते हैं। जिला, सबडिवीजन, तहसील सत्र के कार्यालय, न्यायिक परिसर, थानों/चौकियों इत्यादि के नोटिस बोर्ड पर भी इन्हें लगाया गया हैं।

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