नगर आयुक्त जनता द्वारा चुने गए महापौर की सुनते नहीं

गोपाल चतुर्वेदी ब्यूरो चीफ मथुरा

 

महापौर ने उठाए नगर आयुक्त पर गंभीर सवाल

 

मथुरा वृंदावन नगर निगम मै इस समय सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है, जनता के द्वारा चुने गए महापौर विनोद कुमार अग्रवाल ने मथुरा वृंदावन नगर आयुक्त शशांक चौधरी पर गंभीर आरोप लगाते हुए पत्र जारी किया है , महापौर विनोद अग्रवाल के द्वारा जारी पत्र में लिखा है नगर आयुक्त जनता द्वारा चुने गए महापौर की किसी बात को नहीं सुनते है।

महापौर विनोद अग्रवाल ने कहा उनका संविधानिक अधिकार है कि नगर निगम के धन का दुरुपयोग ना होने दें, मथुरा वृंदावन नगर मै गलत काम किस के द्वारा किया जा रहा है जनता जानती है।

 

अभी तक मथुरा वृंदावन नगर निगम के अधिकारी और महापौर में जुवानी जंग जारी थी अब पत्र के माध्यम से खुलकर जनता के सामने आ गई।

 

महापौर विनोद अग्रवाल ने जारी किए पत्र के माध्यम से अवगत कराया कि मथुरा वृंदावन नगर निगम में काफी अनियमितता देखी गई जिनका पत्र लिख कर विरोध दर्ज कराया गया, जलकल विभाग के टेंडर को अधिकारियों द्वारा पूल करके दुगनी दरों पर बांट दिए गए।

 

आपात स्थिति में कोटेशन के माध्यम से 10 लाख रुपए तक के काम विना टेंडर प्रक्रिया के अधिकारियों को अधिकार दिया गया, उसका दुरपयोग करते हुए करोड़ों रुपए की स्ट्रीट लाइट, सेमी हाई मास्ट लाइट, तिरंगा लाइट्स जैसे अनेक काम 10-10 लाख के अनेक बर्क ऑडर बना कर खरीदी गई, नगर निगम की भूमि को बिना सदन की स्वीकृति के अनुबंधित किया गया जो पूरी तरह असंवैधानिक है।

 

 

जनता द्वारा चुने गए महापौर विनोद अग्रवाल द्वारा लिखित रूप से कई पत्र नगर आयुक्त को भेजे गए जिनका कोई जवाब नगर आयुक्त द्वारा नहीं दिया गया ।

विनोद अग्रवाल का पत्र माध्यम से कहना है, नगर निगम के अधिकारियों द्वारा अनावश्यक रूप से ठेकेदारों के पेमैंट को रोका गया जिसके कारण नगर निगम द्वारा जारी किए गए। निर्माण विभाग के 200 निविदाओं में से 100 से अधिक निविदाओं में ठेकेदारों द्वारा भाग नहीं लिया गया, जिसमें प्रदेश सरकार की सीएम ग्रिड योजना भी शामिल है, नगर निगम मै नगर आयुक्त की शह पर निगम की सभी कार्य योजनाएं ध्वस्त हो चुकी है।

 

महापौर विनोद अग्रवाल ने अवगत कराया नगर निगम की नवीन कार्ययोजनाओं को बनाने के लिये कोष की जानकारी हेतु पत्र के माध्यम से जवाब मांगा गया नगर आयुक्त की शह पर नगर निगम के कोष की जानकारी नहीं दी गई जिसके द्वारा नगर निगम मै आगामी कार्ययोजनाएं भी समय पर नहीं बन सकी ।

 

नगर निगम के सभी अधिकारियों द्वारा शपथ ली जाती है कि सरकारी जानकारी को तव तक सार्वजनिक नहीं किया जाता जब तक आवश्यक कारण ना हो, किंतु नगर आयुक्त द्वारा षडयंत्र के तहत मथुरा मै भाजपा महापौर की छवि को धूमिल करने के उद्देश्य से चार पांच पार्षदों को साझा कर दिया और जनता द्वारा चुने गए भाजपा महापौर के खिलाफ विरोध स्वरूप दबाव डालकर मेरे पत्र के खिलाफ पत्र लिखवाकर मीडिया मै भाजपा महापौर की छवि को धूमिल करने के लिए प्रयोग किए गए जो संविधान की ली गई शपथ का उल्लंघन है।

 

जबकि नगर निगम अधिनियम 1959 की धारा 117 उपधारा 5 के अंतर्गत नगर आयुक्त महापौर के सामान्य निर्देशन के अधीन अपने कर्तव्यों का पालन करेगा।

जबकि मथुरा वृंदावन नगर आयुक्त महापौर की किसी बात की सुनने को तैयार नहीं है।

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