हिन्दू महासभा ने भारत सरकार से “सर तन से जुदा” का उद्घोष गैर जमानती अपराध घोषित करने की मांग की – बी एन तिवारी

मनोज कुमार शर्मा ब्यूरो मैनपुरी

नई दिल्ली, संविधान में पंथनिरपेक्ष हटाकर धर्म निरपेक्ष जोड़ने के बाद से ” हंसकर लिया है पाकिस्तान – लड़कर लेंगे हिन्दुस्तान ” का नारा बुलंद करने वाले जेहादियों का गजवा ए हिन्द का मार्ग सरल हुआ। धर्मनिरपेक्षता के नाम पर अल्पसंख्यकों को उपकृत करने, हिंदुओं को तिरस्कृत करने और गजवा ए हिन्द के लिए सनातन और सनातनियों को मिटाने का मिशन आज भी जारी है। जेहाद के खिलाफ धर्मयुद्ध के धर्मयोद्धाओं को जेहादियों से जान से मारने की धमकियां मिलती है। शासन और कानून सुरक्षा देने के स्थान पर जेहादियों की भावनाओं को आहत करने जैसे कानून की अनेक धाराओं में धर्मयोद्धाओं को ही गिरफ्तार करने की फिराक में रहता है। धर्म योद्धा महामंडलेश्वर यति नरसिम्हा नंद जी महाराज शासन की इसी कुत्सित राजनीति का शिकार हो रहे हैं और उनके खिलाफ ” सर तन से जुदा ” के नारे भारत की फिजाओं में गूंज रहे हैं।

अखिल भारत हिन्दू महासभा के राष्ट्रीय प्रवक्ता बी एन तिवारी ने आज जारी बयान में बताया कि यह उद्गार हिन्दू महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रविन्द्र कुमार द्विवेदी ने नई दिल्ली में एक स्थानीय समाचार पत्र के पत्रकार से वार्ता करते हुए प्रकट किए। राष्ट्रीय अध्यक्ष ने भारत सरकार से सर तन से जुदा का उद्घोष गैर जमानती अपराध घोषित करने की मांग करते हुए कहा कि हिन्दू महासभा के पूर्व राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष कमलेश तिवारी और उसके बाद भाजपा की राष्ट्रीय प्रवक्ता नूपुर शर्मा के खिलाफ भी ” सर तन से जुदा ” का नारा गूंजा था। कमलेश तिवारी को पहले लखनऊ जेल में बंद कर प्रताड़ित किया गया। बाद में शासन की उदासीनता के चलते हिन्दू महासभा के लखनऊ कार्यालय में जेहादियों ने उनकी नृशंस हत्या कर दी थी। उन्होंने कहा कि शासन की उदासीनता से यति नरसिम्हानंद जी महाराज के प्राण खतरे में हैं और कमलेश तिवारी की तर्ज पर जेहादी उन्हें निशाना बना सकते हैं। नूपुर शर्मा भी जेहादियों के निशाने पर हैं और वो अपने खिलाफ कई मुकदमों की पैरवी करने पर विवश हैं।

राष्ट्रीय अध्यक्ष रविन्द्र कुमार द्विवेदी ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि सर तन से जुदा करने वाले जेहादियों पर कभी विधिक कार्रवाई नहीं होती। जेहादी इसे अपनी शरीयत से जायज बताते हैं। स्पष्ट है कि स्वतंत्रता के बाद से ही हिंदुओं को संविधान और कानून की बेड़ियों में जकड़कर अशक्त और जेहादियों को उनकी शरीयत से चलने की खुली छूट देकर सशक्त बनाया गया। यह छूट जेहादियों का सबसे बड़ा हथियार बना, जिसकी आड़ में वो हिंदुओं और उनकी संस्कृति तथा धर्म को नष्ट कर गजवा ए हिन्द के मिशन पर निर्भय होकर बढ़ रहे हैं। इसके विपरीत हिन्दू धर्माचार्यों और हिन्दू योद्धाओं को अपने धर्म और देश को जेहादियों से बचाने पर संवाद करने मात्र पर ही कानून की अनेक धाराएं लगाकर उसे वैसे ही प्रताड़ित करने का सिलसिला शुरू होता है, जो सिलसिला ब्रिटिश भारत में स्वतंत्रता संग्राम सैनिकों के साथ होता था। उन्होंने कहा कि देश में संविधान और शरीयत दोनो एक साथ नहीं चल सकता। जेहादी पूरे देश की शरीयत से चलाने का सपना देख रहे है। नरसिम्हानंद जी महाराज और नूपुर शर्मा जैसे धर्म योद्धा देश और हिन्दू धर्म को बचाने के लिए जेहाद और जेहादियों से लड़ रहे हैं, क्योंकि वो जानते हैं कि भारत गजवा ए हिन्द बना तो हिंदुओं के पास धर्मांतरण, बलिदान और देश छोड़ने के अतिरिक्त अन्य कोई विकल्प नहीं बचेगा।

हिन्दू महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रविन्द्र कुमार द्विवेदी ने कहा कि भारत हिंदुओं का दुनिया में पहला और आखिरी देश है, इसलिए देश छोड़ने पर उसे दुनिया में कहीं भी शरण नहीं मिलेगी। उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य का विषय है कि कमलेश, यति नरसिम्हानंद और नूपुर शर्मा के विरोध में लाखों जेहादी सड़कों पर उतरते हैं, जबकि ऐसे सनातन रक्षक हिन्दू धर्म योद्धाओं के समर्थन में हजार हिन्दू भी एक साथ सामने नहीं आते। उन्होंने कहा कि हिन्दू धर्म योद्धाओं को इस तरह अकेला छोड़ना हिंदुओं द्वारा स्वधर्म, स्वराष्ट्र, स्वसंस्कृति, स्वराज,स्वभाषा और स्वच्छंदता पर सबसे बड़ा आघात सिद्ध होगा, जिसके लिए भावी पीढ़ी उन्हें कभी क्षमा नहीं करेगी।

समाचार पत्र के साथ वार्ता में उपस्थित राष्ट्रीय प्रवक्ता मदन लाल गुप्ता ने कहा कि शासन और कानून के इसी दोहरे मापदंड से समाज में छोटा राजन और रवि बिश्नोई जैसे व्यक्तित्व जन्म लेते हैं, जो जेहादी मानसिकता को कुचलने के लिए अपना रास्ता तैयार करते हैं। कानून की किताबों में अपराधी और गैंगस्टर की उपाधि से विभूषित होकर भी जेहादी मानसिकता को कुचलने का उनका मिशन जारी रहता है। उन्होंने कहा कि ब्रिटिश काल में अपने धर्म और देश को बचाने के लिए सशस्त्र क्रांति में शामिल होने वाले नेताजी सुभाष चंद्र बोस और भगत सिंह जैसे असंख्य देशभक्त क्रांतिकारियों को आतंकवादी और खतरनाक अपराधी घोषित किया गया था, जो सरकारी गजट में आज भी घोषित है। वैसे ही छोटा राजन और रवि बिश्नोई कानून द्वारा गैंगस्टर घोषित किए गए हैं।

जारी बयान के अनुसार हिन्दू महासभा के राष्ट्रीय प्रचार मंत्री उपेन्द्र पाल सिंह ने भारत सरकार से समान नागरिकता संहिता लागू करने, शरीयत के कानून को पूर्णतया निरस्त करने, सर तन से जुदा के उद्घोष को गैर जमानती अपराध घोषित करने, यति नरसिम्हानंद और नूपुर शर्मा को जेड प्लस सुरक्षा प्रदान करने, दोनो पर दर्ज सभी एफ आई आर और न्यायिक वाद बिना शर्त वापस लेने और सर तन से जुदा का उद्घोष करने वाले सभी तत्वों की पहचान कर उन पर जान से मारने की धमकी देने की विधिसम्मत धाराओं के एफ आई आर दर्ज कर गिरफ्तार करने की मांग की है।

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