चौक की रामलीला में दसवें दिवस अहंकारी रह गया अकेला, कुम्भकर्ण मेघनाद का वध सुलोचना हुई सती

मोहित गुप्ता मण्डल संवाददाता 

शाहाबाद/हरदोई। नगर के श्री बाल रामलीला नाट्य कला मंदिर, चौक‌ मंच पर वृन्दावन की रास व रामलीला मंडल के कलाकारों ने बीती रात कुंभकर्ण वध, मेघनाद वध, सुलोचना सती लीलाओं का ऐसा मंचन किया, कि दर्शक प्रभु राम‌ के जयकारे लगाते दिखे लेकिन एक ऐसा मोड़ आया कि सभी दर्शक गमगीन हो गये, सुलोचना के सती का दृश्य देख सभी‌ दर्शक द्रवित हो गये, लेकिन एक खुशी थी कि इन सब मौतों का कारण बना अहंकारी कल मारा जायेगा। मध्यरात्रि तक चली रामलीला के दौरान बड़ी तादात में धर्मप्रेमी लोग मौजूद रहे। कलाकारों के रामलीला मंचन के दौरान दर्शकों ने भाव-विभोर होकर तालिया बजाकर उत्साहवर्धन भी किया। लीलाओ का शुभारंभ कार्यक्रम अतिथि त्रिपुरेश मिश्रा ब्लॉक प्रमुख शाहाबाद, रंजीत सिंह हरदोई ड्रिस्ट्रिक्ट क्रेन ग्रोवर्स काॅपरेटिव सोसाइटी डायरेक्टर, सत्येन्द्र राजपूत जिला महामंत्री भाजपा, मनोज मिश्रा पूर्व प्रधान, गोविन्द पाठक पूर्व प्रधान, सर्वेश सिंह पूर्व प्रधान, मेला संरक्षक डाॅ० मुरारी लाल गुप्ता, शिव कुमार गुप्ता, रमाकांत मिश्रा, अभय सिंह, पवन रस्तोगी आदि द्वारा प्रभु श्रीराम की आरती पूजन के बाद किया गया। इस अवसर आये आगंतुकों ने मेला कमेटी का आभार जताते हुए सभी उपस्थित सम्मानित जनों को दशहरा पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं प्रेषित की। कार्यक्रम अतिथि त्रिपुरेश मिश्रा ब्लॉक प्रमुख शाहाबाद ने संबोधित करते हुए कहा प्रभु श्रीराम के मंच से आशीर्वाद देने की शक्ति न हमारी है, और न ही आपकी है। यह प्रभु श्री राम शक्ति है कि वो हमें आशीर्वाद दें, इसलिए मैं प्रभु राम के चरणों में वंदन करते हुए यहाँ बैठी सम्मानित जनता को दशहरा की हार्दिक शुभकामनाएं देता हूँ व कमेटी का आभार व्यक्त करता हूँ। कि जो ऐसे सामाजिक और धार्मिक कार्यक्रमों के माध्यम से आज की जनरेशन को जोड़ने का काम करते हैं, ऐसे आयोजक बधाई के पात्र होते हैं। उन्होंने सभी से अनुरोध व निवेदन करते हुए कहा कि आप जब धार्मिक कार्यक्रम को देखे तो उसको नाटक के रूप में न देखे उनके पात्रों के चरित्र को देखे और यदि हम उनकी एक दशमलव प्रतिशत भी अपने बच्चों के संस्कारों में समाहित कर देते हैं, तभी ऐसे आयोजन की सफलता पूर्ण होती है। उन्होंने एक बार पुनः कमेटी का आभार जताते हुए सियावर रामचन्द्र जी के जयकारे के साथ अपने संबोधन को विराम दिया। सत्येन्द्र राजपूत जिला महामंत्री भाजपा ने अपने संबोधन में पर्व की बधाई देते हुए और कहा हमे रामलीला के सभी पात्रों का अनुसरण करते हुए प्रभु श्रीराम के बताएं पद चिन्हो पर चलना चाहिए और अपने अंदर के छुपे अहंकार रूपी रावण को मारना चाहिए। मेलाध्यक्ष चौधरी उमेश गुप्ता ने आये अतिथियों का आभार व्यक्त किया, मंच का संचालन अम्बरीश द्विवेदी द्वारा किया गया।

 

…अतिथियों के संबोधन के बाद उक्त लीला का शुभारंभ मेहमान कलाकारों ने कुंभकरण वध, सुलोचना सती लीला का बड़े ही मार्मिक ढंग से मंचन किया। मंच पर जैसे ही लक्ष्मण की मूर्छा टूटने का समाचार रावण के दरबार में आया। रावण बहुत क्रोधित हो गया। उसने राम-लक्ष्मण और सेना का वध करने के लिए भाई कुंभकर्ण को युद्ध में भेजने का निर्णय लिया। छह महीने गहरी नींद में सोये कुंभकरण को नींद से उठाया गया। रावण कुंभकरण को राम से युद्ध करने की कहते है। इस बीच रावण-कुंभकर्ण के बीच मार्मिक संवाद होते है। कुल की शान रखने के लिए कुंभकरण युद्ध को जाता है। वह भगवान राम के हाथों वीरगति को प्राप्त होता है। इसके बाद रावण पुन: पुत्र मेघनाद को युद्ध के लिए भेजते है। इससे पहले मेघनाथ अपनी कुल देवी की पूजा करने जाता है। यह सूचना जब भगवान राम के पास पहुंचती है। वह लक्ष्मण, हनुमान को वहां भेजते है। मेघनाथ के हवन को सफल नहीं होने देते, गुस्से में आए मेघनाथ और लक्ष्मण के बीच भंयकर युद्ध होता है, युद्ध में मेघनाथ मारा जाता है, मेघनाथ के मरने की सूचना पर बदहवास सुलोचना मंदोदरी के पास पहुंची, मंदोदरी ने कहा तुम राम के पास जाओ, इसके बाद सुलोचना श्री राम के पास अपने पति का शीश मांगने जाती हैं, कहती है, आप मेरे पति का सिर लौटा दे ताकि में सती हो सकूं, सुलोचना के विलाप को देखकर दुखी हुए प्रभु श्रीराम ने कहा मै तुम्हारे पति को अभी जिवित कर देता हूँ लेकिन उसने मना कर दिया, भगवान श्रीराम ससम्मान मेघनाथ का शीश उन्हें दे देते है। इस अवसर पर मेला कमेटी के सभी पदाधिकारियों सहित सैकड़ों की‌ संख्या में दर्शक मौजूद रहे।

 

 

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