रेवाड़ी जिले के धवाना गांव में शहीद नंदकिशोर की प्रतिमा का किया अनावरण

शिव कुमार यादव ब्यूरो चीफ रेवाड़ी

*रेवाड़ी 11 अक्टूबर*

आज आपको रेवाड़ी जिले के धवाना गांव के एक वीर सूबेदार नंदकिशोर वीर चक्र का परिचय आपसे कराते हैं। रेवाड़ी के एक वीर अहीर सूबेदार नंदकिशोर पुत्र स्वर्गीय श्री त्रिखाराम यादव का जन्म वर्तमान रेवाड़ी जिले के धवाना गांव में हुआ था जो अहिरवाल क्षेत्र का हिस्सा है 1962 के भारत चीन युद्ध में भी धवाना गांव के दो सगे भाई सिपाही सिंह राम और उनके छोटे भाई सिपाही रामकुमार 13 कुमाऊं रेजिमेंट में रेजांगला की लड़ाई में एक साथ लड़ते हुए शहीद हो गए थे बड़े भाई को उनकी वीरता के लिए वीर चक्र से सम्मानित किया गया था सूबेदार नंदकिशोर जी औपचारिक शिक्षा प्राप्त नहीं कर पाए थे क्योंकि उनके क्षेत्र में दूर-दूर तक कोई विद्यालय नहीं था जो कुछ भी उन्होंने सीखा वह चार कुमाउं रेजीमेंट की बटालियन में सीखा। जिसमें उनकी भर्ती 1 जुलाई 1939 को हुई। उनकी मेहनत भाईचारे और साहस को देखते हुए सूबेदार नंदकिशोर को 1961 में जमादार के पद पर जूनियर कमीशन दिया गया था 2 साल बाद उन्हें सूबेदार के पद पर पदोन्नति किया गया और बटालियन एक कंपनी की तीसरी प्लाटून का नेतृत्व सोचा 1965 में पाकिस्तान युद्ध के दौरान सितंबर के अंत में इंडो पाक युद्ध में वे शहीद हो गए थे।

आज दिनाँक 11 अक्टूबर 2024 को गाँव धवाना जिला रेवाड़ी में इंडो पाक वार 1965 के शहीद सूबेदार नन्दकिशोर वीर चक्र की प्रतिमा का अनावरण किया गया। इस अवसर पर पूर्व सैनिक व अधिकारीगण शहीद के बेटे सूबेदार होशियार सिंह, परिवार के सदस्य तथा ग्रामीण, मातृशक्ति, आसपास के क्षेत्र से सम्मानित सदस्यों तथा अहीर रेजिमेंट हक हमारा संगठन रेवाड़ी की इकाई के सभी पूर्व सैनिक साथियों (सूबेदार मनजीत सिंह कैप्टनशिप सूरजपाल यादव सूबेदार भूपेंद्र सिंह हवलदार, रणतेज यादव हवलदार ,मुनी लाल आदि) ने शहीद सूबेदार नंदकिशोर जी की मूर्ति स्थापना में भाग लिया, उनको गार्ड ऑफ ओनर दिया गया तथा अपने श्रद्धा सुमन अर्पित किए और भगवान से उनकी आत्मा की शांति के लिए 2 मिनट का मौन धारण किया गया, पूरा माहौल देशभक्ति और देश प्रेम की भावना से ओत-प्रोत दिखाई दे रहा था। अंत में शाहिद के बेटे सूबेदार होशियार सिंह और पूर्व सैनिक ऑफिसर्स द्वारा उपस्थित देश भक्तों को संबोधित किया गया। सभी को लड्डुओं का प्रसाद वितरित किया गया। भारत माता की जय के नारे के साथ आयोजन का समापन किया गया। इस मौके पर 4 कुमाऊं के अधिकारियों और जवानों ने तथा क्षेत्र की सरदारी ने भाग लिया।

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